सही आख्यान (True narrative)
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, प्रेरणादायी पुस्तकें (Motivational books), सही आख्यान (True narrative)
Divya Garbha Sanskar Vigyan
-15%Hindi Books, Prabhat Prakashan, प्रेरणादायी पुस्तकें (Motivational books), सही आख्यान (True narrative)Divya Garbha Sanskar Vigyan
प्रत्येक माता-पिता की इच्छा होती है कि उनके घर भी झाँसी की रानी, महाराणा प्रताप, शिवाजी, स्वामी विवेकानंद, ध्रुव, प्रह्लाद, मीरा, श्रवण कुमार, अभिमन्यु आदि जैसी संतान हो, किंतु इसको साकार करने के पीछे जो वैज्ञानिक और वैदिक चिंतन था, उसके विषय में अधिकांश जन अनभिज्ञ हैं।
भारतीय ऋषियों ने अनेकानेक वर्षों तक शोध एवं आत्मज्ञान के आधार पर विभिन्न वैज्ञानिक एवं वैदिक चिंतनों को निश्चित सिद्धांतों के रूप में पिरोया, जिन्हें ‘संस्कार‘ कहते हैं । इन्हीं संस्कारों और परंपराओं का आधार है-गर्भ संस्कार । यह दिव्य (दैवीय) विज्ञान है।
प्रस्तुत ग्रंथ ‘दिव्य गर्भ संस्कार विज्ञान‘ नारी सशक्तिकरण और परिवार संस्था को सबल बनाने तथा प्रत्येक परिवार/व्यक्ति में दिव्य शक्तियों के आमंत्रण और आगमन का आधार है।
जब माता- पिता किसी दिव्य आत्मा का आह्वान करते हैं, तो उनको वही शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक पात्रता भी स्वयं में विकसित करनी होती है। इसीलिए मनुष्य में देवत्व का उदय और धरती पर स्वर्ग के अवतरण के उद्घोष को साकारित कर भारत के विश्वगुरु के पुरातन वैभव और स्वर्णिम भविष्य की नींव इस ‘दिव्य गर्भ संस्कार विज्ञान‘ ग्रंथ के माध्यम से रखकर हम देवकऋण- ऋषिऋण-पितूऋण-भूतऋण-मनुष्य/लोक ऋण-राष्ट्रऋण से उऋण हो सकते हैं।
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, उपन्यास, सही आख्यान (True narrative)
Doosri Jung
“हे मेरी स्मृति के आलोक ! पृथक कर दे मुझे
इस मायावी संसार से खींच ले माया मेरी काया से
जब्त कर ले गुलाबी-सौरभ और पाट दे जीवन-बाग को
उसी कँटीली नागफनी से जो बाग में नहीं
सुदूर रेगिस्तानों में उगती है और जिनके शोले में तिरोहित पुष्प
रेगिस्तानी काफिले को क्षण भर में नाचती मरीचिका से बाहर कर सके |
— इसी संग्रह से”
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EKA Prakashan, Westland Publisher, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र, सही आख्यान (True narrative)
DYNASTY TO DEMOCRACY: THE UNTOLD STORY OF SMRITI IRANIS TRIUMPH
EKA Prakashan, Westland Publisher, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र, सही आख्यान (True narrative)DYNASTY TO DEMOCRACY: THE UNTOLD STORY OF SMRITI IRANIS TRIUMPH
Amethi has long been perhaps India’s highest profile constituency. Billed as ‘karmabhoomi’ of the Nehru–Gandhi family, it has been continually held by the Congress since its inception as a Lok Sabha constituency in 1967, except for half a dozen years in between. Reports in the national media and Congress projections have always shown it as a robust and highly developed area.
However, when Smriti Irani stepped into this constituency as the Bharatiya Janata Party candidate for the 2014 elections, the truth behind the Amethi myth became apparent. Irani was struck by the dereliction of the place and its people. It was neglected, backward and depressed about its future. Amethi had become little more than a political tourist destination that politicians, industrialists, middlemen and the media stepped into and dealt with as they please.
