Publisher – Gita Press
Language – Hindi
Binding – Hardcover
Gita Press, वेद/उपनिषद/ब्राह्मण/पुराण/स्मृति
Brihadaranyak-Upanishad
Availability:
Out of stock
यह उपनिषद् यजुर्वेद की काण्वीशाखा में वाजसनेय ब्राह्मण के अन्तर्गत है। कलेवर की दृष्टि से यह समस्त उपनिषदों की अपेक्षा बृहत् है तथा अरण्य (वन) में अध्ययन किये जाने के कारण इसे आरण्यक भी कहते हैं। वार्त्तिककार सुरेश्वराचार्य ने अर्थतः भी इस की बृहत्ता स्वीकार की है। विभिन्न प्रसंगों में वर्णित तत्त्वज्ञान के इस बहुमूल्य ग्रन्थरत्न पर भगवान् शंकराचार्य का सबसे विशद भाष्य है।
Rs.280.00
Out of stock
Weight | 1.500 kg |
---|---|
Dimensions | 9.5 × 5.57 × 1.57 in |
Based on 0 reviews
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.
There are no reviews yet.