Dr. Narendra Kumar (U.K)
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Govindram Hasanand Prakashan, Hindi Books, अन्य कथेतर साहित्य, इतिहास
Bhartiya Swatantrta Sangram me Arya Samaj ka 80% Yogdaan
Govindram Hasanand Prakashan, Hindi Books, अन्य कथेतर साहित्य, इतिहासBhartiya Swatantrta Sangram me Arya Samaj ka 80% Yogdaan
निष्चित रूप से ब्रिटिष शासन से भारतवर्ष की स्वतंत्रता के लिए आर्य समाज ओदोलन के सदस्यों द्वारा प्रमुख (80 प्रतिषत) भूमिका निभाई गई।
यह पुस्तक आर्य समाज के उन वीर सैनिकों को समर्पित है, जिन्होंने आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द सरस्वती की राष्ट्रीय प्रेरणाओं को अनुसरण करते हुए स्वतंत्रता आन्दोलन में भाग लिया और तत्कालीन आर्य समाज के वीर पुरुषों और महिलाओं के सदस्यों ने अपने जीवन का बलिदान दिया।
इन्होंने अपनी आजीविका और पारिवारिक सुखों को छोड़ कर अंडमान द्वीप में सेलुलर जेल (काला पानी जेल) सहीत विभिन्न जेलों की यातनाएं सहीं जिन्हें अपनों के कल्याण की कोई चिन्ता नहीं थी।
कोई भी देष अपने नागरिकों के व्यापक समर्थन के बिना इतनी बड़ी स्वतंत्रता प्राप्त नहीं कर सकता। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी, अखिल भारतीय मुस्लिम लीग और अन्यों ने शेष 20 प्रतिषत के लिए काम किया लेकिन ऐसा लगता है कि अल्पसंख्यक 20 प्रतिषत ही भारत के स्वतंत्रता का पूरा श्रेय लेते हैं और आर्य समाज आंदोलन के बहुमत (80 प्रतिषत) प्रतिभागियों का कोई उल्लेख नहीं किया जाता। यह क्या उचित है?
हमने आर्य समाज द्वारा निभाई गई बहुमत की भूमिका को साबित करने के लिए अब तक के उपलब्ध महत्वपूर्ण तथ्यों को एकत्र किया है।
हम ईमानदारी से भारत का वर्तमान सरकार से अनुरोध करते हैं कि इस लंबे समय तक अनदेखे सत्य तथ्य को उचित मान्यता दें और आर्य समाज आंदोलन के सदस्यों को उपकृत करें।
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Abrahamic religions (अब्राहमिक मजहब), English Books, Govindram Hasanand Prakashan, इतिहास
Major (80%) Role of Arya Samaj in Freedom Strugle of Bharat
Abrahamic religions (अब्राहमिक मजहब), English Books, Govindram Hasanand Prakashan, इतिहासMajor (80%) Role of Arya Samaj in Freedom Strugle of Bharat
Major (80%) Role was played by the members of Arya Samaj movement for the independence of Bharatvarsh from the British rule.This book is dedicated to those brave soldiers of Arya Samaj, who followed the foot prints of founder of Arya Samaj Maharishi Dayanand Saraswati.These men and women members of Arya Samaj of that time, sacrificed their lives, their livelihood, suffered the tortures of various jails including Cellular jail ( Kala Pani jail) in Andman island instead of comforts of their family homes. They did not worry about the welfare of their loved ones after they had gone.No country can achieve anything like independence, without the massive support of their citizens. Indian National Congress party, All-India Muslim League and others made for the remaining 20%. But minorities (20%) seem to take full credit of Independence of Bharat with no mention of majority (80%) participants of Arya Samaj movement. How unfair?We have collected all the available facts, available till now to prove the majority role played by Arya Samaj.We sincerely request the present Government of Bharat to give long over due recognition of this true fact and oblige members of the Arya Samaj movement.Is it too much to ask for? -Narendra Kumar
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