Tracing Irani’s footsteps from her defeat in 2014 to her win in 2019, senior journalist Anant Vijay attempts to understand the reasons behind her success in Amethi, shining a light on both Irani’s personality and her political methods. Through the political history of what was once a Congress bastion, Dynasty to Democracy examines how political parties function in a democracy like ours. Vijay’s book is also a keen study of the RSS’s working style, its strategies and exemplary execution that backed Smriti Irani’s efforts from 2014 to 2019.
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Garuda Prakashan, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)
Eesawad aur Purvottar Bharat Ka Sanskritik Sanhar
Garuda Prakashan, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)Eesawad aur Purvottar Bharat Ka Sanskritik Sanhar
ईसावाद और पूर्वोत्तर भारत का सांस्कृतिक संहार
शैलेन्द्र कुमार की ईसावाद और पूर्वोत्तर भारत का सांस्कृतिक संहार एक ऐसे विषय को लेती है, जिसके बारे में बहुधा लोग जानते तो हैं, किन्तु उन्हें ये ध्यान नहीं आता कि पूर्वोत्तर भारत में ईसावाद ने कैसे अपने पैर पसारे और वहाँ की संस्कृति को नष्ट कर दिया।
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र, सही आख्यान (True narrative)
Emergency ka Kahar aur Censor ka Zahar (PB)
-15%Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र, सही आख्यान (True narrative)Emergency ka Kahar aur Censor ka Zahar (PB)
इस पुस्तक के पृष्ठों में आपातस्थिति के अँधेरे में किए गए काले कारनामों और करतूतों का विवरण दिया गया है। हमारे देश के इतिहास में आपातकाल एक ऐसा कालखंड है, जिसकी कालिख काल की धार से भी धुलकर साफ नहीं हुई है। इस दौरान विपक्ष के प्रायः सभी प्रमुख नेताओं और हजारों नागरिकों को बिना मुकदमा चलाए जेल में डाल दिया गया था। इनमें करीब 250 पत्रकार भी थे। लोगों को अनेक ज्यादतियों और पुलिस जुल्म का सामना करना पड़ा था। अखबारों के समाचारों पर कठोर सेंसर लगा दिया गया था। यह इमरजेंसी का ब्रह्मास्त्र साबित हुआ। जो काम अंग्रेजों ने नहीं किया था, वह इंदिरा गांधी की सरकार ने कर दिखाया।
विडंबना यह कि करीब साढ़े चार दशक बाद आज की पीढ़ी को यह भरोसा नहीं हो पा रहा है कि लोकतांत्रिक भारत में जनता की आजादी के विरुद्ध ऐसा भी तख्तापलट हुआ, जिसका विरोध-प्रतिरोध करने वालों को इसे ‘आजादी की दूसरी लड़ाई’ की संज्ञा देनी पड़ी।
आपातकाल का काला अध्याय एक ऐसा विषय है, जिसपर देश-विभाजन की तरह अनेक पुस्तकें आनी चाहिए। स्वतंत्र राजनीतिक विश्लेषकों की दृष्टि में यह स्वतंत्र भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण घटना है। लोकशक्ति द्वारा लोकतंत्र को फिर पटरी पर ले आने की कहानी उन सबके लिए खास तौर पर पठनीय है, जिनका जन्म उस घटनाक्रम के बाद हुआ।
प्लेटो के विश्व प्रसिद्ध ‘रिपब्लिक’ ग्रंथ पर जो विशद विवेचन है उससे स्पष्ट है कि गणतंत्र को सबसे बड़ा खतरा भीतर से है, बाहर से नहीं। गणतंत्र सदैव अपने ही संक्रमण से पतित होता है।SKU: n/a -
Abrahamic religions (अब्राहमिक मजहब), Hindi Books, Suggested Books, Vani Prakashan, सही आख्यान (True narrative)
FATWE ULEMA AUR UNKI DUNIYA
-10%Abrahamic religions (अब्राहमिक मजहब), Hindi Books, Suggested Books, Vani Prakashan, सही आख्यान (True narrative)FATWE ULEMA AUR UNKI DUNIYA
