Ramayan patra
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहास, प्रेरणादायी पुस्तकें (Motivational books), रामायण/रामकथा, सही आख्यान (True narrative)
Hanumat Kautuk An Recap of Sunderkand Hanuman Stuti (PB)
-15%Hindi Books, Prabhat Prakashan, अध्यात्म की अन्य पुस्तकें, इतिहास, प्रेरणादायी पुस्तकें (Motivational books), रामायण/रामकथा, सही आख्यान (True narrative)Hanumat Kautuk An Recap of Sunderkand Hanuman Stuti (PB)
“श्रीमद्वाल्मीकि रामायण और श्रीरामचरितमानस को केंद्र में रखकर अध्यात्म, कंब आदिरामायण, लोक-परंपराओं, विश्वासों और इतिहास-भूगोल की अवधारणाओं को सहेजते हुए, काव्य-परंपरा, साहित्य, शब्द-संपदा और संवेगों का अनुशीलन इस पुस्तक में किया गया है। अनेक ग्रंथों में वर्णित कथाओं की एक सूत्रता, उनके परस्पर भेद और उनकी युक्ति-तर्क प्रमाण उद्धरणों के साथ द्विवेदीजी ने प्रस्तुत किए हैं।
युगों में प्रवाहित रामकथा में मानव-चेतना के विकास-क्रम से आए परिवर्तन, अलग-अलग भाषा- संस्कृतियों में आकारित होता हुआ, उसका स्वर और जीवन की चिंताओं को सहेजती, उनका उत्तर खोजती रामकथा की सर्वहितैषिणी वृत्ति के अनेक सुंदर दृश्य इस पुस्तक में बारंबार दृष्टिगत होते हैं।
यह एक रामायण पाठ जैसा तो है ही, रामायण पाठ की प्रेरणा भी है, जिसे लेखक की सफलता के रूप में देखा जाना चाहिए। संस्कृत भाषा और आर्ष प्रतिपादन शैली से दूर होते गए लोक को सहज और सामाजिक निर्वचन के माध्यम से रामकथा के तत्त्वों से परिचित कराना एक महत्त्वपूर्ण कार्य है। यह परंपरा का पाठ है।”
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, रामायण/रामकथा, सही आख्यान (True narrative)
Janki Van Gaman (PB)
-15%Hindi Books, Prabhat Prakashan, इतिहास, रामायण/रामकथा, सही आख्यान (True narrative)Janki Van Gaman (PB)
जिस वर्ष हजारों भारतीयों का सपना पूर्ण होने जा रहा था, भारत के हृदय रामलला अपनी जन्मभूमि पर विराजने वाले थे, उस वर्ष राम को समझने की एक अनूठी ललक हृदय में उठी। राम को समझने के लिए जानकी को जाने बिना कोई और मार्ग नहीं है, यह सोचकर जानकीजी से आशीर्वाद लेकर राम जानकी वनगमन पथ की पैदल यात्रा पर निकलना हुआ। उस पदयात्रा में चलते हुए लगा कि यह कठिन तपस्या साधारण स्त्री नहीं कर सकती, इसे जानकीजी ने अपना अंश देकर पूर्ण कराया। उस पवित्र जानकी के मार्ग की यात्रा से जुड़े संस्मरण इस ‘जानकी वन गमन’ पुस्तक में सँजोने का प्रयास किया है। सरयू से सागर तक की इस पदयात्रा को आप तक पहुँचाने का एक छोटा सा प्रयास इस पुस्तक में है।
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Gita Press, रामायण/रामकथा
Manas Piyush (Set of 7 Volumes)
माहात्मा श्री अंजनी नन्दन जी शरण के द्वारा सम्पादित “मानस-पीयूष” श्रीरामचरितमानस की सबसे बृहत् टीका है। यह महान ग्रन्थ ख्यातिलब्ध रामायणियों, उत्कृष्ट विचारकों, तपोनिष्ठ महात्माओं एवं आधुनिक मानसविज्ञो की व्याख्याओं का एक साथ अनुपम संग्रह है। आज तक के समस्त टीकाकारों के इतने विशद तथा सुसंगत भावों का ऐसा संग्रह अत्यंत दुर्लभ है। भक्तों के लिये तो यह एकमात्र विश्रामस्थान तथा संसार- सागर से पार होने के लिये सुन्दर सेतु है। विभिन्न दृष्टियों से यह ग्रन्थ विश्व के समस्त जिज्ञासुओं, भक्तों, विद्वानों तथा सर्वसामान्य के लिये असीम ज्ञान का भण्डार एवं संग्रह तथा स्वाध्याय का विषय है। आफसेट की सुन्दर छपाई, मजबूत जिल्द तथा आकर्षक लेमिनेटेड आवरण में उपलब्ध।
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