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Bharat Vibhajan Aur Pakistan Ke Shad‍yantra


इतिहास बताता है कि ऐसे राष्ट्र:: जो अपने हालिया अतीत को याद नहीं रखते:: उनके यहाँ उसी त्रासदी की पुनरावृत्ति का खतरा उत्पन्न हो जाता है:: जिसके दौर से कोई पीडि़त राष्ट्र गुजर चुका होता है। इसीलिए कहा गया है कि वर्तमान परिदृश्य को सही ढंग से समझने के लिए इतिहास में झाँकना जरूरी है। हम देश विभाजन की विभीषिका को कभी भूल नहीं सकते। दरअसल भारत विभाजन भारत की आजादी से भी बड़ी घटना है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद भारत को तो देर-सवेर आजाद होना ही था।

अंग्रेजों के महाषड्यंत्र की उपज पाकिस्तान ने वजूद में आते ही भारत के विरुद्ध षड्यंत्र रचने आरंभ कर दिए। पाकिस्तान ने भारत के साथ आमने-सामने की लड़ाइयों में कामयाबी नहीं मिलने पर जनरल जिया की रणनीति के अनुसार भारत को हजार जख्मों से लहूलुहान करने की नीति अपनाई:: जिसका वह आज भी अनुसरण कर रहा है। लेकिन नफरत और खूंरेजी से उत्पन्न यह मुल्क उसी नफरत और खून-खराबे का शिकार हो गया है:: जिसमें उसका जन्म हुआ था। षड्यंत्ररचनाशास्त्र और आतंकवाद में पाकिस्तान के आकाओं ने जो महारथ हासिल की है:: उसकी तह में जाने की जरूरत है।

तथ्यान्वेषण पर आधारित यह पुस्तक पाकिस्तान की सोच और उसकी कारस्तानियों को समझने में उपयोगी सिद्ध होगी। इससे यह भी पता चलेगा कि किस प्रकार पाकिस्तान अपने ही कपाल पर हथौड़ा मार रहा है।”

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Balbir Dutt

लेखक-पत्रकार बलबीर दत्त का जन्म अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के रावलपिंडी नगर में हुआ। इनकी शिक्षा-दीक्षा रावलपिंडी, देहरादून, अंबाला छावनी और राँची में हुई। 1963 में राँची एक्सप्रेस के संस्थापक संपादक बने। साप्ताहिक पत्र जय मातृभूमि के प्रबंध संपादक, अंग्रेजी साप्ताहिक न्यू रिपब्लिक के स्तंभकार, दैनिक मदरलैंड के छोटानागपुर संवाददाता, आर्थिक दैनिक फाइनैंशियल एक्सप्रेस के बिहार न्यूजलेटर के स्तंभ-लेखक रहे। करीब 9000 संपादकीय लेखों, निबंधों और टिप्पणियों का प्रकाशन हो चुका है।
ये साउथ एशिया फ्री मीडिया एसोसिएशन, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया व नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के सदस्य हैं। अखिल भारतीय साहित्य परिषद् की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे। राँची विश्वविद्यालय के पत्रकारिता व जनसंपर्क विभाग में 26 वर्षों तक स्थायी सलाहकार व अतिथि व्याख्याता रहे।
बहुचर्चित पुस्तकें ‘कहानी झारखंड आंदोलन की’, ‘सफरनामा पाकिस्तान’ और ‘जयपाल सिंह: एक रोमांचक अनकही कहानी’। कई अन्य पुस्तकें प्रकाशनाधीन। पत्रकारिता के सिलसिले में अनेक देशों की यात्राएँ।
‘पद्मश्री सम्मान’, ‘राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार’, ‘पत्रकारिता शिखर सम्मान’, ‘लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड’ (झारखंड सरकार), ‘झारखंड गौरव सम्मान’, ‘महानायक  शारदा सम्मान’ आदि कई पुरस्कार प्राप्त।
संप्रति दैनिक देशप्राण के संस्थापक संपादक।

Weight 0.650 kg
Dimensions 8.7 × 5.57 × 1.57 in
  •  Balbir Dutt
  •  9789355214683
  •  Hindi
  •  Prabhat Prakashan
  •  1st
  •  2023
  •  512
  •  Soft Cover

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