Ramayan Books
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, रामायण/रामकथा
1000 Ramayana Prashnottari
क्या आप जानते हैं, ‘वह कौन वीर था, जिसने रावण को बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया था और उसके (रावण के) पितामह के निवेदन पर उसे मुक्त किया था’, ‘लक्ष्मण, हनुमान, भरत और शत्रुघ्न को किन दो भाइयों ने युद्ध में पराजित कर दिया था’, ‘कुंभकर्ण के शयन हेतु रावण ने जो घर बनवाया था, वह कितना लंबा-चौड़ा था’, ‘राक्षसों को ‘यातुधान’ क्यों कहा जाता है’, ‘हनुमानजी का नाम ‘हनुमान’ कैसे पड़ा’, ‘लंका जाने हेतु समुद्र पर बनाए गए सेतु की लंबाई कितनी थी’ तथा ‘रामायण में कुल कितने वरदानों और शापों का वर्णन है?’ यदि नहीं, तो ‘रामायण प्रश्नोत्तरी’ पढें। आपको इसमें इन सभी और ऐसे ही रोचक, रोमांचक, जिज्ञासापूर्ण व खोजपरक 1000 प्रश्नों के उत्तर जानने को मिलेंगे। इस पुस्तक में रामायण के अनेक पात्रों, पर्वतों, नगरों, नदियों तथा राक्षसों एवं श्रीराम की सेना के बीच युद्ध में प्रयुक्त विभिन्न शस्त्रास्त्रों एवं दिव्यास्त्रों के नाम, उनके प्रयोग और परिणामों की रोमांचक जानकारी दी गई है। इसके अतिरिक्त लगभग डेढ़ सौ विभिन्न पात्रों के माता, पिता, पत्नी, पुत्र-पुत्री, पितामह, पौत्र, नाना, मामा आदि संबंधों का खोजपरक विवरण भी। इसमें संगृहीत प्रश्न रामायण के विस्तृत पटल से चुनकर बनाए गए हैं। यह पुस्तक आम पाठकों के लिए तो महत्त्वपूर्ण है ही, लेखकों, सपादकों, पत्रकारों, वक्ताओं, शोधार्थियों, शिक्षकों व विद्यार्थियों के लिए भी अत्यंत उपयोगी है। यथार्थतः यह रामायण का संदर्भ कोश है।
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, रामायण/रामकथा
1000 Ramayana Prashnottari (PB)
क्या आप जानते हैं, ‘वह कौन वीर था, जिसने रावण को बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया था और उसके (रावण के) पितामह के निवेदन पर उसे मुक्त किया था’, ‘लक्ष्मण, हनुमान, भरत और शत्रुघ्न को किन दो भाइयों ने युद्ध में पराजित कर दिया था’, ‘कुंभकर्ण के शयन हेतु रावण ने जो घर बनवाया था, वह कितना लंबा-चौड़ा था’, ‘राक्षसों को ‘यातुधान’ क्यों कहा जाता है’, ‘हनुमानजी का नाम ‘हनुमान’ कैसे पड़ा’, ‘लंका जाने हेतु समुद्र पर बनाए गए सेतु की लंबाई कितनी थी’ तथा ‘रामायण में कुल कितने वरदानों और शापों का वर्णन है?’ यदि नहीं, तो ‘रामायण प्रश्नोत्तरी’ पढें। आपको इसमें इन सभी और ऐसे ही रोचक, रोमांचक, जिज्ञासापूर्ण व खोजपरक 1000 प्रश्नों के उत्तर जानने को मिलेंगे। इस पुस्तक में रामायण के अनेक पात्रों, पर्वतों, नगरों, नदियों तथा राक्षसों एवं श्रीराम की सेना के बीच युद्ध में प्रयुक्त विभिन्न शस्त्रास्त्रों एवं दिव्यास्त्रों के नाम, उनके प्रयोग और परिणामों की रोमांचक जानकारी दी गई है। इसके अतिरिक्त लगभग डेढ़ सौ विभिन्न पात्रों के माता, पिता, पत्नी, पुत्र-पुत्री, पितामह, पौत्र, नाना, मामा आदि संबंधों का खोजपरक विवरण भी। इसमें संगृहीत प्रश्न रामायण के विस्तृत पटल से चुनकर बनाए गए हैं। यह पुस्तक आम पाठकों के लिए तो महत्त्वपूर्ण है ही, लेखकों, सपादकों, पत्रकारों, वक्ताओं, शोधार्थियों, शिक्षकों व विद्यार्थियों के लिए भी अत्यंत उपयोगी है। यथार्थतः यह रामायण का संदर्भ कोश है।
