डॉ. मयंकमुरारी
शिक्षा : एम.ए. इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, पीजी इन मैनेजमेंट, पीजी इन रूरल डेवलपमेंट, डिग्री इन जर्नलिज्म, पी-एच.डी.।
प्रकाशित पुस्तकें : ‘मानववाद एवं राजव्यवस्था’, ‘भारत : एक सनातन राष्ट्र’, ‘राजनीति एवं प्रशासन’, ‘माई, एक जीवनी’ एवं ‘जहाँ है अच्छाई’।
रिप्रोडक्शन एंड चाइल्ड हेल्थ इन रूरल एरिया इन झारखंड पर रिसर्च पेपर, झारखंड में स्वास्थ्य की समस्याओं पर पेपर, उद्योग एवं विकास से संबंधित सैकड़ों रचनाएँ प्रकाशित, भारतीय दर्शन, स्वतंत्रता, सिंधु सभ्यता व आर्य सभ्यता, अंतरराष्ट्रीय विषयों पर दर्जनों शोधपरक लेख प्रकाशित।
Jambudweepe Bharatkhande: Sanatan Pravah Ka Mul Sthan (PB)
“भारतीय चिंतन में कल्प की अवधारणा का समय के साथ-साथ व्योम, यानी देश के हिसाब से भी विचार किया गया है। पृथ्वी के द्वारा सूर्य का परिभ्रमण करने से संवत्सर काल बनता है। इसी प्रकार जब सूर्य अपनी आकाशगंगा का चक्कर लगाता है तो उसका एक चक्र पूरा होने के समयखंड को मन्वंतर कहा जाता है।
इस प्रकार आकाशगंगा भी इस ब्रह्मांड में किसी ध्रुवतारे या सप्तर्षि या अन्य तारे का चक्कर लगाती है, उसके एक चक्कर की गणना को ही कल्प कहा गया। हमारा सौरमंडल आकाशगंगा के बाहरी इलाके में स्थित है और उसके केंद्र की परिक्रमा कर रहा है। इसे एक परिक्रमा पूरी करने में लगभग 22.5 से 25 करोड़ वर्ष लग जाते हैं। —इसी पुस्तक से
भारतीय जीवन में देश और काल है। काल के साथ गति है और गति के संग जीवनदर्शन जुड़ा है। यह बात ही भारत को विशिष्ट बनाती है। कालचक्र, युगचक्र, ऋतुचक्र, धर्मचक्र, भाग्यचक्र और कर्मचक्र के विधान भारतीय सांस्कृतिक चेतना में समाए हुए हैं।
सनातन के माहात्म्य, भारतीय चिंतन की वैज्ञानिकता और भारतीय जीवन-मूल्यों की पुनर्स्थापना करती विचारोत्तेजक पठनीय कृति।”
Rs.299.00 Rs.350.00
Weight | 0.450 kg |
---|---|
Dimensions | 8.7 × 5.57 × 1.57 in |
- Dr. Mayank Murari
- 9789390372713
- Hindi
- Prabhat Prakashan
- 1st
- 2023
- 224
- Soft Cover
Based on 0 reviews
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.
There are no reviews yet.