Caste History in India
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Garuda Prakashan, Hindi Books, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)
Caste Ka Satya (PB)
‘कास्ट (CASTE)’ एक शताब्दी से भी अधिक समय से भारत के सामाजिक और राजनीतिक विमर्श में एक ज्वलंत प्रसंग रही है। प्रत्युत, शिक्षाविदों और राजनेताओं द्वारा इसके उपयोग और दुरुपयोग के विषय में सत्य से परिचित होने का कोई गंभीर प्रयास नहीं किया गया है – वरन् उन्होंने कपटवश एवं कुत्सित इच्छानुरूप अपनी व्यक्तिगत स्वार्थपरकता से वशीभूत होकर सत्य को उनके द्वारा निर्मित छद्म आवरणों में स्वयं को सीमित रखने पर विवश किया है तथा सत्यान्वेषी शिक्षाविदों, लेखकों एवं पत्रकारों को भारतीय समाज के समक्ष शाश्वत सत्य को प्रकट कर सामाजिक परिवर्तन को गति प्रदान करने से रोकने का हर संभव प्रयास किया है।
“कास्ट (CASTE) का सत्य” संभवतः उन सभी विभाजनकारी शक्तियों के कुत्सित षड्यंत्रों तथा नैतिकता एवं सदाचार की दृष्टि से निरापद अनैच्छिक सहभागिता को उजागर करने का प्रथम गंभीर प्रयास है जो आज भारत में व्याप्त एवं विद्यमान सभी अमंगलकारी घटनाक्रम को ‘कास्ट (CASTE)’ के माध्यम से निष्पादित करने में रूचि रखते हैं।
सौरभ अग्रवाल, धातुकीय अभियांत्रिकी, आईआईटी-बीएचयू से स्नातक हैं। वह नियमित स्वैच्छिक रक्तदाता, शोधकर्ता, शिक्षाविद्, कवि एवं राष्ट्रवादी सामाजिक कार्यकर्ता हैं। पूर्व में वह इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधिकारी, नारायणा शिक्षण संस्थान, कानपुर के समूह निदेशक (अकादमिक) आदि पदों पर आसीन रहते हुए विभिन्न दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। इससे पूर्व उनके द्वारा अनुवादित दो अन्य पुस्तकें “एक योगी जिसने बदला उत्तर प्रदेश” तथा “सनातन धर्म : हिंदू धर्म और नैतिकता पर एक प्राथमिक पाठ्यपुस्तक”, गरुड प्रकाशन द्वारा प्रकाशित की जा चुकीं हैं। “कास्ट (Caste) का सत्य एवं अन्य निबंध” गरुड प्रकाशन के लिए अनुवादक के रूप में उनकी तृतीय पुस्तक है।
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Rajasthani Granthagar, ऐतिहासिक नगर, सभ्यता और संस्कृति
Hindu Shreshthata – Harvilas Sharda Krit Sampurn Vishva ke Maapdand
-10%Rajasthani Granthagar, ऐतिहासिक नगर, सभ्यता और संस्कृतिHindu Shreshthata – Harvilas Sharda Krit Sampurn Vishva ke Maapdand
हिन्दू श्रेष्ठता – हरविलास शारदा कृत सम्पूर्ण विश्व के मापदण्ड : विश्व के लगभग सभी बड़े देशों का इतिहास विस्मृति के कुहासे में लुप्त है, सभी देशों में बाह्य एवं आन्तरिक समाघातों और संघर्षों के कारण जीवन की परिस्थितियां बहुत बदली हैं। किन्तु व्यापक मानवता के लिए यही हितकारी है कि प्रत्येक महान् जाति के सुदूर अतीत तक का अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त हो सके। इसी उद्देश्य की पूर्ति करती है कि यह पुस्तक।
‘भारत वह स्त्रोत है जहां से न केवल शेष एशिया अपितु सारे पश्चिम जगत ने अपना ज्ञान और धर्म प्राप्त किए।’ – प्रोफेसर हीरेन
‘पृथ्वी पर रहने के लिए भारत सबसे अधिक रुचिकर स्थान है और विश्व का सबसे आनन्ददायक प्रदेश है।’ – अब्दुला वासफवर्तमान भला कैसे फलप्रद हो सकता है या भविष्य कैसे आशा दिला सकता है, यदि उनकी जड़े दृढ़ता से अतीत में गड़ी हुई न हो। प्रस्तुत पुस्तक में भारत देश के उस अतीतकालिक सभ्यता की एक झलक दिखाने का प्रयास है, जो अद्भुत, अतुलनीय एवं सर्वप्रकारेण आकर्षक थी। इस पुस्तक का उद्देश्य यही है कि प्राचीन हिन्दुओं के उदात्त चरित्र और अपूर्व उपलब्धियों का परिचय कराके मनुष्य को हिन्दू सभ्यता की श्रेष्ठता का मूल्यांकन करने में समर्थ बनाया जाए।
