हरिंदर बवेजा
हिंदुस्तान टाइम्स की एडिटर हरिंदर बवेजा की ख्याति एक निडर और कर्मठ रिपोर्टर की रही है। कश्मीर संकट को कवर करने के अनुभव का ही परिणाम था कि वह अनेक स्रोतों तक पहुँच सकीं—विशेष रूप से सेना की उन टुकड़ियों तक जिन्हें कारगिल भेजा गया था। उन्होंने 26/11 मुंबई अटैक्ड’ के अध्यायों का संपादन और लेखन भी किया है।
Kargil Ki Ankahi Kahani
कारगिल, 1999 पाकिस्तानी सैनिकों की पूरी-की-पूरी दो ब्रिगेड भारतीय इलाके में घुस आई और भारतीय सेना को कानो-कान खबर मिलने तक अपनी मोर्चाबंदी कर ली। भारतीय सेना के आला अफसरों ने चेतावनियों की अनदेखी की और खतरे के साथ ही घुसपैठियों की संख्या को तब तक कम बताते रहे जब तक कि बहुत देर नहीं हो गई। पैदल सैनिकों को आधे-अधूरे नक्शों, कपड़ों, हथियारों के साथ आगे धकेल दिया गया, जबकि उन्हें न तो यह जानकारी थी कि दुश्मनों की संख्या कितनी है या उनके हथियार कितनी ताकत रखते हैं! वीरता के सर्वोच्च पुरस्कार, परमवीर चक्र विजेता, कैप्टन विक्रम बत्रा के पिता श्री जी.एल. बत्रा के लिखे पूर्वकथन के साथ, यह कारगिल की सच्ची कहानी है। डायरी के प्रारूप में लिखी यह पुस्तक, पहली बार उन घटनाओं का सच्चा, विस्तृत तथा विशिष्ट वर्णन करती है, जिनके कारण आक्रमण किया गया; साथ ही घुसपैठियों के कब्जे से चोटियों को छुड़ाने के लिए लड़ी गई लड़ाई में भारतीय वीरों की शूरवीरता को भी रेखांकित करती है।
मातृभूमि की रक्षा हेतु अपने प्राणों की आहुति देनेवाले जाँबाज भारतीय सैनिकों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है यह पुस्तक।
Rs.405.00 Rs.450.00
Weight | 0.480 kg |
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Dimensions | 8.7 × 5.57 × 1.57 in |
- Harinder Baweja
- 9789353224950
- Hindi
- Prabhat Prakashan
- 1st
- 2019
- 220
- Hard Cover
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