Author – Heramb Chaturvedi
ISBN – 9789388684835
Lang. – Hindi
Pages – 125
Binding – Hardcover
Kumbh : Aitihasik Vangmaya
‘कुम्भ’ से सम्बन्धित आख्यानों, कथाओं, मिथकों, रूपकों-प्रतीकों को समेटते हुए महाभारत एवं पुराणों में उल्लेखों-वर्णनों की विवेचना के पश्चात् प्रयाग के कुम्भ की विशेषता को रेखांकित करते हुए, उज्जैन, नासिक एवं हरिद्वार से अलग इसकी पृथक् पहचान स्थापित की है। ब्रह्मा के यज्ञ से लेकर भारद्वाज-आश्रम पर संगम के साथ ही ‘सरस्वती नदी/धारा का वैज्ञानिक सच भी रेखांकित किया है। तत्पश्चात भारतीय इतिहास के प्राचीन, मध्ययुगीन एवं आधुनिक कालों में ‘कुम्भ’ के विवरणों, दस्तावेजों के पुष्ट प्रमाण पर उसका ऐतिहासिक वर्णन किया है। अखाड़ों, उनके ‘शाही स्नान’ और ‘पेशवाई’ को भी ऐतिहासिक तिथियों द्वारा प्रमाण सहित वर्णित किया है। ‘संगम’, ‘प्रयाग’, ‘कुम्भ’ के आयोजन के उल्लेख में हिन्दू पुनर्जागरण में शंकराचार्य का महत्त्व और सांस्कृतिक एकता को दर्शाया है। इस पुस्तक का महत्त्व इसलिए भी है कि पूर्व में लिखी सम्बन्धित पुस्तकों का ‘क्रिटीक’ भी सम्मिलित है।
Rs.595.00
Weight | .400 kg |
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Dimensions | 8.50 × 5.51 × 1.57 in |
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