Rabindra Nath Thakur
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, सनातन हिंदू जीवन और दर्शन, सही आख्यान (True narrative)
Adhyapak | Maali Stories By Rabindra Nath Thakur
-10%Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, सनातन हिंदू जीवन और दर्शन, सही आख्यान (True narrative)Adhyapak | Maali Stories By Rabindra Nath Thakur
“अधयापक कहानी में रवींद्रनाथ ठाकुर ने शिक्षक और विद्यार्थी के रिश्ते की गहराई और जटिलताओं को प्रस्तुत किया है। यह कहानी एक शिक्षक और उसके विद्यार्थियों के बीच के संबंधों को लेकर लिखी गई है। कहानी में यह दिखाया गया है कि शिक्षक का काम केवल किताबों तक सीमित नहीं होता, बल्कि वह अपने विद्यार्थियों के जीवन को आकार देने का भी जिम्मेदार होता है।
माली कहानी में रवींद्रनाथ ठाकुर ने प्रकृति और मनुष्य के रिश्ते को प्रतीकात्मक रूप से प्रस्तुत किया है। माली कहानी एक ऐसे व्यक्ति के बारे में है, जो बागवानी और पौधों से जुड़ा हुआ है। माली अपने काम में इतनी तन्मयता और प्रेम से लगा हुआ है कि वह न केवल पौधों की देखभाल करता है, बल्कि अपने जीवन में भी शांति और संतुलन की खोज करता है।”
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Baikunth Ka Khata | Tapaswini Stories By Rabindra Nath Thakur
-10%Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, सनातन हिंदू जीवन और दर्शन, सही आख्यान (True narrative)Baikunth Ka Khata | Tapaswini Stories By Rabindra Nath Thakur
“बैखुंठ का खाता कहानी एक अत्यधिक प्रेरणादायक और सोच को चुनौती देने वाली कृति है, जो मनुष्य की आस्थाओं, कर्तव्यों, और जीवन के उद्देश्य पर आधारित है। यह कहानी धार्मिकता, कर्म और ईश्वर के प्रति विश्वास के संदर्भ में एक गहरी मंथन करती है।
कहानी में एक व्यक्ति को भगवान के पास बैखुंठ (स्वर्ग) में खाता खोलने के लिए भेजा जाता है, जिससे उसकी आत्मा के सभी अच्छे और बुरे कर्मों का लेखा-जोखा देखा जा सके। यह व्यक्ति अपने जीवन में किए गए अच्छे और बुरे कामों की पूरी सूची प्राप्त करने के लिए स्वर्ग में जाता है, और वहां उसे यह एहसास होता है कि उसका जीवन, उसके कर्म, और उसकी आस्थाएँ केवल बाहरी रूप से महत्वपूर्ण नहीं हैं, बल्कि आंतरिक रूप से क्या सही है, यह अधिक मायने रखता है।
तपस्विनी कहानी में रवींद्रनाथ ठाकुर ने एक महिला के जीवन के संघर्ष और तपस्या को प्रदर्शित किया है। इस कहानी में एक महिला की आस्था, समर्पण, और उसकी तपस्या को लेकर जीवन के वास्तविक उद्देश्यों पर विचार किया गया है।
कहानी की नायिका एक तपस्विनी है, जो अपने जीवन के हर क्षण को ईश्वर के प्रति समर्पण में बिताती है। उसकी तपस्या का उद्देश्य केवल आत्मिक उन्नति नहीं, बल्कि अपने समाज और परिवार के लिए कुछ सार्थक करना होता है। वह अपने जीवन की कठिनाइयों को सहती है और अपनी आस्थाओं और विश्वासों में दृढ़ रहती है। इस कहानी के माध्यम से रवींद्रनाथ ने यह दिखाया है कि तपस्या और समर्पण केवल एक धार्मिक कृत्य नहीं, बल्कि एक जीवन का उद्देश्य और आंतरिक शांति प्राप्त करने का रास्ता भी है।”
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Jeevan Ka Satya By Rabindra Nath Thakur
-10%Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, सनातन हिंदू जीवन और दर्शन, सही आख्यान (True narrative)Jeevan Ka Satya By Rabindra Nath Thakur
“रवींद्रनाथ टैगोर की “”जीवन का सत्य”” केवल एक साहित्यिक कृति नहीं है, बल्कि यह जीवन के गहरे और व्यापक दृष्टिकोण को प्रस्तुत करने का एक साधन है। उनकी यह रचना भारतीय समाज के साथ-साथ पश्चिमी दुनिया में भी गहरी छाप छोड़ने में सफल रही। टैगोर के विचार और उनके लेखन की यह विशिष्टता थी कि उन्होंने जीवन, प्रेम, आत्मा, और ईश्वर के बारे में विचार करते हुए सांस्कृतिक और धार्मिक सीमाओं को पार किया।
