Literature & Fiction
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Literature & Fiction, Rajpal and Sons
An Ban | अन बन
वैशाली की नगरवधू, वयं रक्षामः, सोमनाथ, धर्मपुत्र और सोना और खून जैसे हिन्दी के क्लासिक उपन्यासों के लेखक आचार्य चतुरसेन की यह पुस्तक वैवाहिक जीवन में यौन-संबंधों के विषय पर केंद्रित है। विवाह के बाद दंपति दो अलग-अलग रिश्तों में बंध जाते हैं; एक रिश्ता पति-पत्नी का जो पारिवारिक और सामाजिक संबंधों पर आधारित है, और दूसरा रिश्ता स्त्री-पुरुष का जिसका आधार है यौन संबंध। वैवाहिक जीवन में कभी-कभी यौन संबंधी समस्याएं खड़ी हो जाती हैं जिनको यदि समय से न सुलझाया जाए तो वे एक नासूर बन जाती हैं जिससे शादी के मधुर मिलन में निराशा और दूरी आ जाती है। यदि आप अपने वैवाहिक जीवन में यौन सुख का भरपूर आनंद चाहते हैं या फिर किसी यौन-संबंधी समस्या से परेशान हैं तो यह पुस्तक आपके लिए मार्गदर्शक हो सकती है। आचार्य चतुरसेन शास्त्री साहित्यिक लेखक होने के साथ एक आयुर्वेद चिकित्सक भी थे। जैसे-जैसे उनकी पुस्तकों की लोकप्रियता बढ़ती गई, उन्होंने अपना पूरा समय लेखन में देना शुरू किया, पर आयुर्वेद में उनकी रुचि बराबर बनी रही। यह पुस्तक उनकी आयुर्वेदिक चिकित्सा के दौरान मरीज़ों की चिकित्सा के अनुभवों पर आधारित है।
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Literature & Fiction, Vani Prakashan
AURAT KA KOI DESH NAHIN (PAPER BACK)
तसलीमा नसरीन की यह पुस्तक जिसका अनुवाद सुशील गुप्ता ने किया है विभिन्न अखबारों में लिखे हुए कॉलमों का संग्रह है! यह किताब उन औरतों को समर्पित है,जो अपने कदम,’लोग क्या कहेंगे’ के दर से पीछे नहीं हटातीं। उन लोगों की जो इच्छा होती है,वही करती हैं। वर्तमान युग के नन्हें अंश के टुकड़े –टुकड़े चुन कर लेखिका ने इस पुस्तक में जोडे है यह पुस्तक महिलाओं के भविष्य को जगमगाता हुआ देखने की सुखद चाह का नतीजा है।
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Literature & Fiction, Vani Prakashan
AURAT KE HAQ MEIN
तसलीमा नसरीन का जीवन संघर्षों का एक अनन्त सिलसिला है और उनका साहित्य उन तमाम संघर्षों की एक अन्तहीन दास्तान। अपने लेखन के जरिये उन्होंने संघर्ष, विद्रोह और मुक्ति की पुकार को एकाकार कर दिया है। जीवन में जो कुछ भी वर्जित, घृणित और उपेक्षित है, तसलीमा अपने साहित्य में उन सबको एक उदात्त आयाम देकर प्रस्तुत करती हैं। तसलीमा को पढने के बाद पाठक अपने आप को एक वीभत्स यथार्थ के सामने पाता है और उसका नजरिया बदलने लगता है। तसलीमा फेमिनिज्म के बने-बनाए ढाँचों को तोड़कर हमारे सामने उसका एक अलग पाठ प्रस्तुत करती हैं।
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Hind Yugm, Literature & Fiction, उपन्यास
Bakar Puran (PB)
बकर पुराण’ हर उस बैचलर लड़के की ज़िंदगी की किताब है जो घर छोड़कर दिल्ली जैसे शहरों में पढ़ने आता है और फिर उन शहरों का हिस्सा हो जाता है। इसके पन्नों पर हर उस लड़के की कहानी है जिसने कभी प्रेम किया हो, मूर्खता की हो, चाय की दुकानों पर भारत की विदेश नीति पर परिचर्चा की हो।
‘बकर पुराण’ बैचलर लौंडों का इतिहास, वर्तमान और न बदलने वाला भविष्य है। इसकी भाषा और शैली वही है जो बैचलरों के कमरे में होती है, कोई सजावट या अभिजात्यता का ढोंग नहीं। जो है, बस वही है।