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Hindi Books, Rajpal and Sons, इतिहास
Jaati Ka Chakravyuh Aur Arakshan
आज़ादी की लड़ाई के दौरान ही यह मुद्दा बार-बार उठा कि आज़ाद भारत में अछूत कही जाने वाली जातियों की स्थिति क्या होगी? फुले-पेरियार-अंबेडकर के आंदोलनों ने जाति प्रश्न को प्रमुखता से उभारा तो गांधी का छुआछूत विरोधी आंदोलन इसका ही एक और आयाम था।
आज़ादी के बाद संविधान बना तो दलितों-आदिवासियों के समुचित प्रतिनिधित्व के लिए नौकरियों और संसद में आरक्षण की जो व्यवस्था की गई वह शुरू से ही वर्चस्वशाली जातियों के प्रतिनिधियों की आँखों की किरकिरी बनी रही। फिर नब्बे के दशक में पिछड़ी जातियों के आरक्षण के लिए मंडल आयोग की अनुशंसाओं के ख़िलाफ़ तो हिंसक आंदोलन भी हुए। अभी हाल में 2022 जब आरक्षण लागू हुआ तो इसे आरक्षण की मूल भावना के ख़िलाफ़ बताया गया।
सत्येंद्र प्रताप सिंह की यह किताब भारतीय समाज में जाति प्रश्न और आरक्षण से जुड़े सवालों को अकादमिक तरीके से ही नहीं बल्कि एक कार्यकर्ता के तेवर से भी उठाती है और सामाजिक-आर्थिक यथार्थ के बरअक्स समझने का प्रयास करती है। आम पाठकों और शोधार्थियों के लिए समान रूप से उपयोगी यह किताब हिन्दी क्षेत्र में आरक्षण के सवाल को बेहतर तरीके से समझने के लिए बेहद कारगर है। 13 मई, 1975 को गोरखपुर में जन्मे सत्येंद्र पी. एस. ने सेंट एंड्यूज कॉलेज गोरखपुर से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर किया तथा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की उपाधि ली। 22 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय सत्येंद्र पिछले 14 वर्षों से बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार में कार्यरत हैं। उनकी किताब मंडल कमीशनः राष्ट्र निर्माण की सबसे बड़ी पहल काफी चर्चित रही है।
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English Books, Garuda Prakashan, इतिहास
The Truth About Caste
‘Caste’ has been a burning issue in Bharat’s social and political discourse for more than a century, but no serious attempt has been made to know about its use and misuse by academia and politicians—rather they have deliberately hidden the truth from us for their selfish interests.
The Truth About Caste is a serious attempt to expose the designs of all those who put all blame on caste for all the evil existing in Bharat today.
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English Books, Occam (An Imprint of BluOne Ink), इतिहास, सही आख्यान (True narrative)
Varna Jati Caste
-12%English Books, Occam (An Imprint of BluOne Ink), इतिहास, सही आख्यान (True narrative)Varna Jati Caste
Caste is being used as a major weapon to shame Hindus. This crisp and easy primer presents a powerful counter to Western Universalism’s harsh attacks on caste. It is a long over-due toolkit to help all open-minded people gain an understanding of the subtleties of Hinduism’s complex social order. This social structure has, after all, produced a civilization with unparalleled diversity. The Vedic worldview along with the historical journey of Varna and Jati demolishes the prevailing myths about caste.
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