रचना बिष्ट रावत ने पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया और लंबे समय तक ‘स्टेट्समैन’, ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ तथा ‘डेक्कन हेराल्ड’ के साथ कार्य किया। सन् 2005 में वे हैरी ब्रिटेन फेलो बनीं और सन् 2006 में उन्होंने कॉमनवेल्थ प्रेस क्वार्टरली रॉयल रॉयस अवॉर्ड जीता। वर्ष 2008-09 में उनकी प्रथम कहानी ‘मुन्नी मौसी’ कॉमनवेल्थ लघुकथा प्रतियोगिता में खूब सराही गई। उनकी प्रथम पुस्तक ‘द बे्रव : परमवीर चक्र स्टोरीज’ प्रकाशित होकर बहुचर्चित हुई। वे अपने पति लेफ्टनेंट कर्नल मनोज रावत व तेरह वर्षीय पुत्र सारांश के साथ भारत के विभिन्न स्थानों का भ्रमण करती रही हैं। उनके विषय में अधिक जानकारी www.rachnabisht.com पर प्राप्त की जा सकती है।
1965 Bharat-Pak Yuddha Ki Veergathayen
भारत व पाकिस्तान के बीच हुए सन् 1965 के ऐतिहासिक युद्ध को पचास वर्ष से अधिक हो गए हैं। यह पुस्तक उस युद्ध के वीरों, हुतात्माओं और उनके पराक्रम की शौर्यगाथा है। 1 सितंबर, 1965 को पाकिस्तान द्वारा जम्मू व कश्मीर के छंब जिले पर हमले से ऐसे युद्ध की शुरुआत हुई, जिसमें बड़े पैमाने पर हथियारों व सैन्य-शक्ति का उपयोग किया गया। यह भारतीय सेना के सैनिकों का साहस व कुर्बानियाँ ही थीं, जिनके कारण हमने पाकिस्तानी घुसपैठ का समुचित उत्तर देते हुए देश को जबरदस्त सैन्य विजय दिलाई।
सन् 1965 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना द्वारा लड़ी गई पाँच प्रमुख लड़ाइयों के ऐतिहासिक तथ्य और एक्शन-प्लान तथा युद्ध में लड़नेवाले सेवानिवृत्त सैनिकों के साक्षात्कारों द्वारा उन घटनाओं का भी विवरण दिया गया है, जिनका आज तक कभी खुलासा नहीं हुआ। इस पुस्तक में हाजी पीर, असल उत्तर, बार्की, डोगराई व फिल्लोरा में हुई लड़ाइयों और उनमें पराक्रम दिखानेवाले हमारे बहादुर युद्ध-नायकों से जुड़ी प्रेरणादायक कहानियों को भी स्थान दिया गया है।
युद्ध-इतिहास की यह पुस्तक हमारे सैनिकों के अप्रतिम युद्ध-कौशल और उनके पराक्रम को नमन-वंदन करने का एक विनम्र प्रयास है।
Rs.200.00
Weight | 0.310 kg |
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Dimensions | 8.7 × 5.57 × 1.57 in |
- Rachna Bisht Rawat
- 9789351869696
- Hindi
- Prabhat Prakashan
- 1
- 2018
- 184
- Hard Cover
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