Sudha Murthy
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Hindi Books, Prabhat Prakashan, कहानियां
Dadi Amma Kahen Kahani
ईश्वर ने अभी-अभी इस पृथ्वी की रचना की थी। उन्होंने एक कदम पीछे हटकर उसे मुग्ध होकर देखा। उन्होंने मनुष्यों, जानवरों, पेड़-पौधों व समुद्रों की रचना की थी और वह रहने के लिए एक अद्भुत स्थान लगता था। परंतु किसी चीज की कमी थी। कुछ देर सोचने के बाद उन्होंने छह भाइयों—दिन, रात, गरमी, सर्दी, बारिश और वायु—को बुलाया। उन्होंने छह भाइयों से नीचे धरती पर जाने और वहाँ के प्राणियों को एक सुखद व समृद्ध जीवन जीने में मदद करने का निर्देश दिया—‘तुम्हें पृथ्वी पर रहनेवाले प्राणियों के लिए आहार उपजाने में उनकी मदद करनी होगी, ताकि वे आनंदपूर्वक रह सकें। मैंने समय को दो
प्रख्यात लेखिका सुधा मूर्ति की दादी की भूमिका से उपजी ये कहानियाँ बच्चों, माता-पिता, दादा-दादी—यानी तीन पीढ़ियों के आपसी संबंधों को समझाती हैं; परिवार को प्यार के बंधन में बाँधने का काम करती हैं और बालपन के पंख लगाकर आसमान छूने को प्रेरित करती हैं।
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Maa Ka Dulaar
मैं उसके हस्तक्षेप से थक चुकी थी। मैं बोली, ‘ठीक है, मुझे इस बारे में सोचने दीजिए। हम बाद में बात करते हैं।’
अगले दिन उसने फिर मुझे फोन किया। ‘मैडम, हमारी फैक्टरी में लंबे लोग भी हैं। क्या मैं आपको अलग-अलग सूची भेज दूँ, ताकि आप उनके लिए अधिक कपड़ा खरीद सकें?’
‘सुनिए, मेरे पास संशोधनों के लिए समय नहीं है। मैं ऐसा नहीं कर सकती।’
‘साड़ियों और कपड़ों का रंग क्या होगा?’
‘एक ही मूल्य के कपड़ों में हम अलग-अलग रंग ले लेंगे।’
‘अरे, आप ऐसा नहीं कर सकतीं। कुछ लोगों को अपने उपहारों के रंग पसंद आ सकते हैं और कुछ को बिलकुल भी नहीं आ सकते तो वे बहुत दुःखी हो जाएँगे।’
‘ऐसा है तो मैं एक ही रंग सभी को दे दूँगी।’
‘नहीं मैडम, ऐसा मत कीजिएगा। वे सोचेंगे कि आप उन्हें एक यूनिफॉर्म दे रही हैं।’
थककर मैं बोली, ‘तो आपका क्या सुझाव है?’SKU: n/a