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Itihas Ki Mrityu (PB)
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‘इतिहास की मृत्यु’ श्री नरेंद्र पिपलानी द्वारा लिखी गई एक मौलिक विचारों से परिपूर्ण पुस्तक है, जिसमें विश्व की लगभग सभी भाषाओं के शब्दों की उत्पत्ति संस्कृत भाषा से हुई हैं यह सिद्ध करने का प्रयास किया गया है। प्राय: हम समझते हैं अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ती ग्रीक, लैटीन, फ्रेंच या अन्य भाषाओं से हुई होगी। लेकिन श्री नरेंद्र पिपलानी द्वारा लिखी गई पुस्तक इतिहास की मृत्यू को पढने से यह सिद्ध होता हैं कि विदेशी भाषाओं की भी अधिकतर शब्द भारत की संस्कृत भाषा से उत्पन्न हुए हैं, लेकिन समय और स्थान के परिवर्तन के साथ-साथ अपना रूप-रंग बदल चुकें हैं, इसलिए यह शब्द हमें विदेशी प्रतीत होते हैं। वास्तविकता में यह शब्द भारत के प्राचीन लोगों के साथ दूसरे देशों में गए और इन्होंने अपना स्परूप बदल लिया। अधिक जानकारी के लिए ”इतिहास की मृत्यु” पुस्तक अवश्य पढें।
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Weight | 0.250 kg |
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Dimensions | 8.7 × 5.51 × 1 in |
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