Ayurved
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Patanjali-Divya Prakashan, Yog Ayurvedic books, Yoga and Pranayam, ध्यान, योग व तंत्र, बाल साहित्य
Aao Seekhe Yog Class 5 (Marathi)
Patanjali-Divya Prakashan, Yog Ayurvedic books, Yoga and Pranayam, ध्यान, योग व तंत्र, बाल साहित्यAao Seekhe Yog Class 5 (Marathi)
It is a textbook based on yogic education for students of Class 5. Yogic knowledge presented here is as per the physical and mental level of students in this age-group. Its purpose is to familiarise children to various yogic practices with the development of the ability to control mental impulses such as anger and jealousy. This in turn will enable them to gracefully subsist duties towards their own self, family, society and nation and grow up to become a moral and responsible human being. This series of book is available in multiple regional languages.
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Patanjali-Divya Prakashan, Yog Ayurvedic books, अन्य कथेतर साहित्य
Astavarga Rahasya (Hindi)
Ayurveda is the science of eternal life. It is an important part of our prosperous and glorious history. Astavarga is a name of a group of eight vitality promoting and anti-aging medicinal plants (Jivaka, Rishabhaka, Meda, Mahameda, Kakoli, Ksirkakoli, Riddhi and Vriddhi) mentioned in Ayurveda. It is an important ingredient of “Cyavanaprasa”. This book is intended for attention of researchers, cultivators of medicinal plants, and the billions of people who wish to have knowledge of medicinal plants. It is an attempt for error free identification of Astavarga plants, to offer a reliable and detailed use of these valuable plants. The identification and description of Astavarga plants presented in this book is based on ancient ayurvedic literature and research of the complete shastras.
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Patanjali-Divya Prakashan, Yog Ayurvedic books, अन्य कथेतर साहित्य
Aushadh Darshan (English)
Acharya Balkrishna Ji, as a hobby, started studying several medicines used in ancient medical practices which exhibited miraculous effect on the chronic diseases. Soon his detailed collection was applauded to such an extent that it became a necessity to publish this research in the form of a book, named as, Ausadh Darshan. This book has gained rapid popularity and about 10 million copies have been sold till date. It consists of the most effective methods suggested by Swami Ramdev Ji and Acharya Balkrishna Ji in order to treat fatal diseases. Aushadh Darshan is available in multiple languages.
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Patanjali-Divya Prakashan, Yog Ayurvedic books, अन्य कथेतर साहित्य
Aushadh Darshan (Hindi)
Acharya Balkrishna Ji, as a hobby, started studying several medicines used in ancient medical practices which exhibited miraculous effect on the chronic diseases. Soon his detailed collection was applauded to such an extent that it became a necessity to publish this research in the form of a book, named as, Ausadh Darshan. This book has gained rapid popularity and about 10 million copies have been sold till date. It consists of the most effective methods suggested by Swami Ramdev Ji and Acharya Balkrishna Ji in order to treat fatal diseases. Aushadh Darshan is available in multiple languages.
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Govindram Hasanand Prakashan, Others, प्रेरणादायी पुस्तकें (Motivational books)
Budape se Javani ki Ore
Govindram Hasanand Prakashan, Others, प्रेरणादायी पुस्तकें (Motivational books)Budape se Javani ki Ore
यह पुस्तक एक ऐसी पुस्तक के आधार पर लिखी गई है जो हजारों रुपए खर्च कर देने पर भी दुर्लभ थी। आज से 350 वर्ष पहले फ्रांस की एक महिला मदाम डी लेनक्लोस निनोन, जो कि 91 वर्ष की होकर मरीं, तब भी उनके चेहरे पर एक भी झूरी नहीं पड़ी थी।
सन् 1710 में फ्रांस के लेखक जीन सौवल ने एक पुस्तिका प्रकाशित की थी जिसमें उन प्रयोगों तथा व्यायाम का उल्लेख था जो उक्त महिला के युवा-सम स्वास्थ्य का कारण थे।
इन प्रयोगों को आधार बनाकर सैन फ्रांसिस्को के श्री सैनफोर्ड बेनेट ने यह प्रयोग अपने ऊपर किए और उन्हें सफलता प्राप्त हुई। उस आधार पर उन्होंने एक पुस्तक लिखी जिसका नाम था ‘ओल्ड एज इट्स कॉजेज एंड प्रिवेंशन‘। यह पुस्तक मदाम निनोन के प्रयोगों के आधार पर लिखी गई थी। इसकी एक ही प्रति भारत में उपलब्ध थी, जिसे लेखक ने प्राप्त कर उसके आधार पर इस ग्रंथ की रचना की।
इस पुस्तक में जो लिखा गया है उसे नियम पूर्वक क्रिया में परिणत किया जाए, तो मनुष्य वृद्धावस्था में युवावस्था का-सा सुखद स्वास्थ्य तथा चेहरा-मोहरा कायम रख सकता है। इसलिए इस पुस्तक का नाम रखा है ‘बुढ़ापे से जवानी की ओर‘।
जिन प्रयोगों का इस पुस्तक में वर्णन है उनका वैज्ञानिक-विवेचन भी इसमें किया गया है। दीर्घ-जीवन का वैज्ञानिक दृष्टि से विवेचन करने के साथ-साथ, दीर्घ-जीवन की आसन, प्राणायाम, ब्रह्मचर्य आदि भारतीय-पद्धतियों का विवरण भी इसमें दिया है।
इस पुस्तक की यह भी विशेषता है कि इसमें वृद्धावस्था की अनेक शारीरिक समस्याओं के लिए होम्योपैथिक उपचार का भी निर्देश दिया गया है। बुढ़ापे के आने पर भी बुढ़ापा ना आए-इस उपाय को सामने रख देना इस पुस्तक का मुख्य लक्ष्य है।SKU: n/a -
Patanjali-Divya Prakashan, Yog Ayurvedic books, अन्य कथेतर साहित्य
Chandra Nighantu (Hindi)
It is an important ancient creation of Vaidh Shiromani Chandra Nandan. This book is published first time on the basis of ancient manuscripts with Hindi translation. It is suitable for the people eager to learn more about Ayurveda, scholars and teachers as it includes the complete vocabulary of terms related to Ayurveda and detailed description of Ayurvedic medicines
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Patanjali-Divya Prakashan, Yog Ayurvedic books, अन्य कथेतर साहित्य
Harmekhala
This popular book of ancient Indian literature was written by Madhuk Pandit in 19th century. It includes the description of different Ayurvedic methods of treatment and also it embraces the knowledge of Shastra with Hindi translation. This is the first attempt to publish ancient handwritten manuscript with Hindi translation which was available in Nepal.