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Hindi Books, Literature & Fiction, Rajpal and Sons, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण
Buddham Sharnam Gachhami
-15%Hindi Books, Literature & Fiction, Rajpal and Sons, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरणBuddham Sharnam Gachhami
बुद्धम् शरणम् गच्छामि गौतम बुद्ध के जीवन पर आधारित उपन्यास है। गौतम बुद्ध एक श्रमण थे जिनकी शिक्षाओं पर बौद्ध धर्म की स्थापना हुई। इनका जन्म कपिलवस्तु (वर्तमान नेपाल में) के राजा शुद्धोधन के घर में हुआ था। उनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था और वे बचपन से ही दयालु थे। 29 वर्ष की आयु में सिद्धार्थ अपने नवजात शिशु राहुल, धर्मपत्नी यशोधरा और राजपाठ का मोह त्यागकर सत्य ज्ञान की खोज में वन की ओर चले गए। वर्षों की कठोर साधना के पश्चात बोध गया (बिहार) में बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ से भगवान बुद्ध बन गए। भगवान बुद्ध ने ‘बहुजन हिताय’ लोककल्याण के लिए अपने धर्म का देश-विदेश में प्रचार करने के लिए भिक्षुओं को भेजा। जिन्होंने भारत से निकालकर चीन, जापान, कोरिया, मंगोलिया, बर्मा, थाईलैंड, श्रीलंका आदि देशों में बौद्ध धर्म को फैलाया और जहाँ बौद्ध धर्म आज भी बहुसंख्यक धर्म है।
राजस्थान साहित्य अकादमी के सर्वोच्च सम्मान ‘मीरा पुरस्कार’ और ‘विशिष्ट साहित्यकार सम्मान’ आदि पुरस्कारों से सम्मानित राजेन्द्र मोहन भटनागर अपने ऐतिहासिक उपन्यासों के लिए विशेष रूप से जाने जाते हैं। युगपुरुष अंबेडकर, विवेकानन्द, सरदार, दलित संत, गौरांग, कुली बैरिस्टर और शहादत उनकी कुछ लोकप्रिय रचनाएँ हैं।
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Literature & Fiction, Prabhat Prakashan
CHHATRAPATI SHIVAJI
छत्रपती शिवाजी महाराज (1630-1680 ई.) भारत के एक महान राजा एवं रणनीतिकार थे… सन् 1674 में रायगढ़ में उनका राज्यभिषेक हुआ और वह “छत्रपति” बने। छत्रपती शिवाजी महाराज ने अपनी अनुशासित सेना एवं सुसंगठित प्रशासनिक इकाइयों कि सहायता से एक योग्य एवं प्रगतिशील प्रशासन प्रदान किया।
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Literature & Fiction, Vani Prakashan
CHHOTE CHHOTE DUKH
मापकाठी आख़िर किसके हाथ में है? औरत की सीमा या सीमाहीनता का फ़ैसला आख़िर कौन करेगा? यह हक़ क्या मर्द को है? यानी मर्द ही क्या समाज का। नियन्ता है? पुरुष-आधिपत्यमय समाज, क़दम-क़दम पर औरत का चरम अपमान करता है। अधिकांश मर्द ही यह समझते हैं कि औरत भोग की वस्तु है। धर्म ने। औरत को मर्द की दासी बनाया है। अपमान का भारी बोझ ढोते-ढोते औरत किसी वक्त आविष्कार करती है। कि उसकी छाती में बूँद- बूँद करके, दुःख और यन्त्रणा का पहाड़ जम गया है। इस पहाड़ को अपनी दोनों बाँहों। से धकियाते-ढकेलते औरत आज क्लान्त और बेजार है। लेकिन किसी की भी ज़िन्दगी की कहानी, यहीं ख़त्म नहीं होती। लेखिका को विश्वास है, वे सपने देखती हैं, औरत आग बन जाए। इस पुरुष-नियंत्रित समाज पर वह जवाबी अघात करे। जो कुछ चरम है, खुद चरमपन्थी बनकर ही, औरत जंग करे। ‘रानी बिटिया’ या ‘रानी-बहू’ बनकर या अनुगृहीत होकर जीने-रहने के दिन अब गुज़र गये। औरत के असहनीय दुःख-यन्त्रणा के कंकड़-पत्थर से ही उसकी मुक्ति और युक्ति की राह तैयार हो। अपनी अन्यान्य किताबों की तरह, तसलीमा नसरीन ने अपनी इस पुस्तक में भी कामना की है- ‘औरत इन्सान है-यही औरत का पहला और आखिरी परिचय हो।’ बंगलादेश में सन् 1994 में यह किताब पहली बार प्रकाशित हुई थी। कॉलम का रचनाकाल है 1992-93 । निर्वासित जीवन की शुरुआत के बाद, लेखिका के और-और कुछेक कॉलम भी बंगलादेश और पश्चिम बंगाल के अख़बारों में प्रकाशित हुए। ‘छोटे-छोटे दुःख’ में उनकी पहले की और परवर्ती विभिन्न समयों में प्रकाशित कुछेक रचनाएँ संगृहीत की गयी हैं।
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Literature & Fiction, Vani Prakashan
Desh Ke Hit Mein
नरेन्द्र कोहली
‘‘सत्य महाराज।’’ ललित ने हाथ जोड़ दिए, ‘‘किन्तुु क्या सरकार जानती है कि उसके जीवन के मूल में एक वोटर है और वह किसी भी दिन उसे छोड़ देगा; और सरकार के प्राण निकल जाएँगे।’’ ‘‘वोटर सरकार का शरीर बनाता है, सरकार की आत्मा तो उसका अंग्रेजों के द्वारा बनाया गया कार्यालय-तंत्रा है। वह शाश्वत है। वोटर उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।’’ ‘‘किन्तुु सरकार का शरीर भी तो मरेगा, उसकी पेंशन का क्या होगा?’’ ललित ने कहा। ‘‘मंत्रियों और सांसदों को पेंशन मिलेगी। उस पेंशन के अनेक रूप हैं, हरि के अनेक रूपों के समान। आप जैसे हरि को नहीं समझ सकते, वैसे ही सरकार को भी नहीं समझ सकते।’’ वे रुके, ‘‘अच्छा, अब इस चर्चा को छोड़िए और अपने जीवित होने के प्रमाण का नहीं, प्रमाणपत्रा का प्रबन्ध कीजिए।’’ आगन्तुकों को विदा कर ललित अपने मुहल्ले के पार्षद के पास पहुँचा, ‘‘देखिए, मैं जीवित हूँ।’’ ‘‘देख रहा हूँ।’’ ‘‘तो मुझे मेरे जीवित होने का एक प्रमाणपत्रा दे दीजिए।’’ ‘‘आप जीवित हैं तो फिर प्रमाणपत्रा की क्या आवश्यकता है? आपका जीवन ही आपका सबसे बड़ा प्रमाण है।’’ ‘‘देखिए, हमारे देश में एक सरकार है। उसके कार्यालय में एक फाइल है। वह फाइल मुझे वेतन देती है। उस फाइल को मेरे जीवित होने का एक प्रमाणपत्रा चाहिए, नहीं तो वह मेरा वेतन बन्द कर देगी। वह फाइल मुझे नहीं पहचानती, केवल प्रमाणपत्रा को पहचानती है। प्रमाणपत्रा के बिना तो स्वामी विवेकानन्द भी अमरीका में नहीं पहचाने गये थे।’’ ‘‘आप महान हैं; स्वामी विवेकानन्द के समान महान हैं। उनके पास भी प्रमाणपत्रा नहीं था और आपके पास भी नहीं है।’’ वह बोला, ‘‘उन्हें प्रो. हेनरी जॉन राइट ने एक प्रमाणपत्रा दिया था। आप भी प्रो. हेनरी जॉन राइट के पास चले जाइए, वे आपको भी प्रमाणपत्रा दे देंगे। उनसे कम का कोई प्रमाणपत्रा आपको शोभा भी नहीं देता।’’ ‘‘पर हमारी सरकारी फाइलें क्या प्रो. हेनरी जॉन राइट को पहचान लेंगी?’’ ‘‘क्यों नहीं, हेनरी जॉन राइट पहले अपने जीवित होने का प्रमाणपत्रा प्रस्तुत करें।’’ और ललित प्रो. हेनरी जॉन राइट की खोज में निकल पड़ा… (पुस्तक अंश)
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Literature & Fiction, Vani Prakashan
DEVI
The capability of reading and other personal skills get improves on reading this book Devi by SuryaKant Tripathi Nirala.This book is available in Hindi with high quality printing.Books from Novel category surely gives you the best reading experience.
