Shankar Sharan Books
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Akshaya Prakashan, Hindi Books, Suggested Books, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र, सही आख्यान (True narrative)
Bharat Mein Parchalit Secularvad
Akshaya Prakashan, Hindi Books, Suggested Books, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र, सही आख्यान (True narrative)Bharat Mein Parchalit Secularvad
Dr. Shankar Sharan is an acknowledged expert on Communism. He was an Assistant Professor at NCERT and held a position at the National Book Trust. He’s the author of acclaimed Hindi books including Jihadi Atankwad Samyavad ke sau Apradh and Sahitya aur Rajniti.
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Hindi Books, Rajpal and Sons, Suggested Books, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)
Gandhi Ke Brahmacharya Prayog | गाँधी के ब्रह्मचार्य प्रयोग
-10%Hindi Books, Rajpal and Sons, Suggested Books, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)Gandhi Ke Brahmacharya Prayog | गाँधी के ब्रह्मचार्य प्रयोग
‘‘गाँधी काम-भावना की दुर्दम्य शक्ति से जीवनपर्यंत आक्रान्त रहे। उन्होंने ब्रह्मचर्य व्रत, अर्थात पत्नी के साथ शारीरिक सम्बन्ध का त्याग सन् 1906 में ही ले लिया था। पर वे स्त्री-पुरुष सम्बन्ध के आकर्षण से कभी मुक्त नहीं हो सके। जिसे गाँधीजी ने जीवन के उत्तरार्ध में ‘ब्रह्मचर्य प्रयोग’ कहा, उसके गम्भीर अध्ययन के बाद वह मोह और आकर्षण ही लगता है। स्वयं गाँधीजी ने अपनी आत्मकथा लिखने में तथा उस के बारह वर्ष बाद भी स्वीकार किया है कि वे ‘इन्द्रिय नियन्त्रण’ रखने में कठिनाई महसूस करते हैं। अर्थात् 57 और 69 वर्ष की आयु में भी उनका ब्रह्मचर्य एक सचेत प्रयत्न था, सहजावस्था नहीं। गाँधीजी ने यह छिपाया नहीं, यह उनकी महानता थी। किन्तु उन प्रयोगों में कोई महानता नहीं थी।’’ गाँधीजी के ब्रह्मचर्य के प्रयोग क्या थे? ऐसे प्रयोगों के पीछे गाँधीजी की क्या धारणा थी? कारण क्या थे, ऐसे प्रयोग करने के? और इन प्रयोगों की गाँधीजी के जीवन में क्या अहमियत थी? ऐसे ही कुछ असहज सवालों पर यह पुस्तक प्रकाश डालती है। गंभीर अध्ययन के बाद लिखी यह पुस्तक प्रामाणिक उद्धरणों पर आधारित है और लेखक का कहना है कि ‘‘यह एक प्रयास है ताकि हम प्रत्येक विषय पर पूर्वाग्रहरहित होकर जानकारी प्राप्त करने तथा सोचने-विचारने के प्रति सचेत हों।’’
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Akshaya Prakashan, English Books, Hindi Books, Suggested Books, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)
Homeland After Eighteen Years (PB)
-11%Akshaya Prakashan, English Books, Hindi Books, Suggested Books, इतिहास, सही आख्यान (True narrative)Homeland After Eighteen Years (PB)
The author was invited to receive ‘ Lifetime Award for the Best Book in English, for his anthology: Enchanted World of Infants’. He was going to Kashmir after eighteen years of exile from there. The book contains 45 poems in English along with Hindi verse translation and is not merely a poetical work but is a mirror of present situation, its history and likely to happen in future. It shows how Islamic societies treat other societies. It helps in understanding the present history, politics and the mindset of the people there and is a must read and worthy of collection for our enlightened young generation.