यह रचना यह सिखाती है कि जीवन का असली अर्थ बाहरी उपलब्धियों और भौतिक सुखों से नहीं है, बल्कि यह हमारे आंतरिक सत्य, आत्मा की शुद्धता, और परमात्मा के साथ जुड़ने में है। रवींद्रनाथ टैगोर ने हमें यह समझने का अवसर दिया कि जीवन के गहरे अर्थ को समझने और स्वीकार करने के लिए हमें अपने भीतर की यात्रा करनी चाहिए।”
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Maniheen | Durbhagya Chakra By Rabindra Nath Thakur
-15%Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, सनातन हिंदू जीवन और दर्शन, सही आख्यान (True narrative)Maniheen | Durbhagya Chakra By Rabindra Nath Thakur
“मनीहीन कहानी में एक व्यक्ति, जो धन और समृद्धि की तलाश में पूरी जिंदगी गुजार देता है, उसकी असली मानसिक स्थिति को दिखाया गया है। वह व्यक्ति धन कमाने के उद्देश्य से समाज और रिश्तों से दूर हो जाता है, लेकिन अंततः उसे यह समझ में आता है कि सच्चा सुख और शांति भौतिक संपत्ति से नहीं, बल्कि आंतरिक संतुलन और प्यार से मिलती है।
दुर्भाग्य चक्र कहानी हमें यह समझाती है कि जीवन में संघर्ष और दुखों का सामना करना पड़ता है, लेकिन वही हमें मजबूत बनाता है और हमारे अंदर की छुपी हुई ताकत को पहचानने का अवसर देता है। यह कहानी यह भी दिखाती है कि हम अपने दुर्भाग्य को कैसे एक शिक्षा और अवसर के रूप में देख सकते हैं।”
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Nati Ki Pooja Aur Mukut | Raktakarabi By Rabindra Nath Thakur
-10%Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, सनातन हिंदू जीवन और दर्शन, सही आख्यान (True narrative)Nati Ki Pooja Aur Mukut | Raktakarabi By Rabindra Nath Thakur
“रक्तकरबी नाटक की कथा एक काल्पनिक समाज में घटित होती है, जहाँ लोगों का शोषण होता है और हर व्यक्ति को अपने अस्तित्व की रक्षा करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। कहानी की मुख्य नायिका, “”नाती””, एक प्रतीक है जो असमानता और शोषण के खिलाफ खड़ा है।
मुकुट नाटक का एक अन्य महत्वपूर्ण भाग है, जो सत्ता, सम्मान, और अधिकार के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया गया है। यह एक प्रतीकात्मक वस्तु है, जो नाटक में मानवता, सत्ता की भूख, और उसके परिणामों को दर्शाती है। यह मुकुट केवल एक भौतिक वस्तु नहीं, बल्कि यह उस अधिकार और शक्ति का प्रतीक है, जिसे लोग प्राप्त करने के लिए संघर्ष करते हैं, लेकिन साथ ही यह उनके जीवन को प्रभावित भी करता है।”
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Pahala Number | Upsanhar By Rabindra Nath Thakur
-15%Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, सनातन हिंदू जीवन और दर्शन, सही आख्यान (True narrative)Pahala Number | Upsanhar By Rabindra Nath Thakur
“उपसंहार में टैगोर ने जीवन के समाप्ति के बाद की स्थिति और जीवन के गहरे अर्थों को परिभाषित किया है। यह रचना आत्मा के शांति की ओर बढ़ने की यात्रा को दर्शाती है, जहाँ व्यक्ति ने अपने भौतिक अस्तित्व और सांसारिक संपत्तियों से परे जाकर आत्म-ज्ञान और ईश्वर के प्रति अपनी आस्था को खोज लिया होता है। यह कविता जीवन के कठिन मार्गों के बाद आत्मा के शांति की खोज और उसकी वास्तविकता पर विचार करती है, जो कभी भी जीवन की आधिकारिक यात्रा का समापन नहीं होता, बल्कि यह जीवन के शाश्वत सत्य से जुड़ने की एक निरंतर प्रक्रिया है।
