Kaili, Kamini Aur Anita | कैली, कामिनी और अनीता
Amrita Pritam | अमृता प्रीतम
अनीता ‘एक थी अनीता’ उपन्यास की नायिका है जिसके पैरों के सामने कोई रास्ता नहीं, लेकिन वह चल देती है-कोई आवाज़ है, जाने कहाँ से उठती है और उसे बुलाती है…कैली ‘रंग का पत्ता’ उपन्यास की नायिका है, एक गाँव की लड़की और कामिनी ‘दिल्ली की गलियाँ’ उपन्यास की नायिका है, एक पत्रकार। इनके हालात में कोई समानता नहीं, वे बरसों की जिन संकरी गलियों से गुज़रती हैं, वे भी एक दूसरी की पहचान में नहीं आ सकतीं। लेकिन एक चेतना है, जो इन तीनों के अन्तर में एक सी पनपती है…वक्त कब और कैसे एक करवट लेता है, यह तीन अलग-अलग वार्ताओं की अलग-अलग ज़मीन की बात है। लेकिन इन तीनों का एक साथ प्रकाशन, तीन अलग-अलग दिशाओं से उस एक व्यथा को समझ लेने जैसा है, जो एक ऊर्जा बन कर उनके प्राणों में धड़कती है…मशहूर कवयित्री और लेखिका अमृता प्रीतम (1919-2005) ने पंजाबी और हिन्दी में बहुत साहित्य-सृजन किया जिसके लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, साहित्य अकादमी फैलोशिप, ज्ञानपीठ पुरस्कार, पद्मश्री और पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था।
Rs.325.00
Kaili, Kamini Aur Anita | कैली, कामिनी और अनीता
Amrita Pritam | अमृता प्रीतम
Weight | .330 kg |
---|---|
Dimensions | 8.66 × 5.57 × 1.57 in |
AUTHOR : Amrita Pritam
PUBLISHER : Rajpal and Sons
LANGUAGE : Hindi
ISBN :9789350643693
BINDING : (PB)
PAGES : 276
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.
There are no reviews yet.