लेखक को उनके संकलन: एन्चांटेड वर्ल्ड ऑफ इन्फैंट्स’ के लिए ‘अंग्रेजी में सर्वश्रेष्ठ पुस्तक के लिए लाइफटाइम अवॉर्ड’ प्राप्त करने के लिए आमंत्रित किया गया था। वहां से अठारह वर्ष के निर्वासन के बाद वे कश्मीर जा रहे थे। इस पुस्तक में हिंदी पद्य अनुवाद के साथ अंग्रेजी में 45 कविताएँ शामिल हैं और यह केवल एक काव्य कृति नहीं है बल्कि वर्तमान स्थिति, उसके इतिहास और भविष्य में होने वाली घटनाओं का दर्पण है। यह दर्शाता है कि इस्लामी समाज अन्य समाजों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं। यह वर्तमान इतिहास, राजनीति और वहां के लोगों की मानसिकता को समझने में मदद करता है और हमारी प्रबुद्ध युवा पीढ़ी के लिए अवश्य पढ़ने योग्य और संग्रहणीय है।
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Abrahamic religions (अब्राहमिक मजहब), Akshaya Prakashan, Hindi Books, Suggested Books, सही आख्यान (True narrative)
Islam Aur Communism (PB)
Abrahamic religions (अब्राहमिक मजहब), Akshaya Prakashan, Hindi Books, Suggested Books, सही आख्यान (True narrative)Islam Aur Communism (PB)
हिन्दू रक्षा-शिक्षा के लिए एक अनिवार्य पुस्तक। तीन अंतर्राष्ट्रीय विद्वानों की चेतावनी जैसे विश्लेषण-विवरण की हिन्दी में सारभूत प्रस्तुति।
इस्लाम के अनुसार अच्छा मुसलमान वह है जो प्रोफेट के सुन्ना का पालन करता है। यही एकमात्र निर्धारक है। यदि इस्लाम को जानना है तो सदैव मुहम्मद की ओर देखें, न कि किसी नेता, विद्वान या मौलाना को। तभी आपको सत्य मिलेगा। वरना धोखे खाने की ही पूरी संभावना है।… इस्लाम द्वारा दूसरों के साथ सह-अस्तित्व की सारी बातें सदैव अस्थाई होती हैं।… इसलिए पहले इस्लामी सिद्धांत व इतिहास जान कर ही सच्चाई समझे। यह अब कठिन नहीं रहा। तभी जरूरी है कि इस्लाम के सिद्धांत और व्यवहार के इतिहास को पूरी तरह जानने की व्यवस्था करना अनिवार्य कर्तव्य है। Islam denies coexistence
इस्लाम के साथ सामंजस्य का मतलब है उस की ओर से आती रहने वाली क्रमशः अंतहीन माँगें (डॉ. अंबेदकर ने कहा था, ‘मुसलमानों की माँगे हनुमान जी की पूँछ की तरह बढ़ती जाती हैं’) पूरी करते जाना। प्रोफेट मुहम्मद अपनी माँगों में कभी नहीं रुके,जब तक कि उन की 100% माँगें पूरी नहीं हो गईं। वही मुसलमानों के आदर्श हैं। इसलिए काफिरों के लिए कोई आसानी का रास्ता नहीं।
उन्हें समझ लेना होगा कि इस्लाम उस एक चीज – जिहाद – को कभी नहीं छोड़ेगा, जिस से उसे आज तक सारी सफलता मिली! इस्लाम की सारी सफलता राजनीतिक समर्पण की माँग, दोहरेपन और हिंसा पर आधारित है। बेचारा काफिर जो बदलना चाहता है वह यही चीज है – हिंसा, दबाव, हुज्जत, और राजनीति। जबकि काफिर से समर्पण की माँग करना और हिंसा करना, यही इस्लाम की सफलता का गुर रहा है। अतः हिंसा, दबाव, हुज्जत, और माँगें कभी नहीं रुकने वाली, क्योंकि वह 1400 वर्षों से काम कर रही हैं। आज तो वह पहले किसी भी समय से अधिक काम कर रही हैं! भारत में ही किसी भी हिन्दू नेता का भाषण सुन लीजिए।
यह पुस्तक राजनीतिक इस्लाम और कम्युनिज्म के स्वरूपों पर, भिन्न-भिन्न देशों के तीन बड़े विद्वानों के प्रमाणिक
आकलनों की एक प्रस्तुति है। वर्तमान अंतरराष्ट्रीय स्थिति को समझने में भी यह सहायक हो सकती है।SKU: n/a -
Hindi Books, Rajpal and Sons, इतिहास, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र
Jihadi Aatankwad
कट्टरता और इस्लाम के नाम पर आज आतंक चारों ओर फैल रहा है, जिसमें हज़ारों निरपराध, असहाय, स्त्री-पुरुषों को गोलियों का शिकार होना पड़ रहा है और जिसे रोकने के लिए अनेक देशों के सम्मिलित प्रयास भी पूरी तरह सफल नहीं हो पा रहे हैं। इसी समस्या के विभिन्न पक्षों पर गंभीरता से विचार करते हुए यह पुस्तक सामयिक भी है और महत्त्वपूर्ण भी।
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Abrahamic religions (अब्राहमिक मजहब), Akshaya Prakashan, Hindi Books, Suggested Books, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र, सही आख्यान (True narrative)
Musalmano Ki Ghar Wapsi.. Kyon Aur Kaise?
Abrahamic religions (अब्राहमिक मजहब), Akshaya Prakashan, Hindi Books, Suggested Books, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र, सही आख्यान (True narrative)Musalmano Ki Ghar Wapsi.. Kyon Aur Kaise?
