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KALE KARNAME


निराला साहित्य को पढ़ते हुए लगता है कि वे पद्य के युग में गद्य की विराट् संवेदना लेकर पैदा हुए थे। इसलिए आलोचकों ने उनके गद्य-साहित्य को काफी देर से सराहा।

Rs.95.00

Author- SURYAKANT TRIPATHI ‘NIRALA’
ISBN – 8181432517
Language – Hindi
Binding – Paperback

Weight .180 kg

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