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Gita Press, रामायण/रामकथा
Adhyatma Ramayan (Code-74)
यह परम पवित्र गाथा भगवान् शंकर द्वारा आदिशक्ति जगदम्बा पार्वतीजी को सुनायी गयी थी। यह कथा ब्रम्हाण्डपुराण के उत्तरखण्ड में आयी है, अतः इसके रचयिता भी महामुनी व्यास हैं। इसमें परम रसायन रामचरित्र का वर्णन और प्रसंगानुसार भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, उपासना, सदाचार सम्बन्धी उपदेश एवं अध्यात्मतत्व के विवेचन की प्रधानता है। सरल भाषानुवाद में मूल के साथ सचित्र, सजिल्द।
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Chaukhamba Prakashan, Hindi Books, Suggested Books, रामायण/रामकथा
Ananda Ramayanam (आनन्द रामायण) by Ramtej Pandey
-14%Chaukhamba Prakashan, Hindi Books, Suggested Books, रामायण/रामकथाAnanda Ramayanam (आनन्द रामायण) by Ramtej Pandey
आनन्दरामायण (Ananda Ramayanam) रामतेज पांडेय द्वारा रचित एक विशेष ग्रंथ है, जो हिंदू धर्म और भारतीय साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह ग्रंथ रामायण की एक विशिष्ट और अद्वितीय प्रस्तुति है।
पुस्तक की विशेषताएँ:
रामायण की प्रस्तुति: इस ग्रंथ में रामायण की कहानी को विशेष रूप से आनंद और भक्ति के दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया गया है। यह पाठकों को रामायण के प्रति एक नया दृष्टिकोण प्रदान करता है।
धार्मिक और आध्यात्मिक सामग्री: आनन्दरामायण में न केवल रामायण की कथा है, बल्कि इसमें धार्मिक और आध्यात्मिक शिक्षाओं का भी समावेश है जो भक्ति और साधना को प्रोत्साहित करता है।
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Hindi Books, Sasta Sahitya Mandal, रामायण/रामकथा, सही आख्यान (True narrative)
APNE APNE RAM
भारतीय वाङ्मय के आधिकारिक विद्वान श्री भगवान सिंह की अनुपम कृति है अपने-अपने राम’। राम का चरित्र भारतीय साहित्य में रमा हुआ है। उनके व्यक्तित्व की यह विशेषता है कि विभिन्न भाषाओं में अब तक राम को आधार बनाकर हजारों रचनाएँ लिखी जा चुकी हैं। इसके बावजूद रचनात्मक स्रोत रचनाकारों के लिए कम नहीं हुआ है। हिंदी में तुलसीदास से लेकर निराला तक और उसके बाद के रचनाकारों ने भी राम को आधार बनाकर महत्त्वपूर्ण कृति का सृजन किया। इस कड़ी में यह महाकाव्यात्मक औपन्यासिक रचना स्वयं में महान रचना स्थापित करता है।
इस पुस्तक के प्रकाशन के साथ ही पाठकों और समीक्षकों ने इसे हाथों-हाथ लिया। प्रसिद्ध आलोचक नामवर सिंह ने विश्व की श्रेष्ठतम कृति कहा और यह भी माना कि इसमें कोई दोष नहीं है। ‘हंस’ के संपादक राजेंद्र यादव ने इसकी समीक्षा प्रमुखता से अपनी पत्रिका में छापी। इसकी लोकप्रियता बहुतों के लिए ईष्र्या का केंद्र भी बनी। सस्ता साहित्य मण्डल के लिए यह गौरव की बात है कि सभ्यता विमर्श की अनन्य रचना ‘ अपने-अपने राम’ का प्रकाशन वह करने जा रहा है। हमें पूरा विश्वास है कि अधिक-से- ‘अधिक पाठकों के बीच यह रचना मण्डल के माध्यम से पहुँचेगी, साथ ही ‘लोग अपने स्वजनों को उपहार के रूप में यह पुस्तक भेंट करेंगे।
