Puran
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Gita Press, वेद/उपनिषद/ब्राह्मण/पुराण/स्मृति
Abridged Shrimad Devibhagvat (Code1133)
यह पुराण परम पवित्र वेद की प्रसिद्ध श्रुतियों के अर्थ से अनुमोदित, अखिल शास्त्रों के रहस्य का स्रोत तथा आगमों में अपना प्रसिद्ध स्थान रखता है। यह सर्ग, प्रतिसर्ग, वंश, वंशानुकीर्ति, मन्वन्तर आदि पाँचों लक्षणों से पूर्ण हैं। पराम्बा भगवती के पवित्र आख्यानों से युक्त यह पुराण त्रितापों का शमन करने वाला तथा सिद्धियों का प्रदाता है।
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Gita Press, वेद/उपनिषद/ब्राह्मण/पुराण/स्मृति
Bhagvannam Mahima Aur Prarthna Ank(Code1135)
यह विशेषांक भगवन्नाम-महिमा एवं प्रार्थना के अमोघ प्रभाव का सुन्दर विश्लेषक है। इसमें विभिन्न सन्त-महात्माओं, विद्वान् विचारकों के भगवन्नाम-महिमा एवं प्रार्थना के चमत्कारों के सन्दर्भ में शास्त्रीय लेखों का सुन्दर संग्रह है। इसके अतिरिक्त इसमें कुछ भक्त-सन्तों के नाम-जप से होनेवाले सुन्दर अनुभवों का भी संकलन किया गया है।
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Gita Press, वेद/उपनिषद/ब्राह्मण/पुराण/स्मृति
Bhagvat Navneet(Code2009)
श्रीमदभागवत एक जीवन-दर्शन है। यह मानव जीवन का एक अनुपम, उत्कृष्ट एवं आदर्श मार्गदर्शक है। इसमें जीवन के प्रश्नों के उत्तर हैं, जीवन एवं जगत की समस्याओं के समाधान हैं और सफल, सार्थक, समृद्ध एवं शान्तिपूर्ण जीवन जीने के व्यावहारिक सूत्र हैं। इस पुस्तक में श्रीमदभागवत पर सन्त श्रीरामचन्द्र केशव डोंगरे जी महाराज का सरस प्रवचन दिया गया है।
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Gita Press, Hindi Books, वेद/उपनिषद/ब्राह्मण/पुराण/स्मृति
Brahmavaivart Puran, Kewal Hindi
इस पुराण में चार खण्ड हैं। ब्रह्मखण्ड, प्रकृतिखण्ड, श्रीकृष्णजन्मखण्ड और गणेशखण्ड। इसमें भगवान् श्रीकृष्ण की लीलाओं का विस्तृत वर्णन, श्रीराधा की गोलोक-लीला तथा अवतार-लीला का सुन्दर विवेचन, विभिन्न देवताओं की महिमा एवं एकरूपता और उनकी साधना-उपासना का सुन्दर निरूपण किया गया है। अनेक भक्तिपरक आख्यानों एवं स्तोत्रों का भी इसमें अद्भुत संग्रह है। यह पुस्तक रंगीन चित्रों के साथ मोटे टाइप में प्रकाशित की गयी है।
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Gita Press, Hindi Books, वेद/उपनिषद/ब्राह्मण/पुराण/स्मृति
Chitramay Shiv Puran 2318
इस पुराण में परात्पर ब्रह्म शिव के कल्याणकारी स्वरूप का तात्त्विक विवेचन, रहस्य, महिमा और उपासना का विस्तृत वर्णन है। इसमें इन्हें पंचदेवों में प्रधान अनादि सिद्ध परमेश्वर के रूप में स्वीकार किया गया है। शिव-महिमा, लीला-कथाओं के अतिरिक्त इसमें पूजा-पद्धति, अनेक ज्ञानप्रद आख्यान और शिक्षाप्रद कथाओं का सुन्दर संयोजन है। यह पुस्तक मोटे टाइप में रंगीन चित्रों के साथ प्रकाशित की गयी है। { इस पुस्तक में 1088 पृष्ठ हैं जिनमें पढ़ने के लिए कथाएँ हैं। यह हार्ड बाउंड और एक खंड में है।. }
