Dr Shreerang Godbole
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Akhil Bhartiya Sanskriti Samanvay Sansthan, Hindi Books, Suggested Books, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)
Shuddhi Aandolan ka Sankshipt Itihaas
Akhil Bhartiya Sanskriti Samanvay Sansthan, Hindi Books, Suggested Books, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)Shuddhi Aandolan ka Sankshipt Itihaas
अन्य उपासना-मतों में, विशेषकर इस्लाम एवं ईसाइयत में मतान्तरित हिन्दुओं का अपने मूल धर्म और समाज में वापस आने की प्रक्रिया ‘घरवापसी’ नाम से लोकप्रिय हुई है। इस प्रक्रिया को ‘शुद्धि’ या “परावर्तन’ भी कहा जाता है। भारत में रहने वाले अधिकांश मुस्लिमों और ईसाइयों के पूर्वज हिन्दू ही थे। किसी समय भय या धोखे से उन्हें मतान्तरित किया गया था। भारत के वर्तमान मुस्लिम और ईसाई इतिहासकाल में बिछुड़े हुए अपने ही बंधुओं की संतान है। मतान्तरण यह दासता का आविष्कार है।
मतान्तरित व्यक्ति और समाज उस इतिहासकालीन दासता के अवशेष हैं। मतान्तरित बंधुओं को स्वगृह में लाने और उन्हें मातृसमाज में आत्मसात करने का प्रयास इस्लामी आक्रमण के तुरंत बाद शुरू हुआ। अपने ऋषि मनीषियों ने इस प्रक्रिया को धर्मशास्त्र का आधार दिया।
अपने बिछुड़े हुए बंधुओं को आत्मसात करने के प्रयास ऋषियों, साधु-संतों, राजा महाराजाओं, धार्मिक-सामाजिक-राजनीतिक नेताओं और सामान्य लोगों ने किए। सन् 1947 को राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्ति भारत के इतिहास में महत्त्वपूर्ण पड़ाव था। सैकड़ों वर्षों के इस कालावधि में हुए शुद्धिकरण के प्रयासों की तथ्यपरक जानकारी इस पुस्तक में संक्षेप में दी गई है।
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