पहला नंबर कविता में टैगोर ने यह संदेश दिया है कि समाज में सफलता का मापदंड केवल बाहरी उपलब्धियों पर आधारित नहीं होता, बल्कि एक व्यक्ति की आंतरिक पूर्ति और शांति महत्वपूर्ण होती है। सफलता का वास्तविक मूल्य वही है जो हम खुद से हासिल करते हैं और हमारी आत्म-शांति की स्थिति को दर्शाता है। यह कविता उस महत्व को उजागर करती है जो हमारे खुद के अनुभवों और आत्मनिर्भरता का है, बजाय इसके कि हम बाहरी आदर्शों और प्रतिस्पर्धाओं से प्रभावित हों।”
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Raja | Dakghar By Rabindra Nath Thakur
-10%Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, सनातन हिंदू जीवन और दर्शन, सही आख्यान (True narrative)Raja | Dakghar By Rabindra Nath Thakur
“नाटक राजा में रवींद्रनाथ ने राजा की सत्ता और उसके निर्णयों के प्रभाव को दिखाया है। राजा को यह अहसास होता है कि सत्ता के पास केवल बाहरी शक्ति है, लेकिन वह मानवता और सत्य की शक्ति से दूर हो जाता है। नाटक में एक पात्र की सामाजिक स्थिति और उसके आंतरिक संघर्षों को बहुत ही प्रभावशाली तरीके से चित्रित किया गया है। यहाँ पर सत्ता का एक गहरा प्रभाव दिखाया गया है, जिससे व्यक्ति के आंतरिक और मानसिक शांति का क्षरण होता है।
नाटक डाकघर का मुख्य पात्र आशा नामक एक छोटा बच्चा है, जो एक गंभीर बीमारी से ग्रस्त है और उसे बाहरी दुनिया के संपर्क में आने की अनुमति नहीं होती। वह अपनी बीमारी के कारण घर के अंदर ही रहता है, लेकिन उसकी कल्पना और मानसिक स्थिति उसे दुनिया के रंगीन पहलुओं का अनुभव करने का अवसर देती है।”
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Rajarshi | Char Adhyay By Rabindra Nath Thakur
-15%Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, सनातन हिंदू जीवन और दर्शन, सही आख्यान (True narrative)Rajarshi | Char Adhyay By Rabindra Nath Thakur
“राजर्षि की कहानी एक राजा की है, जो सत्ता और भौतिक सुखों में लिप्त होने के बावजूद अपने जीवन के वास्तविक उद्देश्य को पहचानता है। राजा, जो पहले दुनियावी इच्छाओं और महत्वाकांक्षाओं में बंधा था, बाद में समझता है कि असली सुख और शांति सिर्फ बाहरी दुनिया से नहीं, बल्कि आंतरिक शांति, सत्य, और ज्ञान से मिलती है। उपन्यास में राजा का आध्यात्मिक रूपांतरण और उसके भीतर की आत्मिक यात्रा को दर्शाया गया है।
चार अध्याय में चार अलग-अलग अध्यायों के माध्यम से रवींद्रनाथ ने समाज और मानवता के विविध आयामों को चित्रित किया है। उपन्यास में पात्रों के बीच के रिश्तों, उनके मानसिक संघर्षों, और जीवन के प्रति उनकी दृष्टिकोण को बताया गया है। इसमें यह भी दिखाया गया है कि कैसे समाज के आदर्शों और जीवन के सत्य को पहचानने की यात्रा व्यक्तिगत और सामाजिक विकास की दिशा में आवश्यक होती है।”
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, सनातन हिंदू जीवन और दर्शन, सही आख्यान (True narrative)
Rashmihar By Rabindra Nath Thakur
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“रश्मीहार रवींद्रनाथ ठाकुर (रवींद्रनाथ टैगोर) की एक महत्वपूर्ण काव्यात्मक रचना है, जो उनके गहरे विचारों, समाज के प्रति उनकी दृष्टि और मानवीय संवेदनाओं को उजागर करती है। यह काव्य रचना भारतीय समाज की जटिलताओं, मानवीय संबंधों, और जीवन के गहरे सत्य को दर्शाती है। रवींद्रनाथ के साहित्य में एक अद्भुत दार्शनिकता, प्रेम, और मानवता के प्रति संवेदनशीलता नज़र आती है, जो इस काव्य में भी पूरी तरह से परिलक्षित होती है।
यह रचना न केवल एक काव्यात्मक अनुभव है, बल्कि यह पाठकों को आंतरिक शांति, उद्देश्य और आत्मज्ञान की ओर प्रेरित करती है। टैगोर का साहित्य हर युग में प्रासंगिक रहता है, और रश्मीहार इसकी उत्कृष्ट मिसाल है।”
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