Author – Deepa Singh Raghuvanshi
ISBN – 9789388434331
Lang. – Hindi
Pages – 40
Binding – Hardcover
Maihar Ke Angana
अवध की संस्कृति, सभ्यता और परम्परा हमारी धरोहर है। अवध उत्तर प्रदेश के 25 जनपदों का एक भू-भाग है, जिसे प्राचीन काल में कोशल के नाम से जाना जाता था। कोशल की राजधानी अयोध्या थी। ‘अवध’ का नाम अयोध्या से पड़ा और मेरा परम सौभाग्य है कि मेरा जन्म अवध की पावन भूमि अयोध्या में हुआ। जहाँ की विशेषता कला और संस्कृति का संगम अनन्त भण्डार विश्वविख्यात है। भारत की लोक कलाएँ विश्व की सबसे प्राचीन धरोहरों में से एक बहुरंगी, विविध और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है। यहाँ की अनेक जातियों और जनजातियों की पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही पारम्परिक कलाओं को लोक कला के नाम से जाना जाता है। अवध में आलेखित चित्र मांगल्य के प्रतीक होते हैं। हमारे अवध की संस्कृति मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री रामचन्द्र जी हैं। यहाँ की संस्कृति में लोक कला बसती है, यहाँ के त्योहार लोक कला के बिना अधूरे हैं। एक वर्ष में बारह महीनों के अलग-अलग त्योहार होते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष का प्रारम्भ चैत्र मास से शुरू होता है। अवध में इस माह में नव वर्ष का उत्सव मनाते हैं। इसी माह में वासन्ती नवरात्रि में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचन्द्र जी का जन्म उत्सव मनाते हैं।
Rs.225.00
Weight | .200 kg |
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Dimensions | 8.57 × 5.51 × 1.57 in |
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