,

Bharatnama Bharat Ka Naamkaran

Availability:

Out of stock


भारतनामा भारत का नामकरण – मैं भारतवर्ष – हूँ ब्रह्माण्ड में मैं सभ्यता का अनवरत उत्कर्ष हूँ मैं भारतवर्ष हूँ मैं हूँ श्रमण, मैं ही द्रविड़ मैं सिन्धु, हिन्दू, हिन्दवी मैं ज्ञानगुरु, हूँ मैं सनातन शास्त्र-धर्म-विमर्श हूँ मैं भारतवर्ष हूँ मिट्टी को मेरी रौन्दते बिजली की भाँति कौन्धते ग़ज़नी कभी, ग़ोरी कभी बाबर कभी, सूरी कभी पुर्तगाल के व्यापारी थे अंग्रेज़ अत्याचारी थे सदियों तलक मेरे नाम को मेरी शान को पहचान को छलते रहे, पलते रहे मेरा नाम तक बदला मगर बस अब नहीं बस हो चुका कोहिनूर तो में खो चुका पहचान मेरी है ऋषभ के पुत्र से मैं अहिंसक युद्ध का परिणाम अनुपम हर्ष हूँ न मिटा सकता कोई मैं अनवरत उत्कर्ष हूँ मैं भारतवर्ष हूँ। डॉ. प्रभाकिरण जैन I

Rs.500.00

Out of stock

Dr. Prabhakiran Jain

Weight 0.450 kg
Dimensions 8.7 × 5.57 × 1.57 in

AUTHOR : Dr. Prabhakiran Jain
ISBN : 9789390659586
Language : HINDI
Publisher: Bharatiya Jnanpith
Binding : HB
Pages : 248
WEIGHT : 0.450Kg

Based on 0 reviews

0.0 overall
0
0
0
0
0

Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.

There are no reviews yet.