अस्त्र-शस्त्र का उत्तर अस्त्र-शस्त्र से देना उचित है। लेकिन विचारों का उत्तर तो विचार ही हो सकता है। किसी विचार, किसी लेख-कविता या पुस्तक के उत्तर में तलवार निकालना मजबूती नहीं, कमजोरी की निशानी है। किन्तु अरब से लेकर यूरोप, एसिया, अफ्रीका तक, हर कहीं इस्लामी नेता और संगठन सरल, संयत, वैचारिक संघर्ष से बचते हैं। इसे सदैव हिंसा से दबाने की कोशिश करते हैं। सदियों से, बल्कि आरंभ से ही, इस में कोई बदलाव नहीं आया है। स्वयं प्रोफेट मुहम्मद ने अपने विचारों पर किसी के प्रतिवाद, संदेह का यही उत्तर दिया था।
तब क्या इस्लाम कागजी शेर नहीं है? एक दुर्बल, भयभीत मतवाद, जो केवल धमकी, हिंसा, छल-कपट, अनुचित रूप से उठाई जा रही विशेष सुविधाओं, अनुचित-असमान नियमों के बल से चल रहा है। ऐसा मत-विश्वास कितने दिन चलता रह सकता है? यह एक बुनियादी प्रश्न है, जिस से भारत और वर्तमान विश्व की कई समस्याएं जुड़ी हुई हैं।
इस समस्या का समाधान सैनिक तरीके से नहीं, बल्कि शिक्षा में है। ध्यान दें, कुरान में असंख्य बार कई प्रसंगों में ‘प्रमाण’, ‘स्पष्ट प्रमाण’, की बातें की गई है। अतः मुसलमान किसी विचार-बिन्दु, विषय में प्रमाण, सबूत, एविडेंस के महत्व से परिचित हैं। केवल उन्हें प्रमाण वाली कसौटी को उन विचारों, कानूनों, विवरणों, दलीलों पर भी लागू करके देखने की जरूरत है जिन्हें वे स्वतः-प्रमाणिक मानते रहे हैं। जैसे, मूर्तिपूजकों को घृणित समझना; इस्लाम से पहले या बाहर के मानव-समाजों को मूर्ख मानना; जीने के बदले मरने को अधिक अच्छा मानकर ‘जन्नत’ पाने के लिए हर तरह के चित्र-विचित्र काम करना; जिहाद को सब से बड़ा कर्तव्य समझना; मनुष्य को गुलाम बनाकर बेचना-खरीदना; स्त्रियों को वस्तु-संपत्ति मात्र भोग रूप में देखना; आदि मान्यताओं को विवेक से देखने की जरूरत है। ये मान्यताएं कोई ईश्वरीय देन या ‘सर्वकालिक सत्य’ नहीं हैं – इस की परीक्षा की जानी और शिक्षा दी जानी चाहिए। (पुस्तक अंश)
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Akshaya Prakashan, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र, सही आख्यान (True narrative)
Samyavad ke Sau Apradh
Akshaya Prakashan, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र, सही आख्यान (True narrative)Samyavad ke Sau Apradh
श्री शंकर शरण ने अपनी इस पुस्तक में साम्यवाद के सौ अपराधों का ब्यौरा दिया है, उसकी सै(ान्तिक और दार्शनिक पृष्ठभूमि यही है। इस अपराधें के विवरण से शरण ने तथ्यों को बड़े ही समुचित ढंग से जुटाया है, और उन्हें अपनी भाषा एवम् विवेचन-शक्ति से जीवन्त बनाया है। साम्यवाद की एक विशेषता रही है।
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Garuda Prakashan, Hindi Books, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र
Sangh Parivar ki Rajneeti: Ek Hindu Aalochana
-10%Garuda Prakashan, Hindi Books, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्रSangh Parivar ki Rajneeti: Ek Hindu Aalochana
यह हिन्दू दृष्टि से संघ-परिवार की राजनीति की एक आलोचना है।
उस पर बनी-बनाई, अच्छी-बुरी मान्यताओं से हट कर यह उन बुनियादी मुद्दों पर आधारित है, जिन से हिन्दू समाज का हित प्रभावित होता है । इस में स्वतंत्र विद्वानों, लेखकों, तथा संघ के पुराने स्वयंसेवकों के विचार शामिल हैं । साथ ही, गत दो दशक में समय-समय पर लेखक के अपने अवलोकन भी संकलित हैं । इस तरह, यह पुस्तक गत आठ दशकों में संघ परिवार की राजनीति की एक परख है । इस पड़ताल की कसौटी कोई मतवाद नहीं, वरन हिन्दू समाज का हित है।
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Akshaya Prakashan, Hindi Books, Rajpal and Sons, इतिहास
Shankar Sharan Hindi Collection Book
AUTHOR: Shankar Sharan
- Sangh Parivar ki Rajneeti: Ek Hindu Aalochana
- Bharat Mein Parchalit Secularvad
- Adhyatmika Akramana aur Ghara Vapasi
- Bharat par Karl Marx aur Marxvadi Itihas Lekhan
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- Islam Aur Communism (PB)
- Musalmano Ki Ghar Wapsi.. Kyon Aur Kaise?
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