Manoj Singh Books
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Prabhat Prakashan, Suggested Books, ऐतिहासिक नगर, सभ्यता और संस्कृति, धार्मिक पात्र एवं उपन्यास, सनातन हिंदू जीवन और दर्शन
Main Aryaputra Hoon (PB)
Prabhat Prakashan, Suggested Books, ऐतिहासिक नगर, सभ्यता और संस्कृति, धार्मिक पात्र एवं उपन्यास, सनातन हिंदू जीवन और दर्शनMain Aryaputra Hoon (PB)
‘‘हे आर्य! कोई बाहरी आक्रमणकारी जब किसी अन्य देश में प्रवेश करता है तो बाहर से भीतर आता है या भीतर से बाहर जाता है?’’
‘‘यह कैसा प्रश्न हुआ, आर्या! स्वाभाविक रूप से बाहर से भीतर
आता है।’’
‘‘और इसी स्वाभाविक तर्क के आधार पर ही मैं भी एक प्रश्न पूछना चाहूँगी। अगर यह मान लिया जाए कि हम आर्य बाहर से आए थे तो पश्चिम दिशा से प्रवेश करने पर सर्वप्रथम सिंधु के तट पर बसना चाहिए था और फिर पूरब दिशा की ओर बढ़ना चाहिए था। लेकिन वेद और पुरातत्त्व के प्रमाण कहते हैं कि हम आर्य पहले सरस्वती के तट पर बसे थे, फिर सिंधु की ओर बढ़े। यही नहीं, सरस्वती काल से भी पहले हम आर्यों का इतिहास विश्व की प्राचीनतम नगरी शिव की काशी और मनु की अयोध्या से संबंधित रहा है। और ये दोनों नगर भारत भूखंड के भीतर सरस्वती नदी की पूरब दिशा में हैं अर्थात् हम आर्य पूरब से पश्चिम दिशा की ओर बढ़े थे।…तो फिर ये कैसे बाहरी (?) आर्य थे जो भीतर से बाहर (!!) की ओर बढ़े थे।…झूठ के पाँव नहीं होते हैं आर्य, ये झूठे इतिहासकार आपके प्रामाणिक प्रश्नों के उत्तर क्या ही देंगे, जब ये मेरे इस सरल तर्क और सामान्य तथ्य पर बात नहीं कर सकते।’’
‘‘असाधारण तर्क आर्या!’’SKU: n/a -
Hindi Books, Prabhat Prakashan, Suggested Books, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, रामायण/रामकथा
Main Ramvanshi Hoon (PB)
-20%Hindi Books, Prabhat Prakashan, Suggested Books, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, रामायण/रामकथाMain Ramvanshi Hoon (PB)
“रामायण इतिहास है। त्रेतायुग की ऐतिहासिक कथा। वस्तुत: इतिहास कथा ही तो है। अत: हमारे विद्वान पूर्वजों ने इतिहास-लेखन कथात्मक शैली में किया । रामायण इसका आदर्श उदाहरण है। यह श्रीराम का मार्ग है। यह प्रभु श्रीराम के चरित्र-चित्रण और जीवन-चरित्र की कथा है। श्रीराम युगपुरुष हैं, अवतार-पुरुष हैं, संस्कार-पुरुष हैं, आदर्श-पुरुष हैं, धर्म की प्रतिमूर्ति हैं, आर्यश्रेष्ठ हैं, नरश्रेष्ठ हैं, यह उन्हीं पुरुषोत्तम की जीवन-कथा है। यह विश्व के महानतम योद्धाओं में श्रेष्ठ धनुर्धर श्रीराम की शौर्यगाथा है । यह युगनिर्माण की कथा है।
वर्तमान काल में श्रीराम अधिक प्रासंगिक हैं। अत: आज के गुरुकुल संस्कारवान आर्यों के निर्माण की प्रयोगशाला होने चाहिए, जहाँ रामकथा का प्रत्येक श्लोक छात्र के जीवन-यज्ञ का मंत्र बने। तभी हम उन्नत राष्ट्र का निर्माण कर पाएँगे। शस्त्र और शास्त्र के अलौकिक संगम से निर्मित श्रीराम का जीवन-चरित्र आर्यावर्त की गौरव-गाथा का प्रेरणा्रोत है। यह पुरुषोत्तम श्रीराम की मर्यादा की कथा है। इसका पठन-पाठन दानव को मानव और मानव को देवता बना देगा। सनातन परंपरा का पालन करते हुए
आर्यावर्त का इतिहास लिखने के लिए लेखक ने भी कथात्मक शैली का मार्ग चुना । इसी प्रयास का प्रथम प्रतिफल था ‘मैं आर्यपुत्र हूँ । पूर्व में प्रकाशित यह पुस्तक सतयुग की प्रामाणिक कथा है । ‘ मैं रामवंशी हूँ’ इसी की अगली कड़ी है । यह त्रेतायुग की प्रामाणिक कथा है।”
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