राजेंद्र प्रताप सिंह
जन्म : 19 मार्च, 1973 को ग्राम पचवर का पुरवा, बेलामुंडी, इलाहाबाद में ।
गत दस वर्षों से संपादन कार्य के माध्यम से हिंदी साहित्य व पत्रकारिता से संबद्ध । अब तक लगभग चार सौ पुस्तकों के संशोधन-संपादन का अनुभव ।
लेखन : कहानी, लघुकथा, व्यंग्य एवं आलेख विधा पर लगभग पचास रचनाएँ प्रकाशित । ‘ 1000 रामायण प्रश्नोत्तरी ‘ व ‘ 1000 महाभारत प्रश्नोत्तरी ‘ पुस्तकें प्रकाशित ।
संप्रति : अनेक प्रतिष्ठित प्रकाशनों की हिंदी पुस्तकों का संपादन कार्य, ‘ साहित्य अमृत ‘ पत्रिका में संपादन सहयोग तथा स्वतंत्र लेखन ।
1000 Mahabharat Prashnottari
1000 Mahabharat Prashnottari
क्या आप जानते हैं-‘ वह कौन पांडव वंशज था, जिसने एक बार अनजाने में ही भीम को मल्ल-युद्ध में पराजित कर दिया था ‘, ‘ धृतराष्ट्र का वह कौन पुत्र था, जो महाभारत युद्ध में जीवित बच गया था ‘, ‘ किस वीर से युद्ध करते हुए अर्जुन की मृत्यु हो गई थी ‘, ‘ द्रौपदी को ‘ याज्ञसेनी ‘ क्यों कहते थे ‘, ‘ हस्तिनापुर का नाम ‘ हस्तिनापुर ‘ कैसे पड़ा ‘, ‘ महाभारत युद्ध में कुल कितने योद्धा मारे गए थे ‘, ‘ उस अस्त्र को क्या कहते हैं, जिसके प्रयोग करने पर पत्थरों की वर्षा होने लगती थी ‘ तथा ‘ एक ब्रह्मास्त्र को दूसरे ब्रह्मास्त्र का प्रयोग कर दबा देने से कितने वर्षों तक वर्षा नहीं होती थी?’ यदि नहीं, तो ‘ महाभारत प्रश्नोत्तरी ‘ पढ़ें । आपको इसमें इन सभी और ऐसे ही रोचक, रोमांचक, जिज्ञासापूर्ण व खोजपरक 1000 प्रश्नों के उत्तर जानने को मिलेंगे ।
इस पुस्तक में भीष्म, द्रोण, कर्ण, अर्जुन, भीम एवं अभिमन्यु जैसे पराक्रमियों के अद्भुत शौर्य का वर्णन तो है ही, विभिन्न शस्त्रास्त्रों, दिव्यास्त्रों एवं उनके प्रयोगों और प्रयोग के पश्चत् परिणामों की जानकारी भी दी गई है । इसके अतिरिक्त महाभारतकालीन नदियों, पर्वतों, राज्यों, नगरों तथा राज्याधिपतियो का सुस्पष्ट संदर्भ भी जानने को मिलता है । साथ ही लगभग दो सौ विभिन्न पात्रों के माता, पिता, पत्नी, पुत्र- पुत्री, पितामह, पौत्र, नाना, मामा आदि संबंधों का खोजपरक विवरण भी ।
यह पुस्तक आम पाठकों के लिए तो महत्त्वपूर्ण है ही, लेखकों संपादकों पत्रकारों वक्ताओं, शोधार्थियों, शिक्षकों व विद्यार्थियों के लिए भी अत्यंत उपयोगी है । वस्तुत: यह महाभारत का संदर्भ कोश है ।
Rs.315.00 Rs.350.00
Weight | 0.360 kg |
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Dimensions | 8.7 × 5.57 × 1.57 in |
- Rajendra Pratap Singh
- 9788177212761
- Hindi
- Prabhat Prakashan
- 1st
- 2018
- 156
- Hard Cover
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