Author Komal Aran Ataria
ISBN 9789355219688
Language Hindi
Publisher Prabhat Prakashan
Edition 1st
Publication Year 2025
Number of pages 152
Binding Style Soft Cover
Samram
“जीवन एक प्रश्न है, जिसका उत्तर हम निरंतर खोजते रहते हैं। कभी यह प्रश्न हमारे भीतर की पीड़ा से जन्म लेता है तो कभी हमारी आकांक्षाओं से, और कभी उस मौन से, जिसमें कई अनंत आत्माएँ छिपी हुई हैं। हम सोचते हैं कि हम जी रहे हैं, पर सत्य यह है कि हम केवल अर्थ की खोज कर रहे हैं। प्रत्येक क्षण हम अपने ही भीतर उतरते हैं, गिरते हैं, उठते हैं और फिर चल पड़ते हैं। यह यात्रा बाहरी नहीं, बल्कि यह यात्रा हमारे अंतःकरण की है। दार्शनिकों ने कहा है कि सत्य कहीं बाहर नहीं, वह हमारे भीतर है। ऋषियों ने कहा कि आत्मा ही ब्रह्म है।
कवियों ने कहा कि जीवन एक स्वप्न है, जो आत्मा की आँखों में खिलता और मिटता है। फिर भी, प्रश्न अब भी शेष है कि मैं कौन हूँ? यदि मैं एक शरीर हूँ तो नश्वर क्यों हूँ ? यदि आत्मा हूँ तो अमरत्व को क्यों भूल जाता हूँ ? यदि विचार हूँ तो इतना बिखरा हुआ क्यों हूँ ? यही सारे प्रश्न लेखक को इस निष्कर्ष तक ले जाते हैं कि जीवन का रहस्य एक मौन में है, जहाँ हम स्वयं को सबसे स्पष्ट रूप से सुन सकते हैं।”
Rs.270.00 Rs.300.00
| Weight | 0.450 kg |
|---|---|
| Dimensions | 8.7 × 5.5 × 1.5 in |
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