एक मुसलमान का किसी भारत जैसे गैर-मुस्लिम देश के प्रति क्या रुख होना चाहिए? काफिरों के प्रति उसका व्यवहार कैसा होना चाहिए? क्या उसे, जो कुछ गैर-मुस्लिम करते हैं उससे उलट करना चाहिए? क्या उसे वही करना चाहिए जिससे वे हतोत्साहित हों? क्या जिहाद को काफिरों के खिलाफ कयानत तक चलने वाला सिलसिला बताया गया है? क्या मुसलमान को विज्ञान की उन नयी खोजों को स्वीकार कर लेना चाहिए जो कुरान और हदीस की मान्यताओं के विरुद्ध जाती हैं और पुरानी खोजों का खण्डन करती हैं-जैसे कि पृथ्वी गोल है, यह पृथ्वी के इर्द-गिर्द चक्कर काटती है। कहा जाता है कि इस्लाम की संहिता मुकम्मिल है, और इसे बताने और लागू करने का काम फतवों के माध्यम से होता है। इस तरह से फतवों की पुस्तकें कानून की रिपोर्टों के समकक्ष होती हैं और ये शरियत का सक्रिय रूप होती हैं। ये मुसलमान समुदाय के उन उच्चतम और सर्वाधिक प्रभावशाली उलेमा द्वारा रचित कृतियाँ हैं, जो उसे रूप एवं दिशा प्रदान करते हैं।
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Voice of India, इतिहास, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र, सही आख्यान (True narrative)
Freedom of Expression
Voice of India, इतिहास, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र, सही आख्यान (True narrative)Freedom of Expression
Over the past few years, many of Freedom House’s publications, including Freedom in the World, Freedom of the Press and Freedom on the Net: A Global Assessment of Internet and Digital Media, have pointed to worrisome declines in freedom of expression in countries around the world. According to the Universal Declaration of Human Rights, freedom of expression is the right of every individual to hold opinions without interference and to seek, receive and impart information and ideas through any media and regardless of frontiers. In practice, however, this fundamental human right is frequently restricted through tactics that include censorship, restrictive press legislation, and harassment of journalists, bloggers and others who voice their opinions, as well as crackdowns on religious minorities and other suppression of religious freedom. In response to the growing problem, Freedom House is engaging in a multi-faceted Freedom of Expression Campaign to defend this critical right.
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Hindi Books, Rajpal and Sons, Suggested Books, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)
Gandhi Ke Brahmacharya Prayog | गाँधी के ब्रह्मचार्य प्रयोग
-10%Hindi Books, Rajpal and Sons, Suggested Books, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)Gandhi Ke Brahmacharya Prayog | गाँधी के ब्रह्मचार्य प्रयोग