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Ayuvardhak Health Care, Rajpal and Sons
Main Se Maa Tak
माँ बनने के साथ शारीरिक, मानसिक और मनोवैज्ञानिक स्तर पर जो परिवर्तन होते हैं और अनुभूतियों में जो उतार-चढ़ाव आते हैं उनके बारे में बहुत अंतरंगता से मैं से माँ तक में बात की गयी है। साथ ही कुटुम्ब को आगे बढ़ाने के लिए जो परिवार और समाज का दबाव और अपेक्षा का बोझ एक नयी-नवेली दुल्हन पर डाला जाता है, उसकी भी चर्चा है। माँ बनने पर औरत के पूरे व्यक्तित्व, सोच और जीवन-मूल्यों में परिवर्तन आ जाता है, एक तरह से उसका अस्तित्व ही बदल जाता है और माँ का रूप उसके अन्य सभी अस्तित्वों पर जैसे हावी हो जाता है। मैं से माँ तक अनुभव यात्रा केवल अंकिता जैन की ही नहीं, बल्कि वह उन सब महिलाओं और बहुत से दम्पतियों की है जो जीवन के इस सुन्दर मोड़ पर हैं। वे सब लेखिका की यात्रा में अपनी यात्रा की कहानी पायेंगे। अपनी प्रेग्नेंसी के दौरान अंकिता जैन ने प्रभात खबर और लल्लनटॉप में ‘माँ-इन-मेकिंग’ स्तम्भ लिखना शुरू किया, जिसे पाठकों ने बहुत पसन्द किया और वहीं से इस पुस्तक की प्रेरणा मिली। तीन वर्षों तक वह बतौर सम्पादक और प्रकाशक के रूप में मासिक पत्रिका रू-ब-रू दुनिया का प्रकाशन कर चुकी हैं और अब तक अंकिता जैन का एक कहानी-संग्रह प्रकाशित हो चुका है। उनका संपर्क है
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Hindi Books, Others, Prabhat Prakashan
Phalit Sarovar
प्रत्येक व्यक्ति को अपने भविष्य में घटित होनेवाली शुभाशुभ घटनाओं को जानने की जिज्ञासा रहती है । यही कारण है कि आजकल शिक्षित युवकों में भी ज्योतिष के अध्ययन के प्रति रुचि जाग्रत् होती जा रही है ।
विद्वान् लेखक की पहली पुस्तक ‘ आधुनिक ज्योतिष ‘ बड़े-बड़े ज्योतिर्विदों के लिए भी वैज्ञानिक आधार सिद्ध हो चुकी है । प्रस्तुत है, ज्योतिष के फलित पक्ष पर लिखी गई उनकी एक और प्रामाणिक रचना, जिसमें उन्होंने राशियों, ग्रहों एवं भावों की शुभाशुभता, भावात् भावम् के सिद्धांत, सुदर्शन पद्धति, ग्रह दृष्टि भेद आदि अनेक जटिल प्रकरणों के अतिरिक्त ज्योतिष के एक सौ इक्कीस महत्त्वपूर्ण फलित सूत्रो को भी अनेक व्यक्तियों की जन्मकुंडलियों द्वारा सिद्ध किया है तथा साथ ही विभिन्न लग्नों की कुंडलियों में राशियों, भावों तथा ग्रहों के फल का भावेश, स्थिति एवं दृष्टि के आधार पर विवेचन करते हुए प्रत्येक भाव से संबंधित अनेक विशिष्ट योग भी प्रस्तुत किए हैं, जिससे पुस्तक की उपयोगिता कई गुना बढ़ गई है ।
प्रस्तुत पुस्तक में प्रयास किया गया है कि पाठक निश्चित सिद्धांतों के आधार पर स्वयं अपनी जन्मकुंडली का अध्ययन कर अपनी जिज्ञासा शांत कर सकें ।SKU: n/a