जन्म : 4 जनवरी, 1934।
शिक्षा : मैट्रिक तक। बाद में आकाशवाणी की नौकरी में लगने के साथ अनवरत स्वाध्याय। प्रारंभ में पत्रकारिता की ओर उन्मुख, समाचार संकलन का कार्य। कृतित्व : बालोपयोगी रचना से प्रारंभ करके देश की प्राय: सभी पत्रपत्रिकाओं में शताधिक रचनाओं का प्रकाशन। ‘गुरु गोविंद सिंह’, ‘गुरुनानक’ (बाल साहित्य), ‘शेखचिल्ली की पाठशाला’ (हास्य बाल एकांकी), ‘छोटीबड़ी बातें’ (ललित निबंध)। कई बाल कहानियाँ, महापुरुषों की जीवनियाँ, ‘बालसखा’ पत्रिका में धारावाहिक रूप में प्रकाशित। देश के प्रमुख तीर्थस्थलों एवं पर्यटन पर विशिष्ट रचनाएँ प्रकाशित। संगीत विषयक रचनाएँ, यथा— इंटरव्यू, लेख आदि।
सम्मानपुरस्कार : ‘साहित्यमनीषी’ की मानद उपाधि, ‘कौमुदी सम्मान’, ‘भारतीय कल्याण संस्थान’ की ओर से सम्मानित। ‘नवरंग’ ललित कला केंद्र द्वारा पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए सम्मानित। विज्ञानज्ञान निकेतन, पटना सिटी द्वारा साहित्यसेवा के लिए सम्मानित।
संप्रति : लेखन, आकाशवाणी से बाल कथा एवं वार्त्ता का प्रसारण।
Bharat Ke Pavitra Teerthsthal
तीर्थ का अभिप्राय है पुण्य स्थान, अर्थात् जो अपने में पुनीत हो, अपने यहाँ आनेवालों में भी पवित्रता का संचार कर सके। तीर्थों के साथ धार्मिक पर्वों का विशेष संबंध है और उन पर्वों पर की जानेवाली तीर्थयात्रा का विशेष महत्त्व होता है। यह माना जाता है कि उन पर्वों पर तीर्थस्थल और तीर्थ-स्नान से विशेष पुण्य प्राप्त होता है, इसीलिए कुंभ, अर्धकुंभ, गंगा दशहरा तथा मकर संक्रांति आदि पर्वों को विशेष महत्त्व प्राप्त है। पुण्य संचय की कामना से इन दिनों लाखों लोग तीर्थयात्रा करते हैं और इसे अपना धार्मिक कर्तव्य मानते हैं।
पुण्य का संचय और पाप का निवारण ही तीर्थ का मुख्य उद्देश्य है, इसलिए मानव समाज में तीर्थों की कल्पना का विस्तार विशेष रूप से हुआ है। श्रीमद्भागवत में भक्तों को ही तीर्थ बताकर युधिष्ठिर विदुर से कहते हैं कि भगवान् के प्रिय भक्त स्वयं ही तीर्थ के समान होते हैं।
प्रस्तुत पुस्तक में विभिन्न धर्मों के अनुयायियों के आस्था के केंद्रों—पवित्र तीर्थस्थलों—का रोचक वर्णन है। ये न केवल आपकी आस्था और विश्वास में श्रीवृद्धि करेंगे, बल्कि आपको मानव जीवन के मर्म का सार भी बताएँगे। पढ़ते हुए आपको साक्षात् उस तीर्थ का दर्शन हो, यह इस पुस्तक की विशेषता है। यदि आपका मन निर्मल है, और हमें विश्वास है कि वह है, तो आप घर बैठे ही तीर्थ का पुण्य-लाभ प्राप्त करेंगे।
Rs.450.00 Rs.500.00
Weight | 0.610 kg |
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Dimensions | 8.7 × 5.57 × 1.57 in |
- Narayan Bhakt
- 9788189573676
- Hindi
- Prabhat Prakashan
- 1st
- 2019
- 240
- Hard Cover
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