‘‘गाँधी काम-भावना की दुर्दम्य शक्ति से जीवनपर्यंत आक्रान्त रहे। उन्होंने ब्रह्मचर्य व्रत, अर्थात पत्नी के साथ शारीरिक सम्बन्ध का त्याग सन् 1906 में ही ले लिया था। पर वे स्त्री-पुरुष सम्बन्ध के आकर्षण से कभी मुक्त नहीं हो सके। जिसे गाँधीजी ने जीवन के उत्तरार्ध में ‘ब्रह्मचर्य प्रयोग’ कहा, उसके गम्भीर अध्ययन के बाद वह मोह और आकर्षण ही लगता है। स्वयं गाँधीजी ने अपनी आत्मकथा लिखने में तथा उस के बारह वर्ष बाद भी स्वीकार किया है कि वे ‘इन्द्रिय नियन्त्रण’ रखने में कठिनाई महसूस करते हैं। अर्थात् 57 और 69 वर्ष की आयु में भी उनका ब्रह्मचर्य एक सचेत प्रयत्न था, सहजावस्था नहीं। गाँधीजी ने यह छिपाया नहीं, यह उनकी महानता थी। किन्तु उन प्रयोगों में कोई महानता नहीं थी।’’ गाँधीजी के ब्रह्मचर्य के प्रयोग क्या थे? ऐसे प्रयोगों के पीछे गाँधीजी की क्या धारणा थी? कारण क्या थे, ऐसे प्रयोग करने के? और इन प्रयोगों की गाँधीजी के जीवन में क्या अहमियत थी? ऐसे ही कुछ असहज सवालों पर यह पुस्तक प्रकाश डालती है। गंभीर अध्ययन के बाद लिखी यह पुस्तक प्रामाणिक उद्धरणों पर आधारित है और लेखक का कहना है कि ‘‘यह एक प्रयास है ताकि हम प्रत्येक विषय पर पूर्वाग्रहरहित होकर जानकारी प्राप्त करने तथा सोचने-विचारने के प्रति सचेत हों।’’
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Prabhat Prakashan, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र, सही आख्यान (True narrative)
Gandhi Laute
अध्ययन और आस्था के साथ आकर्षक शैली में लिखी गई यह पुस्तक ‘गांधी लौटे’ जब हमारे जैसे गांधी-सेवकों के पास पहुँचती है तो विशेष प्रसन्नता होती है। लेखक श्री मनु शर्मा ने ‘फैंटेसी’ शब्द का इस्तेमाल किया है। इस विधा का प्रयोग इस पुस्तक को अधिक रुचिकर बना देता है, जिसके कारण गंभीर दार्शनिक विषय भी सहज पठनीय बन जाता है। इसके लिए लेखक विशेष सराहना के पात्र हैं। वाराणसी के ‘आज’ समाचार-पत्र के लिए स्तंभ के रूप में लिखे गए इन लेखों में स्वाभाविक ही उस समय की घटनाओं का जिक्र आ जाता है, जो उस समय की राष्ट्रीय व सामाजिक गतिविधियों को प्रस्तुत करता है। गांधी-विचार के विविध पहलुओं को लेखक ने इतने सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया है कि हर कोई इस पुस्तक को अवश्य पढ़ना चाहेगा।
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)
Gandhi Se Pahale Gandhi
“स्ट्रीटफिल्ड और बिरसा का संवाद क्रांति-पुरोधा बिरसा के विराट जीवन-दर्शन को रूपायित करता है । संघर्ष के समाजसशास्त्रीय दर्शन को नई ऊँचाई देता है। “तुम्हारी वजह से इतना खून बहा क्या इसका तुम्हें अफसोस नहीं ?/’
“खून बहे तो बहे, आँसू न बहें”” । “तुम खून से ज्यादा आँसू को समझते हो?””
“हाँ! खून जिंदगी है तो आँसू जिंदगी का रंग है। हमने यह लड़ाई जिंदगी के लिए नहीं, जिंदगी में कोई रंग हो, इसके लिए लड़ी है और लड़ते रहेंगे। यह युद्धविराम हुआ है, युद्ध का अंत नहीं हुआ।“ डॉ. एंडर्सन पर क्रूर और हिंसक व्यवस्था का आतंकी दबाव पड़ता है। इंजेक्शन से बिरसा के भीतर मौत उड़ेलने का हैवानी निर्देश दिया जाता है। इस भयावह अपकृत्य से डॉक्टर की आतंकित, व्यथित व द्रवित मन:स्थिति के चाक्षुष-बिंब का रचाव उपन्यासकार के जीवट भरे लेखन का प्रमाणमात्र है ।
दूर कोठरी में बंद गया मुंडा सनरी मुंडा व सुखराम बिरसा की झन-झन बजती बेड़ियों में संघर्ष का महासंगीत सुनते हैं । इस महासंगीत में होता है—मन की पीड़ा का तिरोहण। यानी क्रांति की पात्रता का विकास अपनी पूर्णता में । —इसी उपन्यास से
क्रांति के महानायक बिरसा मुंडा के संघर्ष, पराक्रम और राष्ट्राभिमान का दिग्दर्शन करवाता प्रेरक उपन्यास, जिसे पढ़कर पाठकों में देशभक्ति और साहस का संचार होगा |”
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Surya Bharti Prakashan, इतिहास, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण, सही आख्यान (True narrative)
Gandhi vadh kyu?
