Ganga Singh Khichi
Showing the single result
-
Hindi Books, Rajasthani Granthagar, इतिहास
Mukandas Khichi
मुकनदास खीची : मारवाड़ के वीर शिरोमणि मुकनदासजी खीची के बारे में लोगों को अभी तक अधिक जानकारी नहीं है। इस पुस्तक के माध्यम से मुकनदास खीची की कीरत कथा उजागर करना हमारा उद्देश्य है, साथ ही आज की पीढ़ी जिस तेजी के साथ अपनी भाषा, इतिहास, रीति-रिवाज, अदब-कायदा व संस्कृति से परे होती जा रही है, उनको भी मुकनदास के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से परिचित कराना भी है।
मुकनदास खीची को इतिहास में जो स्थान मिलना चाहिए था नहीं मिला, उन्हें इतिहास से गौण कर दिया गया। पांडवों का एक वर्ष का अज्ञातवास कितना कठिन था जबकि मुकनदास खीची के सात वर्ष बालक महाराजा अजीतसिंह की जोगी के भेष में सुरक्षा, पल-पल की नजर रखना कितना कठिन कार्य था। वहीं दुर्गादास राठौड़ युद्ध करना, कूटनीति, राजपूतों को संगठित करना और महाराजा को खोया राज्य पुन: दिलाना के लिए प्रयासों में लगे रहे, तो दूसरी तरफ मुकनदास पर महाराजा को औरंगजेब की नजरों से बचाने का महत्वपूर्ण दायित्व था। अगर मुकनदास अपने कार्य में तनिक भी असफल हो जाते तो क्या दुर्गादास राठौड़ का उक्त कार्य सफल होता, ये दोनों ही एक सिक्के के दो पहलू हैं।
प्रस्तुत पुस्तक में इन्हीं सब पहलुओं पर विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए मुकनदास के बहुमुखी व्यक्तित्व एवं कृतित्व को उजागर किया है, जो समस्त खीची बंधुओं, शोधार्थियों, इतिहास के अध्येताओं, एवं सामान्य पाठकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा।SKU: n/a