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JEEVAN KI KHOJ


प्यास
जीवन क्या है? उस जीवन के प्रति प्यास तभी पैदा हो सकती है, जब हमें यह स्पष्ट बोध हो जाए, हमारी चेतना इस बात को ग्रहण कर ले कि जिसे हम जीवन जान रहे हैं, वह जीवन नहीं है। जीवन को जीवन मान कर कोई व्यक्ति वास्तविक जीवन की तरफ कैसे जाएगा? जीवन जब मृत्यु की भांति दिखाई पड़ता है, तो अचानक हमारे भीतर कोई प्यास, जो जन्म-जन्म से सोई हुई है, जाग कर खड़ी हो जाती है। हम दूसरे आदमी हो जाते हैं। आप वही हैं, जो आपकी प्यास है। अगर आपकी प्यास धन के लिए है, मकान के लिए है, अगर आपकी प्यास पद के लिए है, तो आप वही हैं, उसी कोटि के व्यक्ति हैं। अगर आपकी प्यास जीवन के लिए है, तो आप दूसरे व्यक्ति हो जाएंगे। आपका पुनर्जन्म हो जाएगा। ओशो

Rs.320.00

एक तो जीवन में प्यास चाहिए। उसके बिना कुछ भी संभव नहीं होगा। और बहुत कम लोगों के जीवन में प्यास है। प्यास उनके ही जीवन में संभव होगी, परमात्मा की या सत्य की, जो इस जीवन को व्यर्थ जानने में समर्थ हो गए हों। जिन्हें इस जीवन की सार्थकता प्रतीत होती है–जब तक सार्थकता प्रतीत होगी तब तक वे प्रभु के जीवन के लिए लालायित नहीं हो सकते हैं। इसलिए मैंने कहा कि इस जीवन की वास्तविकता को जाने बिना कोई मनुष्य परमात्मा की आकांक्षा से नहीं भरेगा। और जो इस जीवन की वास्तविकता को जानेगा, वह समझेगा कि यह जीवन नहीं है, बल्कि मृत्यु का ही लंबा क्रम है। हम रोज-रोज मरते ही जाते हैं। हम जीते नहीं हैं। यह मैंने कहा।

Weight .310 kg
Dimensions 8.50 × 5.57 × 1.57 in

AUTHOR: OSHO
PUBLISHER: Osho Media International
LANGUAGE: Hindi
ISBN: 9788172613457
PAGES: 112
COVER: HB
WEIGHT :310 GM

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