-गोपाल गोडसे
महात्मा गांधी की हत्या करने वाला नथूराम गोडसे देश का संभवतः सबसे विवादास्पद चरित्र है। देश भी उसके इस आचरण को लेकर दो खेमों में विभाजित है। कुछ लोग उसे देशद्रोही मानते हैं, तो कुछ लोग उसे देश का सच्चा सिपाही मानते हुए उसके मंदिर तक बनवाने की पैरवी करते हैं। ऐसे में आम आदमी के मन में यह सवाल कौंधना स्वाभाविक है कि नथूराम गोडसे वास्तव में क्या था? क्या नथूराम गोडसे आतंकवादी था? क्या नथूराम गोडसे देशद्रोही था? क्या नथूराम गोडसे पेशेवर हत्यारा था? अगर नहीं, तो उसने गांधी जी की हत्या क्यों की? वह भारत-विभाजन के लिए गांधी जी को जिम्मेदार क्यों मानता था? और…क्या सचमुच गांधी जी ने मुसलमानों के तुष्टिकरण के लिए यह गुनाह कर देश की जनता को धोखा दिया था? नथूराम गोडसे का पक्ष जानने के लिए उसके भाई और गांधी जी के हत्या के ‘षड्यंत्र’ में शामिल होने के अपराध में आजीवन कारावास भुगतकर 13 अक्तूबर 1964 को मुक्त हुए गोपाल गोडसे द्वारा प्रस्तुत एक ऐतिहासिक दस्तावेज।
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, प्रेरणादायी पुस्तकें (Motivational books), सही आख्यान (True narrative)
Garbh Evam Prasav Gyan
-15%Hindi Books, Prabhat Prakashan, प्रेरणादायी पुस्तकें (Motivational books), सही आख्यान (True narrative)Garbh Evam Prasav Gyan
प्रसूति विज्ञान चिकित्सा शास्त्र की उस शाखा का नाम है, जिसका संबंध स्त्री जननांग, गर्भावस्था, प्रसव तथा प्रसवोत्तर काल से होता है। इस शास्त्र का उद्देश्य है—‘स्वस्थ माँ और स्वस्थ नवजात’। माँ और बच्चे के स्वास्थ्य के माध्यम से ही किसी देश की स्वास्थ्य संबंधी गुणवत्ता की पहचान होती है। वहाँ की चिकित्सा सेवा कितनी अच्छी है, इसका अंदाजा वहाँ के मातृ मृत्यु-दर एवं शिशु मृत्यु-दर से ही लगाया जाता है। विकसित देशों में मातृ एवं शिशु मृत्यु-दर पहले ही काफी कम हो चुकी है।
गर्भ एवं प्रसव विज्ञान पर अधिकांश पुस्तकें अंग्रेजी में हैं, जिन्हें पढ़ना और समझना हमारी सामान्य जनता के लिए संभव नहीं है। प्रस्तुत पुस्तक सरल-सुबोध भाषा में लिखी प्रामाणिक जानकारी लिये है। इसकी भाषा और बातें हमारी जनता पढ़ सकेगी, समझ सकेगी तथा अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रह सकेगी।
हम अपने ही शरीर से बिल्कुल अनजान हैं। इस पुस्तक में जननांगों की बनावट एवं जनन-क्रिया को संक्षेप में बताया गया है। भ्रूण के विकास की क्रिया और उसको दुष्प्रभावित करनेवाले कारकों को बताया गया है। गर्भ तथा प्रसव की सामान्य एवं असामान्य स्थितियों की भी चर्चा की गई है। अन्य बीमारियों से पीडि़त माताओं को गर्भावस्था में क्या सावधानियाँ रखनी होंगी, नवजात की सही देखभाल कैसे की जाए, यह सब इस पुस्तक में वर्णित है।
हर घर-परिवार के लिए पठनीय एवं उपयोगी पुस्तक।SKU: n/a -
Voice of India, इतिहास, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र, सही आख्यान (True narrative)
Genesis and Growth of Nehruism
Voice of India, इतिहास, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र, सही आख्यान (True narrative)Genesis and Growth of Nehruism
This book documents, from Pandit Nehru’s own writings and speeches, the Genesis and Growth of his ideology–how he was drawn into the Comintern network in 1926; how he became a worshiper of the Soviet Union after a brief visit to Moscow in 1927; how Lenin and Stalin became his heroes par excellence.
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Vitasta Publishing, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)
GOVERNMENT DOESN’T WANT YOU TO KNOW THIS
From fraudulent forensic reports to dodgy Parliament replies, our Government has resorted to an array of dark maneuvers to block the truth about SUBHAS CHANDRA BOSE’s fate. Now, powered by years of unrelenting research, CHANDRACHUR GHOSE and ANUJ DHAR bring you the cold truth. The man who freed India was alive long after his reported death, a victim of cruel circumstances. Here are the heartbreaking facts Government would not like you to know.