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, रामायण/रामकथा
Chitrakoot Mein Ram-Bharat Milap
चित्रकूट में राम-भरत मिलाप’ रामकथा के महत्त्वपूर्ण प्रसंग का नाट्यरूप में प्रणयन है।
यह घटना जहाँ भ्रातृप्रेम और त्याग का अद्वितीय आदर्श है, वहीं उससे राजधर्म के महान् सिद्धांत प्रस्फुटित हुए हैं।
वर्तमान परिवेश में लेखक ने रामायण की इस घटना को सामान्य जन तक पहुँचाने का प्रयास किया है।
एक ओर इस कृति का स्वागत जहाँ भारतीय जनमानस द्वारा किया जाएगा, वहीं दूसरी ओर राजशासकों द्वारा भी।
आशा है कि इस कृति का व्यापक रूप से पठन-पाठन तथा मंचन होगा।SKU: n/a -
Gita Press, Hindi Books, रामायण/रामकथा
Chitramay ShriRamCharitManas 2295
श्री गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज के द्वारा प्रणीत श्रीरामचरितमानस हिन्दी साहित्य की सर्वोत्कृष्ट रचना है। आदर्श राजधर्म, आदर्श गृहस्थ-जीवन, आदर्श पारिवारिक जीवन आदि मानव-धर्म के सर्वोत्कृष्ट आदर्शों का यह अनुपम आगार है। सर्वोच्य भक्ति, ज्ञान, त्याग, वैराग्य तथा भगवान की आदर्श मानव-लीला तथा गुण, प्रभाव को व्यक्त करनेवाला ऐसा ग्रंथरत्न संसार की किसी भाषा में मिलना असम्भव है। आशिर्वादात्माक ग्रन्थ होने के कारण सभी लोग मंत्रवत् आदर करते हैं। इसका श्रद्धापूर्वक पाठ करने से एवं इसके उपदेशों के अनुरूप आचरण करने से मानवमात्र के कल्याण के साथ भगवत्प्रेम की सहज ही प्राप्ति सम्भव है। श्रीरामचरितमानस के सभी संस्करणों में पाठ-विधि के साथ नवान्ह और मासपरायण के विश्रामस्थान, गोस्वामी जी की संक्षिप्त जीवनी, श्रीरामशलाका प्रश्नावली तथा अंत में रामायण जी की आरती दी गयी है।
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Gita Press, Hindi Books, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता, रामायण/रामकथा
Collection of Ramayana , Mahabharat , Geeta
-5%Gita Press, Hindi Books, महाभारत/कृष्णलीला/श्रीमद्भगवद्गीता, रामायण/रामकथाCollection of Ramayana , Mahabharat , Geeta
रामायण/ गीता/ महाभारत
Collection of Ramayana , Mahabharat , Geeta1.Shrimad Valmikiya Ramayan- Vol.1 & 2 (Code 75 & 76)
2.Shrimadbhagvadgita Sadhak Sanjeevani
3 SANKSHIPT MAHABHARAT (Vol-1 & 2)SKU: n/a -
Kapot Prakashan, Suggested Books, रामायण/रामकथा
Global Footprints of Ramayan
This book debunks many misconceptions that have been introduced in the minds of billions of people by vested interests who want to weaken their faith in Shri Ram. The researched facts presented in this book will inspire the reader to read Valmiki’s Ramayan with a new vision and inspiration.
