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Azad Hind Fauj Ka Lapata KhaZana


“अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को अंग्रेजों से मुक्त कराने के बाद आजाद हिंद फौज ने पोर्ट ब्लेयर में आजाद हिंद बैंक स्थापित करने की योजना बनाई। हालाँकि शाखा खोलने के लिए भेजा गया खजाना रहस्यमय तरीके से खो जाता है।

एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी निकोबार के एक निषिद्ध द्वीप पर एक रहस्यमय हथियार हासिल करने के लिए एक खतरनाक मिशन पर है, जो उन्हें द्वितीय विश्वयुद्ध जीतने में मदद कर सकता है। इस तरल को खोजने का सुराग एक कविता में छिपा है। खजाना और हथियार हासिल करने के लिए भेजे गए कई ब्रिटिश और जापानी खोजी दल इस निषिद्ध द्वीप पर गायब हो जाते हैं।

द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अपने पिता के रहस्यमय ढंग से लापता होने के पीछे की सच्चाई को जानने के लिए एक बेटे की यात्रा उसे मणिपुर में उसके पैतृक गाँव तक ले जाती है। अपठित पत्रों का एक संग्रह उसे अतीत में ले जाता है।

क्या बेटा अपने खोए हुए पिता को ढूँढ़ पाएगा?

आजाद हिंद बैंक का खजाना कैसे और कहाँ गायब हो गया? निकोबार के निषिद्ध द्वीप पर लोग क्यों गायब होते रहते हैं?

ऐसे रहस्यमय प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए पढ़िए यह रोमांचक उपन्यास।

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Piyush Rohankar

नागपुर के रहने वाले पीयूष अरुण रोहनकर भारतीय सिविल सर्वेंट हैं। उन्होंने 2014 में यू.पी.एस.सी. सिविल सर्विस परीक्षा पास की और उन्हें दानिक्स अलॉट किया गया। उन्होंने इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री हासिल की और बेंगलुरु के एस.आई. बी.एम. से फाइनेंस में एम.बी.ए. किया। काम से जब भी फुर्सत मिलती है तो उन्हें पढ़ना, पश्चिमी शास्त्रीय संगीत सुनना, फिल्में देखना, टेबल टेनिस खेलना और सफर करना अच्छा लगता है।
उन्होंने कविताओं के तीन संग्रह भी प्रकाशित किए हैं। उनकी कविताएँ— piyushrohankar@wordpress.com पर पढ़ सकते हैं।
अपने बैंड नेबुला क्वारंटीन के लिए लिखे उनके गाने reverbnation.com/ nebulaquarantine पर सुन सकते हैं।

Weight 0.650 kg
Dimensions 8.7 × 5.5 × 1.3 in
  •  Piyush Rohankar
  •  9789355621382
  •  Hindi
  •  Prabhat Prakashan
  •  1st
  •  2024
  •  288
  •  Soft Cover

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