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)
Gyan Darpan
व्यक्ति को अपने अस्तित्व एवं व्यक्तित्व को जानने एवं विकास करने की विधि का ज्ञान हो – यही इस पुस्तक ‘ज्ञान दर्पण’ का मूल उद्देश्य है।
‘अस्तित्व’ अदृश्य होता है । यह आध्यात्मिक पुस्तकों को पढ़ने एवं आध्यात्मिक महापुरुषों के विचारों को समझने से अनुभव में आता है।
‘व्यक्तित्व’ दृश्य होता है। इसके विकास हेतु अपने शरीर-मन- विचार एवं भावनाओं को निरंतर शुद्ध एवं परिष्कृत करना होता है, जिससे व्यक्ति तेजवान होता है तथा लंबी आयु प्राप्त करता है ।
व्यक्ति अपने अस्तित्व एवं व्यक्तित्व का चरम विकास कर समाज कल्याण हेतु बने, यही भावना इस पुस्तक का मूल उद्देश्य है।
समाज में आज धर्म के प्रति भ्रम की स्थिति बनी है, जिससे वैयक्तिक- सामाजिक गलतियों एवं बुराइयों का प्राचुर्य दृष्टिगोचर होता है । इस धर्म के प्रति भ्रम का निवारण- निराकरण करने हेतु ‘ज्ञान दर्पण’ का प्रकाश आलोकित करना इस पुस्तक का परम लक्ष्य हैI
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Abrahamic religions (अब्राहमिक मजहब), Hindi Books, Rajasthani Granthagar, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)
Haivaniyat Ka Senapati
Abrahamic religions (अब्राहमिक मजहब), Hindi Books, Rajasthani Granthagar, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)Haivaniyat Ka Senapati
हैवानियत का सेनापति
इस संसार में उपयोग करने हेतु वस्तुओं की कमी नहीं है, अगर वो समानता से सभी को प्राप्त हो। भोजन, पानी, जिंदगी की तमाम आवश्यक लगने वाली वस्तुओं से भी महत्त्वपूर्ण है। जब जन्म होता है तब से मनुष्य आनंद को तरसता है वो संसार में आनंद को खोजता है वो ज्यादा एकत्रित करने की चेष्टा में दूसरों को हानि पहुँचाता है। फिर जन्म होता है लालच, घमंड और जल का, जिन्हें नुकसान होता है वो बदले की प्रतीक्षा करते हैं। शैतान का जन्म यहीं से होता है। इच्छापूर्ति होने पर मानव मन शांत नहीं बैठता, वो नई इच्छाएँ बनाता है और पूरा न होने पर आपा खो बैठता है। Haivaniyat Ka Senapati
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Hindi Books, Hindu Janajagruti Samiti, Suggested Books, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र, सही आख्यान (True narrative)
Halal Jihad (PB)
Hindi Books, Hindu Janajagruti Samiti, Suggested Books, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र, सही आख्यान (True narrative)Halal Jihad (PB)
हलाल जिहाद ? (भारतीय अर्थव्यवस्थापर नया आक्रमण ?)
शरीयत आधारित ‘इस्लामिक बैंक’का अनेक देशोंने विरोध किया; परन्तु ग्राहक अधिकारोंके कारण तथा कट्टर धर्मपालनके आग्रहवश ‘हलाल अर्थव्यवस्था’ आज फलती-फूलती दिखाई दे रही है । मुसलमान प्रत्येक पदार्थ और वस्तु इस्लाम अनुसार वैध अर्थात ‘हलाल’ हो, इसकी मांग कर रहे हैं । इसके लिए ‘हलाल सर्टिफिकेट’ अनिवार्य हो गया ।
‘सेक्युलर’ भारतमें ‘भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण’ (FSSAI) जैसी सरकारी व्यवस्था होते हुए भी ‘हलाल सर्टिफिकेट’ देनेवाली इस्लामी संस्थाओंकी क्या आवश्यकता है ?