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Gita Press, रामायण/रामकथा
Manas Piyush (Set of 7 Volumes)
माहात्मा श्री अंजनी नन्दन जी शरण के द्वारा सम्पादित “मानस-पीयूष” श्रीरामचरितमानस की सबसे बृहत् टीका है। यह महान ग्रन्थ ख्यातिलब्ध रामायणियों, उत्कृष्ट विचारकों, तपोनिष्ठ महात्माओं एवं आधुनिक मानसविज्ञो की व्याख्याओं का एक साथ अनुपम संग्रह है। आज तक के समस्त टीकाकारों के इतने विशद तथा सुसंगत भावों का ऐसा संग्रह अत्यंत दुर्लभ है। भक्तों के लिये तो यह एकमात्र विश्रामस्थान तथा संसार- सागर से पार होने के लिये सुन्दर सेतु है। विभिन्न दृष्टियों से यह ग्रन्थ विश्व के समस्त जिज्ञासुओं, भक्तों, विद्वानों तथा सर्वसामान्य के लिये असीम ज्ञान का भण्डार एवं संग्रह तथा स्वाध्याय का विषय है। आफसेट की सुन्दर छपाई, मजबूत जिल्द तथा आकर्षक लेमिनेटेड आवरण में उपलब्ध।
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Gita Press, रामायण/रामकथा
Manas Rahasya 0103
यह पुस्तक वैकुण्ठवासी श्री जयरामदास जी (दीन) के कल्याण के विभिन्न अंकों में पूर्व प्रकाशित श्रीरामचरितमानस के विभिन्न प्रसंगों का 35 लेखों का अनुपम संकलन है। इसमें रामावतार का रहस्य, कलियुग का पुण्यप्रताप, सीतातत्व, श्रीभरतयश-चन्द्र आदि प्रसंगों का अत्यन्त सुन्दर विवेचन किया गया है।
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Gita Press, Hindi Books, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें
Manas-Stuti-Sangrah
इस पुस्तक में श्री रामचरितमानस में देवताओं के द्वारा भगवान की स्तुति, सीताजी के द्वारा पार्वती-स्तुति, अत्रिकृत श्री राम-स्तुति, जटायुकृत श्री राम-स्तुति, ब्रह्मकृत श्री राम-स्तुति, शिवकृत श्री राम-स्तुति, वेदकृत श्री राम-स्तुति तथा शिव-स्तुति का सचित्र संग्रह है। उपासना तथा स्वाध्यायकी दृष्टि से यह स्तुति-संग्रह सबके लिये उपयोगी है।
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Gita Press, Hindi Books, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, रामायण/रामकथा
Raja Ram 1116
प्रस्तुत पुस्तक में भगवान् श्री राम की प्रमुख आदर्श लीलाओं का संकलन किया गया है। मुख्यरूप से इसमें सत्रह लीलाएँ हैं। प्रत्येक लीला के सामने उससे सम्बन्धित आकर्षक रंगीन चित्र भी दिये गये हैं। बालकों के लिये पुस्तक विशेष उपयोगी सिद्ध हो सके, इसका ध्यान रखते हुए सरल भाषा और छोटे-छोटे वाक्यों का प्रयोग इसमें किया गया है।
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Garuda Prakashan, Hindi Books, रामायण/रामकथा
Ram Katha Sitaron Se Suniye
राम कथा सितारों से सुनिए पुस्तक में महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित श्रीराम की मूल जीवन गाथा में दिए गए घटनाक्रम को बताते हुए उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं की वास्तविक तिथियों के समय देखे गए आकाशीय दृश्यों को इस प्रकार बुन दिया गया है कि वो चरितावली में अंतर्निहित हो गए।
