1: चित्त का निरीक्षण
2: प्रेम है दान स्वयं का
3: परिस्थिति नहीं, मनःस्थिति
4: विचार नहीं, भाव है महत्वपूर्ण
Osho Media International, ओशो साहित्य
SATYA KA DARSHAN
प्रेम है दान स्वयं का आपको पता है ईश्वर के संबंध में? आप जानते हैं? पहचानते हैं? है भी या नहीं है, दोनों बातें आपको पता नहीं हैं। लेकिन बचपन से हम कुछ सुन रहे हैं। और उस सुने को हमने स्वीकार कर लिया है। और उस स्वीकृति पर ही हमारी खोज की मृत्यु हो गई, हत्या हो गई। जो आदमी स्वीकार कर लेता है, वह आदमी अंधा हो गया। ओशो
Rs.320.00
Weight | .330 kg |
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Dimensions | 8.66 × 7.68 × 1.57 in |
AUTHOR: OSHO
PUBLISHER: Osho Media International
LANGUAGE: Hindi
ISBN: 9788172613587
PAGES: 138
COVER: HB
WEIGHT :330 GM
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