इस पृष्ठभूमिपर यह ग्रन्थ किसी समाजकी धार्मिक श्रद्धाके विषयमें अथवा उनके धार्मिक अधिकारोंके विषयमें प्रश्न करनेके लिए अथवा उनका अपमान करनेके लिए नहीं; अपितु भारतके १०० करोड हिन्दू ग्राहकोंके अधिकारोंका सम्मान करनेके लिए, उन्हें उनके ग्राहक अधिकारों का भान दिलानेके लिए तथा राष्ट्रके सामने आसन्न एक संकटकी जानकारी देनेके लिए संकलित किया गया है !
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Abrahamic religions (अब्राहमिक मजहब), Voice of India, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)
Heroic Hindu Resistance to Muslim Invaders
Abrahamic religions (अब्राहमिक मजहब), Voice of India, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)Heroic Hindu Resistance to Muslim Invaders
It is this version of India’s history which gave a good conscience to the British imperialist while he pulverised Hindu society, plundered Hindu wealth and poured undisguised contempt on Hindu culture, It is this version of India’s history which emasculated Hindu society and emboldened the residues of Islamic imperialism to stage street riots and then walk away with precious parts of the Hindu homeland, thus consolidating an aggression which had not succeeded even though mounted again and again for more than a thousand years. It is this version of India’s history which is being invoked by the fifth-columns of Islam, Christianity, and Communism, each of which looks forward to a final conquest of this country with the help of foreign finances and, if need be, foreign firearms. And it is this version of India’s history which is being promoted by power-hungry politicians who woo the Muslim vote-bank while they divide Hindu society into mutually hostile camps.
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Hindi Books, Jansabha, Suggested Books, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)
Hey Ram Gandhi Hatyakand ki Pramanik Padtal (PB)
Hindi Books, Jansabha, Suggested Books, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)Hey Ram Gandhi Hatyakand ki Pramanik Padtal (PB)
गांधी हत्याकांड का सच सिर्फ इतना भर नहीं है कि 30 जनवरी 1948 की एक शाम गोडसे बिड़ला भवन आया और उसने गांधी को तीन गोली मार दीं। दरअसल, गांधी हत्याकांड को संपूर्ण रुप से समझने के लिये इसकी पृष्ठभूमि का तथ्यात्मक अध्ययन अति आवश्यक है। इस पुस्तक में गांधी की हत्या से जुड़े एक पूरे काल खंड का बारीकी से अध्ययन किया गया है। आज़ादी के आंदोलन का अंतिम दौर, मुस्लिम लीग की पाकिस्तान की मांग, सांप्रदायिक दंगे, देश का विनाशकारी विभाजन, लुटे-पिटे शरणार्थियों की समस्या, मुस्लिम तुष्टिकरण की पराकाष्ठा, पाकिस्तान को 55 करोड़ रुपये देने के लिये गांधी का हठ, हिंदुओं के मन में पैदा हुआ उपेक्षा और क्षोभ का भाव, सत्ता और शक्ति के लिए कांग्रेस के तत्कालीन नेतृत्व में पड़ी फूट जैसी कई वजहों से गांधी हत्याकांड की पृष्ठभूमि तैयार होती है। गोडसे की चलाई तीन गोलियों की तरह ये सब मुद्दे भी गांधी की हत्या के लिये बराबरी से जिम्मेदार हैं। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि जब-जब गांधी की हत्या की बात होती हैं तो इन मुद्दों पर चुप्पी साध ली जाती है। कभी इस विषय पर भी गंभीर चर्चा नहीं होती है कि “पाकिस्तान मेरी लाश पर बनेगा” ये कहने वाले गांधी ने विभाजन के खिलाफ कोई आमरण अनशन या कोई आंदोलन क्यों नहीं किया? इस पुस्तक में इस मुद्दे पर तथ्यों के साथ चर्चा की गई है। साज़िश की तह तक पहुंचने के लिए पुस्तक के लेखक ने पुलिस की तमाम छोटी-बड़ी जांच रिपोर्ट, केस डायरी, गवाहों के बयान और पूरी अदालती कार्यवाही से जुड़े हज़ारों पन्नों का बहुत ही बारीकी से अध्ययन किया है। कुल मिलाकर इस पुस्तक को मानक इतिहास लेखन की दृष्टि से देखा जाए तो लेखक प्रखर श्रीवास्तव ने प्राथमिक स्रोतों का उपयोग बहुत परिश्रम, सावधानी और समझदारी से किया है।