पाठक यह देखकर आनंदित हो सकते हैं कि जब श्रीराम का जन्म हुआ था तो पांच ग्रहों को अपने अपने उच्च स्थान में दर्शाते हुए आकाश किस प्रकार सुंदर और चमकदार दिखाई दे रहा था।पढ़ें बाबड़ी मस्जिद के नीचे मिले प्राचीन भव्य राम मंदिर के प्रमाण, चित्रों सहित 7000 वर्ष पुराने ताम्बे के वाणाग्र सोने चाँदी के आभूषण बहुमूल्य पत्थरों व मोतियों के गहने टैराकोटा के बर्तन व अन्य वस्तुएँ तथा विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे व फसलों के चित्र भी इस पुस्तक में शामिल हैं। रामसेतु के विषय में कुछ अद्भुत तथ्य भी जानें।
यह पुस्तक सरोज बाला तथा दिनेश अग्रवाल जी का सराहनीय प्रयास है। पढ़ने में आनंद अवश्य आएगा ।
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहास, रामायण/रामकथा
Ram Phir Laute (HB)
-15%Hindi Books, Prabhat Prakashan, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहास, रामायण/रामकथाRam Phir Laute (HB)
राम भारत की प्राणशक्ति हैं। राम ही धर्म हैं। धर्म ही राम है। मानव चरित्र की श्रेष्ठता और उदात्तता का सीमांत राम से बनता है। कष्ट और नियति चक्र के बाद भी राम का सत्यसंध होना भारतीयों के मनप्राण में गहरे तक बसा है। हर व्यक्ति के जीवन में हर कदम पर जो भी अनुकरणीय है, वह राम है।
ऐसे राम अयोध्या में फिर लौट आए हैं। अपने भव्य, दिव्य और विशाल मंदिर में, जिसके लिए पाँच सौ साल तक हिंदू समाज को संघर्ष करना पड़ा। यह मंदिर सनातनी आस्था का शिखर है।
‘राम फिर लौटे’ राममयता के विराट् संसार के समकालीन और कालातीत संदर्भों का पुनर्मूल्यांकन है। राम मंदिर आंदोलन के इतिहास के पड़ावों की यात्रा करते हुए यह पुस्तक राम के उन मूल्यों को नए संदर्भों में विचारती है, जिनके कारण मंदिर राम की चेतना का नाभिकीय केंद्र बनेगा। यह उन उदात्त भारतीय जीवन मूल्यों का आधार होगा, जो तोड़ते, नहीं जोड़ते हैं।
अयोध्या के राममंदिर ने राम और भारतीयता के गहरे अंतसंबंधों को समझने का नया गवाक्ष खोला है। ‘राम फिर लौटे’ इसी गवाक्ष से रामतत्त्व, रामत्व और पुरुषोत्तम स्वरूप की विराटता तो नए संदर्भों में देखती है।
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहास, रामायण/रामकथा
Ram Phir Laute (PB)
-15%Hindi Books, Prabhat Prakashan, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहास, रामायण/रामकथाRam Phir Laute (PB)
राम भारत की प्राणशक्ति हैं। राम ही धर्म हैं। धर्म ही राम है। मानव चरित्र की श्रेष्ठता और उदात्तता का सीमांत राम से बनता है। कष्ट और नियति चक्र के बाद भी राम का सत्यसंध होना भारतीयों के मनप्राण में गहरे तक बसा है। हर व्यक्ति के जीवन में हर कदम पर जो भी अनुकरणीय है, वह राम है।
ऐसे राम अयोध्या में फिर लौट आए हैं। अपने भव्य, दिव्य और विशाल मंदिर में, जिसके लिए पाँच सौ साल तक हिंदू समाज को संघर्ष करना पड़ा। यह मंदिर सनातनी आस्था का शिखर है।
‘राम फिर लौटे’ राममयता के विराट् संसार के समकालीन और कालातीत संदर्भों का पुनर्मूल्यांकन है। राम मंदिर आंदोलन के इतिहास के पड़ावों की यात्रा करते हुए यह पुस्तक राम के उन मूल्यों को नए संदर्भों में विचारती है, जिनके कारण मंदिर राम की चेतना का नाभिकीय केंद्र बनेगा। यह उन उदात्त भारतीय जीवन मूल्यों का आधार होगा, जो तोड़ते, नहीं जोड़ते हैं।
अयोध्या के राममंदिर ने राम और भारतीयता के गहरे अंतसंबंधों को समझने का नया गवाक्ष खोला है। ‘राम फिर लौटे’ इसी गवाक्ष से रामतत्त्व, रामत्व और पुरुषोत्तम स्वरूप की विराटता तो नए संदर्भों में देखती है।
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, रामायण/रामकथा
