Author – Rajat Mitra
ISBN – 9781942426240
Language – Hindi
Binding- Paperback
Pages – 441
Ek Kafir Mera Padosi
कश्मीर आज इस धरती पर सबसे ज्यादा कट्टरपंथी क्षेत्र है। मगर धार्मिक अत्याचारों और हिंसा के ज्ञात लघु इतिहास से परे भी एक इतिहास है जहाँ पर इसके मूल निवासियों ने लगातार धार्मिक अत्याचारों का विरोध किया और अपने धर्म को बनाए रखने के लिए बार बार संघर्ष किया।
इस कहानी को एक ऐसे मनोवैज्ञानिक द्वारा संवेदना के तंतुओं के साथ बुना गया है जिन्होनें कश्मीर के दर्द को अपने काम के हिस्से के रूप में महसूस किया है। यह एक ऐसी प्रेरक कहानी है जो तीन युवाओं के इर्दगिर्द घूमती है, जो हैं आदित्य, एक हिन्दू कश्मीरी पुजारी, जो अपने लोगों के लिए न्याय खोज रहा है, अनवर जो उसका पड़ोसी और एक इमाम का बेटा है, जो एक इस्लामिक कश्मीर बनाने के लिए हर कदम उठाने के लिए तैयार है और जेबा जो अपने प्यार एवं मजहब के बीच फंसी है।
बगल में काफिर हर उस व्यक्ति के लिए शक्तिशाली कहानी है जो एक गहरे अन्धकार के बाद अपनी एक पहचान की तलाश में और पहली बार कोई किताब हिंदुत्व के बहुलतावाद एवं इस्लाम के एकेश्वरवाद के बीच के संघर्ष को इतनी गहराई बताती है तथा यह पहली ऐसी किताब है जो मानवीय भाव की क्षमा एवं पश्चाताप को बताती है।
Rs.359.00 Rs.399.00
Weight | 0.430 kg |
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Dimensions | 8.7 × 5.51 × 1.57 in |
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