Prempal Sharma
जन्म : 5 जुलाई, 1963 को बुलंदशहर (उ.प्र.) के मीरपुर-जरारा गाँव में।
शिक्षा : बी.ए. (ऑनर्स), एम.ए. (दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली)।
कृतित्व : विश्व-प्रसिद्ध वनस्पतिविद् एवं वन्यजीव विज्ञानी डॉ. रामेश बेदी के सान्निध्य में अनेक वर्षों तक शोध सहायक के रूप में कार्य एवं बेदी वनस्पति कोश (छह खंड) का सफल संपादन। अब तक आयुर्वेद चिकित्सा संबंधी एवं अन्य विधाओं की सैकड़ों पुस्तकों का संपादन। आयुर्वेद एवं घरेलू चिकित्सा पर पत्र-पत्रिकाओं में अनेक लेख प्रकाशित।
‘सवेरा न्यूज’ साप्ताहिक में विगत पाँच वर्षों से स्वास्थ्य कॉलम एवं संपादकीय लेखन के साथ-साथ संपादन कार्य। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के सदस्य एवं अ.भा. गैर-सरकारी संस्था ‘सवेरा’ के कोषाध्यक्ष।
प्रकाशन : ‘संक्षिप्त हिंदी-अंग्रेजी कोश’, ‘निबंध, पत्र एवं कहानी लेखन’, ‘सुबोध हिंदी व्याकरण’, ‘जीवनोपयोगी जड़ी-बूटियाँ’, ‘स्वास्थ्य के रखवाले, शाक-सब्जी-मसाले’, ‘सचित्र जीवनोपयोगी पेड़- पौधे’, ‘कहानी रामायण की’, ‘कहानी महाभारत की’, बाल साहित्य की चार पुस्तकों का अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद।
संप्रति : आयुर्वेद पर शोध एवं स्वतंत्र लेखन।
Nagari-Nagari,Dware-Dware
यात्रा-वृत्तांत साहित्य की बड़ी जीवंत विधा है, जिसमें पहाड़ों की गूँज, नदियों की कल-कल और पक्षियों की मीठी चह-चह की तरह जीवन और जीवन-रस छलछलाता नजर आता है। इनमें हमारा समय है तो मानव-आस्था की सुदीर्घ परंपरा भी।
यात्रा-वृत्तांत एक तरह से कालदेवता की अभ्यर्थना भी हैं, जो पल में हमें कल से आज और आज से कल तक हजारों वर्षों की यात्रा कराके एकदम ताजा एवं पुनर्नवा बना देते हैं। प्रस्तुत यात्रा पुस्तक में दर्शनीय तीर्थस्थलों की प्रामाणिक जानकारी दी गई है, जिससे वे सभी सुरम्य यात्रा-स्थल अपनी पूरी प्राकृतिक सुंदरता, भव्यता और ऐतिहासिक गौरव के साथ पाठक की स्मृति में बसने की ताकत रखते हैं।
प्रस्तुत पुस्तक ‘नगरी-नगरी, द्वारे-द्वारे’ के यात्रा-वृत्तांतों की सबसे बड़ी विशेषता है कि ये मन को बाँध लेते हैं। पाठक इन्हें पढ़ना शुरू करे तो पूरा पढ़े बिना रह नहीं सकता है। पाठक को लगता है, वह इन्हें पढ़ नहीं रहा, बल्कि चलचित्र की भाँति देख रहा है; लेखक के साथ-साथ यात्रा कर रहा है।
विभिन्न साहित्यिक पत्रिकाओं में पाठकों का अपार प्यार-दुलार पाने के बाद अब ये यात्रा-संस्मरण पुस्तक रूप में पुनः पाठकों के सामने उपस्थित हैं। पत्र-पत्रिकाओं के पाठकों से इतर पाठक-बंधु भी अब इनका रसास्वादन सहजता से कर सकेंगे। पाठकों के हृदय में उतरकर अपना स्थान बना लेनेवाले यात्रा-संस्मरणों की रोचक, पठनीय-मननीय पुस्तक।
Rs.450.00 Rs.500.00
Weight | 0.450 kg |
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Dimensions | 8.7 × 5.57 × 1.57 in |
- : Prempal Sharma
- : 9789392040740
- : Hindi
- : Prabhat Prakashan
- : 1
- : 04/09/2021
- : 248
- : Hard Cover
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