Ramagya (PB)
रामाज्ञा शब्द मात्र ही नहीं, अनंत अशेष गहराइयों से परिपूर्ण अर्थ है। प्रत्येक व्यक्ति विशेष का आकलन अलग-अलग पर एक लक्ष्य में समाहित है। महाकाव्य रामायण को एक अनुज काव्य में लिखने का प्रयत्न है। यदि सारांश अवलोकित करें तो भिन्न-भिन्न पहलुओं का समावेश है ।
वचन: रघुवंश के लिए प्राण से भी बढ़कर उनका वचन था, परिणामस्वरूप महाराजा दशरथ को अपने प्राण को त्यजना पड़ा।
आज्ञाकारिता : पिता और गुरुजन की आज्ञा सदैव श्रीराम और सभी भाइयों के लिए प्रथम और प्रथम और पूजयनीय कार्य था।
लालसा : कैकेयी की तृष्णा के फलस्वरूप महाराज दशरथ का देहावसान और श्रीराम ‘जानकी’ लक्ष्मण का वनगमन । परिणामस्वरूप भरत की राज्याभिषेक से अस्वीकृति ।
परस्त्री तृष्णा! रावण के अमरत्व को काल की शैया तक पहुँचा दिया।
प्रेम : तीनों माताओं के वात्सल्य का अनूठा संगम। भरत का भातृप्रेम! चौदह वर्ष तक एक तपस्वी परिवेश का पालन करना। माता शबरी की भगवान् श्रीराम की प्रतीक्षा अनुरक्ति, प्रेम का प्रभाव सदैव प्रत्येक प्राणी पर होता है अपितु भाषा कोई भी हो ।
मित्रता : सच्ची मित्रता बड़ी से बड़ी कठिनाइयों का सामना निस्स्वार्थ भाव से करती हैं। प्रभु श्रीराम और सुग्रीव की मित्रता ।
भक्ति : निस्स्वार्थ भक्तिभाव हमेशा अपने प्रभु को आकर्षित करता है। हनुमानजी हमेशा इसके पर्याय हैं और रहेंगे
वियोग : सबके अपने-अपने वियोग ! पर लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला के वियोग का आकलन करना सूर्य को दीपक दिखाने जैसा है।
एकता : आपसी सामंजस्य! सेतुसमुद्रम् परिणाम और अंततः असत्य पर सत्य की विजय हमें रामपथ पर चलने के लिए प्रेरित करती रहेगी।
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English Books, Garuda Prakashan, रामायण/रामकथा
Ramayan Retold With Scientific Evidences
The book narrates the biography of Lord Ram with exact dates of important events, depicting corresponding sky views and weaving other supporting scientific evidences into the story told by Maharshi Valmiki. It moves Ramayan from the domain of mythology to the realm of History.
The book provides credible and scientific answers to the questions —whether Shri Ram was actually born? Whether he had actually travelled from Ayodhya to Lanka to save millions of noble people from the atrocities of ignoble? Whether he had really set the example of an ideal welfare state?
Methodology adopted is path breaking and futuristic! All astronomical references were extracted sequentially from Ramayan. The corresponding skyviews were generated using Plane-tarium & Stellarium softwares. Readers can enjoy watching how the sky looked bright with five planets in their exalted positions when Shri Ram was born.
Evidences from archaeology & archaeobotany, geology & oceanography, remote sensing & genetic studies have also been beautifully woven into the story to support this astronomical date sequence. Beautiful pictures of Setu, Sea Level Curve and of many excavated articles mentioned in Ramayan have been made a part of the book.SKU: n/a