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Literature & Fiction, Vani Prakashan, उपन्यास
Do Aurton Ke Patra (Paper Back)
“प्रस्तुत कृति में पुरुष शासित समाज में स्त्रियों की दुर्दशा का हू-ब-हू चित्रण है। स्त्री-भोग्या मात्र है और धर्मशास्त्रों में भी उसके पाँवों में बेड़ियाँ डाल रखी हैं। ईश्वर की कल्पना तक में परोक्षतः नारी-पीड़ा का समर्थन किया गया है। सामाजिकत रूढ़ियों के पालन में, और दाम्पात्य जावन के प्रत्येक क्षेत्र में-यानी स्त्रियों के किसी भी मामले में पुरुषों की लालसा, नीचता, आक्रमकता, और निरंकुश भाव को तसलीमा ने खुले आम चुनौती दी है। अपनी दुस्साहसपूर्ण भाषा-शाली और दो टूक अंदाज में अपने विचारों को इस तरह रखा है कि पाठक एक बारगी तो तिलमिला उठता है। पुरुष शासित समाज में स्त्रियों के अधिकार और नारी–मुक्ति को लेकर चाहे जितने बड़े-बड़े दावे पेश किये जाएँ, बांग्लादेश की लेखिका तसलीमा नसरीन का स्वर निस्सन्देह सबसे भास्वर है। उनके लेखन का तेवर सर्वाधिक व्यंग्य मुखर और तिलमिला दोनो वाला है। संस्कार मुक्ति प्रतिवादी और बेबाक तसलीमा ने अपने ‘निर्वाचित कलम’ द्वारा बांग्लादेश में एक जबरदस्त हलचल-सी मचा दी और जैसा कि तय था, विवाद के केन्द्र में आ गयी। इस अप्रतिम रचना को आनन्द पुरस्कार से सम्मानित किये जाने की खबर से सारे देश में एक कृति के प्रति स्वभावतः कौतुहल पैदा हो गया। उक्त रचना के साथ उनके द्वारा इसी विषय पर लिखित उनके अन्य लेखों को भी पस्तुत संस्करण में सम्मिलित कर लिया गया है। इस कृति में तसलीमा ने बचपन से लेकर अब तक की निर्मम, नग्न और निष्ठुर घटनाओं और अनुभवों के आलोक में नये सवाल उठाए गये हैं, जिनसे स्त्रियों के समान अधिकारों को एक सार्थक एवं निर्णायक प्रस्थान प्राप्त हुआ है। “
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Fiction Books, Garuda Prakashan, Literature & Fiction, ऐतिहासिक उपन्यास, ऐतिहासिक नगर, सभ्यता और संस्कृति
Ek Kafir Mera Padosi
-10%Fiction Books, Garuda Prakashan, Literature & Fiction, ऐतिहासिक उपन्यास, ऐतिहासिक नगर, सभ्यता और संस्कृतिEk Kafir Mera Padosi
कश्मीर आज इस धरती पर सबसे ज्यादा कट्टरपंथी क्षेत्र है। मगर धार्मिक अत्याचारों और हिंसा के ज्ञात लघु इतिहास से परे भी एक इतिहास है जहाँ पर इसके मूल निवासियों ने लगातार धार्मिक अत्याचारों का विरोध किया और अपने धर्म को बनाए रखने के लिए बार बार संघर्ष किया।
इस कहानी को एक ऐसे मनोवैज्ञानिक द्वारा संवेदना के तंतुओं के साथ बुना गया है जिन्होनें कश्मीर के दर्द को अपने काम के हिस्से के रूप में महसूस किया है। यह एक ऐसी प्रेरक कहानी है जो तीन युवाओं के इर्दगिर्द घूमती है, जो हैं आदित्य, एक हिन्दू कश्मीरी पुजारी, जो अपने लोगों के लिए न्याय खोज रहा है, अनवर जो उसका पड़ोसी और एक इमाम का बेटा है, जो एक इस्लामिक कश्मीर बनाने के लिए हर कदम उठाने के लिए तैयार है और जेबा जो अपने प्यार एवं मजहब के बीच फंसी है।
बगल में काफिर हर उस व्यक्ति के लिए शक्तिशाली कहानी है जो एक गहरे अन्धकार के बाद अपनी एक पहचान की तलाश में और पहली बार कोई किताब हिंदुत्व के बहुलतावाद एवं इस्लाम के एकेश्वरवाद के बीच के संघर्ष को इतनी गहराई बताती है तथा यह पहली ऐसी किताब है जो मानवीय भाव की क्षमा एवं पश्चाताप को बताती है।SKU: n/a -
Hind Yugm, Literature & Fiction, उपन्यास
Ghar Wapasi (PB)
Reading books is a kind of enjoyment. Reading books is a good habit. We bring you a different kinds of books. You can carry this book where ever you want. It is easy to carry. It can be an ideal gift to yourself and to your loved ones. Care instruction keep away from fire
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