लेखक-पत्रकार बलबीर दत्त का जन्म अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के रावलपिंडी नगर में हुआ। इनकी शिक्षा-दीक्षा रावलपिंडी, देहरादून, अंबाला छावनी और राँची में हुई। 1963 में राँची एक्सप्रेस के संस्थापक संपादक बने। साप्ताहिक पत्र जय मातृभूमि के प्रबंध संपादक, अंग्रेजी साप्ताहिक न्यू रिपब्लिक के स्तंभकार, दैनिक मदरलैंड के छोटानागपुर संवाददाता, आर्थिक दैनिक फाइनैंशियल एक्सप्रेस के बिहार न्यूजलेटर के स्तंभ-लेखक रहे। करीब 9000 संपादकीय लेखों, निबंधों और टिप्पणियों का प्रकाशन हो चुका है।
ये साउथ एशिया फ्री मीडिया एसोसिएशन, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया व नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के सदस्य हैं। अखिल भारतीय साहित्य परिषद् की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे। राँची विश्वविद्यालय के पत्रकारिता व जनसंपर्क विभाग में 26 वर्षों तक स्थायी सलाहकार व अतिथि व्याख्याता रहे।
बहुचर्चित पुस्तकें ‘कहानी झारखंड आंदोलन की’, ‘सफरनामा पाकिस्तान’ और ‘जयपाल सिंह: एक रोमांचक अनकही कहानी’। कई अन्य पुस्तकें प्रकाशनाधीन। पत्रकारिता के सिलसिले में अनेक देशों की यात्राएँ।
‘पद्मश्री सम्मान’, ‘राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार’, ‘पत्रकारिता शिखर सम्मान’, ‘लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड’ (झारखंड सरकार), ‘झारखंड गौरव सम्मान’, ‘महानायक शारदा सम्मान’ आदि कई पुरस्कार प्राप्त।
संप्रति दैनिक देशप्राण के संस्थापक संपादक।
Dastan-E-Pakistan : Jinnah Se Jihad Tak
“पाकिस्तान किसी भौगोलिक इकाई का नाम नहीं है, बल्कि एक बैरी मानसिकता और जेहनियत यानी धारणा का प्रतिनिधित्व करता है। यह तो केवल साम्राज्यवादी ब्रिटिश सत्ता का राजनीतिक खेल था, जिसने मजहब के नाम पर इस अलग देश का गठन किया। भारत के नक्शे पर कलम की नोक से लाइन खींचकर इसे बनाया गया है। इस तरह से कोई देश नहीं बनता। कोई भी स्वाभाविक देश सैकड़ों-हजारों वर्षों के अपने भौगोलिक व राजनीतिक स्वरूप और अपनी सामाजिक-सांस्कृतिक अस्मिता को सजाते- सँवारते, निखारते हुए अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाता है।
वस्तुस्थिति यह है कि हिंदू-विरोध या भारत-विरोध ही पाकिस्तान को जोड़े हुए है। यह विरोध ही उसके वजूद की बुनियाद है। पाकिस्तान के हुक्मरानों ने बांग्लादेश के घटनाविकास से कोई सबक ग्रहण नहीं किया। पाकिस्तान का यह दुर्भाग्य रहा है कि वहाँ आरंभ से ही साजिशों के भीतर साजिशें पकती रही हैं।
पाकिस्तान में आम लोग आतंकवाद के विरुद्ध हैं, लेकिन वे मजहबी कट्टरवाद के समर्थक हैं। हमारे देश के जागरूक नागरिकों को अपने इस विलक्षण पड़ोसी देश के बारे में अधिक-से-अधिक जानकारी प्राप्त करने की जरूरत है। कटु यथार्थ है कि पड़ोस में लगने वाली आग की आँच से बचना मुश्किल है। इस पुस्तक में पाकिस्तान से संबंधित ऐतिहासिक तथ्यों, राजनीतिक सच्चाइयों और आर्थिक विसंगतियों को उजागर किया गया है। पाकिस्तान के सभी गंभीर पर्यवेक्षकों के लिए यह पुस्तक अपरिहार्य है।
Rs.720.00 Rs.900.00
Weight | 0.650 kg |
---|---|
Dimensions | 8.7 × 5.5 × 1.3 in |
- Balbir Dutt
- 9789355621092
- Hindi
- Prabhat Prakashan
- 1st
- 2024
- 496
- Soft Cover
Based on 0 reviews
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.
There are no reviews yet.