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, Suggested Books, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)
Himalaya Par Lal Chhaya
-10%Hindi Books, Prabhat Prakashan, Suggested Books, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)Himalaya Par Lal Chhaya
वर्ष 1962 में भारत पर चीनी आक्रमण स्वतंत्र भारत के इतिहास की एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और भारतीय सेना की शर्मनाक पराजय एक कलंक। वह हार सेना की नहीं थी, अपितु तत्कालीन सरकार की लापरवाही के कारण हुई थी। भारत की सरकार पंचशील के भ्रम में और ‘हिंदी-चीनी भाई-भाई’ के नारे में मस्त रही; यद्यपि चीन द्वारा तिब्बत के अधिग्रहण के बाद भारतीय सीमा पर घुसपैठ चलती रही थी। जो भारत की सेना अपनी बहादुरी के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध थी और जिस सेना के पराक्रम से मित्र देशों ने दो विश्वयुद्धों में जीत हासिल की थी, भारत की वही बहादुर सेना 1962 में बुरी तरह से परास्त हुई।
पिछले कुछ वर्षों से सीमा पर घुसपैठ कुछ अधिक होेने लगी है। कई बार चीनी सेना कई मील अंदर आ गई। चिंता का विषय यह है कि चीनी सेना भारतीय सीमा में अपनी मरजी से आती है और अपनी मरजी से ही वापस चली जाती है।
इस पुस्तक का एकमात्र उद्देश्य भारत को उस चुनौती के लिए तैयार करना है, जो आज मातृभूमि पर आए संकटों ने हमारे सामने उपस्थित कर दी है। परिस्थितियाँ विपरीत हैं, मानो समय भारत के पौरुष, नीतिज्ञता व साहस की परीक्षा लेना चाहता है। निस्संदेह कुछ ऐसे तथ्य सामने आए हैं, जिनसे भविष्य के प्रति महान् निराशा होती है, परंतु हमें यह भूलना नहीं चाहिए कि विकट और महान् संकटों में से राष्ट्रों के उज्ज्वल भविष्य का उदय हुआ करता है।SKU: n/a -
Hindi Books, Prabhat Prakashan, अन्य कथा साहित्य, ऐतिहासिक नगर, सभ्यता और संस्कृति, सही आख्यान (True narrative)
Hindi Yatra-Sahitya Ko Rahul Sankrityayan Ki Den (PB)
-10%Hindi Books, Prabhat Prakashan, अन्य कथा साहित्य, ऐतिहासिक नगर, सभ्यता और संस्कृति, सही आख्यान (True narrative)Hindi Yatra-Sahitya Ko Rahul Sankrityayan Ki Den (PB)
यात्रा-साहित्य हिंदी साहित्य की लोकप्रिय रोचक एवं रोमांचक विधा है। हिंदी साहित्य की अमर विभूतियों में महापंडित राहुल सांकृत्यायन का नाम अविस्मरणीय है। उनका बहुआयामी व्यक्तित्व अत्यंत प्रभावशाली और प्रेरणाप्रद रहा है। राहुलजी ने हमारे साहित्य को नई दिशा एवं प्रेरणा दी है। हिंदी साहित्य और हिंदी यात्रा-साहित्य को उनकी देन गुण और मात्रा दोनों ही दृष्टियों से महत्वपूर्ण एवं अपरिमित है। जिस तरह उनके पाँव नहीं रुके, उसी तरह उनकी लेखनी भी चलती रही। डॉ. सेतेंग कोनगाड़ी ने इस पुस्तक में राहुलजी के यायावरी जीवन, अध्ययन की प्रवृत्ति एवं उनकी यात्रा का विशद, सजीव एवं सटीक वर्णन किया है। मनोरम प्रकृति, देश-विदेश, अज्ञात प्रदेश और दुर्गम क्षेत्र-वर्णन में वह इस कदर खो जाता है मानों स्वयं प्रत्यक्षदर्शी हो और सहयात्री बनकर यात्रा के आनंद में सहभागी हो जाता है। निष्कर्षतः यह पुस्तक सभी पाठकों के लिए मनोरंजक और ज्ञानवर्द्धक सिद्ध होगी।
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