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Gita Press, Hindi Books, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, वेद/उपनिषद/ब्राह्मण/पुराण/स्मृति
Collection of Agni, Devi Bhaagwad Puran
-5%Gita Press, Hindi Books, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, वेद/उपनिषद/ब्राह्मण/पुराण/स्मृतिCollection of Agni, Devi Bhaagwad Puran
- Abridged Agni Puran(Code1362)
- Shrimad Devi Bhaagwad Maha Puran Pratham Khand (Code 1897)
- Srimad Devi Bhagwat Mahapuran with Hindi translation (Volume-2) Dwitiya Khand Code-1898
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Chaukhamba Prakashan, Gita Press, Hindi Books, वेद/उपनिषद/ब्राह्मण/पुराण/स्मृति
Complete Puran Set of 18
Chaukhamba Prakashan, Gita Press, Hindi Books, वेद/उपनिषद/ब्राह्मण/पुराण/स्मृतिComplete Puran Set of 18
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- Sankshipt Bramha Puran
- Sankshipt Padma Puran
- Shrivishnu Puran
- Sri Vayu Maha Purana (Mul Puran)
- Shrimad Bhagwat Mahapuran (set of 2 Volumes)
- Sankshipt Narad Puran
- Sankshipt Markandeya Puran
- Abridged Agni Puran(Code1362)
- Sri Bhavishya Mahapuranam (Set Of 3 Vols)
- Brahmavaivart Puran, Kewal Hindi
- Abridged Ling Mahapuran (Code1985)
- Abridged Varah Puran (Code1361
- Sankshipt Skand Puran
- Sri Vaman Puran
- Koorm Puran
- Matsya Puran
- Sankshipt Garud Puran
- Brahmanda Puranam (Set Of 2 Volumes)
+ 1 more Puran - ShriShiv Mahapuran (Set Of 2 Volume)
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Gita Press, वेद/उपनिषद/ब्राह्मण/पुराण/स्मृति
Mahabharat Khilbhag – Shri Harivansh Puran (Code 38)
श्रीहरिवंशपुराण वेदार्थ-प्रकाशक महाभारत ग्रन्थ का अन्तिम पर्व है। पुत्र प्राप्ति की कामना से श्रीहरिवंशपुराण के श्रवण की परम्परा भारतवर्ष में चिरकाल से प्रचलित है। अनन्त भावुक धर्मपराण लोग इसके श्रवण से पुत्र-प्राप्ति का लाभ प्राप्त कर चुके हैं। भगवद्भक्ति तथा प्रेरणादायी कथानकों की दृष्टि से भी इसका बड़ा महत्व है। भगवान् श्रीकृष्ण से सम्बन्धित अगणित कथाएँ इसमें ऐसी हैं, जो अत्यन्त दुर्लभ हैं। धार्मिक जन-सामान्य के कल्याणार्थ इसके अन्त में सन्तानगोपाल-मन्त्र, अनुष्ठान-विधि, सन्तान-गोपाल-यन्त्र, सन्तान-गोपालस्तोत्र भी संगृहीत हैं। सचित्र, सजिल्द।
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Gita Press, वेद/उपनिषद/ब्राह्मण/पुराण/स्मृति
Narsingh Puran
इस पुराण में दशावतार की कथाएँ एवं सात काण्डों में भगवान् श्रीराम के पावन चरित्र के साथ सदाचार, राजनीति, वर्णधर्म, आश्रम-धर्म, योग-साधन आदि का सुन्दर विवेचन किया गया है। इसके अतिरिक्त इस में भगवान् नरसिंह की विस्तृत महिमा, अनेक कल्याणप्रद उपाख्यानों का वर्णन, भौगोलिक वर्णन, सूर्य-चन्द्रादि से उत्पन्न राजवंशों का वर्णन तथा अनेक स्तुतियों का सुन्दर उल्लेख है।
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