Weight | 0.300 kg |
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Dimensions | 8.6 × 5.51 × 1.57 in |
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Prabhat Prakashan, Suggested Books, राजनीति, पत्रकारिता और समाजशास्त्र
Hindutva (PB)
0 out of 5(0)‘हिंदुत्व’ एक ऐसा शब्द है, जो संपूर्ण मानवजाति के लिए आज भी अपूर्व स्फूर्ति तथा चैतन्य का स्रोत बना हुआ है। इस शब्द से संबद्ध विचार, महान् ध्येय, रीति-रिवाज तथा भावनाएँ कितनी विविध तथा श्रेष्ठ हैं। ‘हिंदुत्व’ कोई सामान्य शब्द नहीं है। यह एक परंपरा है। एक इतिहास है। यह इतिहास केवल धार्मिक अथवा आध्यात्मिक इतिहास नहीं है। अनेक बार ‘हिंदुत्व’ शब्द को उसी के समान किसी अन्य शब्द के समतुल्य मानकर बड़ी भूल की जाती है। वैसे यह इतिहास मात्र नहीं है, वरन् एक सर्वसंग्रही इतिहास है। ‘हिंदू धर्म’, यह शब्द ‘हिंदुत्व’ से ही उपजा उसी का एक रूप है, उसी का एक अंश है।
‘हिंदुत्व’ शब्द में एक राष्ट्र, हिंदूजाति के अस्तित्व तथा पराक्रम के सम्मिलित होने का बोध होता है। इसीलिए ‘हिंदुत्व’ शब्द का निश्चित आशय ज्ञात करने के लिए पहले हम लोगों को यह समझना आवश्यक है कि ‘हिंदू’ किसे कहते हैं। इस शब्द ने लाखों लोगों के मानस को किस प्रकार प्रभावित किया है तथा समाज के उत्तमोत्तम पुरुषों ने, शूर तथा साहसी वीरों ने इसी नाम के लिए अपनी भक्तिपूर्ण निष्ठा क्यों अर्पित की, इसका रहस्य ज्ञात करना भी आवश्यक है।
प्रखर राष्ट्रचिंतक एवं ध्येयनिष्ठ क्रांतिधर्मा वीर सावरकर की लेखनी से निःसृत ‘हिंदुत्व’ को संपूर्णता में परिभाषित करती अत्यंत चिंतनपरक एवं पठनीय पुस्तक।SKU: n/a -
Prabhat Prakashan, Suggested Books, इतिहास
Hindu Rashtra Darshan(PB)
0 out of 5(0)A Hindu, to sum up the conclusions arrived at, is he who looks upon the land that extends from Sindhu to Sindhu, from the Indus to the seas, as the land of his forefathers, his pitrabhu, who inherited the blood of that race whose first discernible source is traced to the Vedic Saptasindhus, which, on its onward march, assimilated much that was incorporated and ennobling. The Hindus, who inherited and claimed as their own the culture of that race, as expressed chiefly in their common classic language, Sanskrit, and represented by a common history, a common literature, art and architecture, law and jurisprudence, rites and rituals, ceremonies and sacraments, fairs and festivals, and who, above all, address this land, this Sindhustan, as their punyabhu, as the holy land, the land of their saints and seers, of godmen and gurus, the land of piety and pilgrimage. These are the essentials of Hindutva – a common rashtra, a common jaati, and a common sanskriti. All these essentials could best be summed up by stating in brief that they are Hindu to whom Sindhustan is not only a pitrabhu but also a punyabhu.
—Excerpts from this bookThis classic and unique book, Hindu Rashtra Darshan by Swatantrayaveer Savarkar, gives the true meaning and correct picture of the Hindu Rashtra, wherein everyone living on the land this side of Indus river is a Hindu by culture, by values and not by the religion in its narrow definition. The book is divided in three major parts—First part is Hindu Pad-Padshahi, Second is Hindu Rashtra Darshan and third part is Essentials of Hindutva. It is a must read book for all Bharatiyas.
SKU: n/a -
Prabhat Prakashan, जीवनी/आत्मकथा/संस्मरण
Mera Aajeevan Karavas (PB)
0 out of 5(0)भारतीय क्रांतिकारी इतिहास में स्वातंत्रवीर विनायकदामोदर सावरकर का व्यक्तित्व अप्रतिम गुणों का द्योतक है। ‘सावरकर’ शब्द ही अपने आपमें पराक्रम, शौर्य औरउत्कट देशभक्ति का पर्याय है। अपनी आत्मकथा मेरा आजीवन कारावास में उन्होंने जेल-जीवन की भीषण यातनाओं- ब्रिटिश सरकार द्वारा दो-दो आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद अपनी मानसिक स्थिति, भारत की विभिन्न जेलों में भोगी गई यातनाओं और अपमान, फिर अंडमान भेजे जाने पर जहाज पर कैदियों की यातनामय नारकीय स्थिति, कालापानी पहुँचने पर सेलुलर जेल की विषम स्थितियों, वहाँ के जेलर बारी का कूरतम व्यवहार, छोटी-छोटी गलतियों पर दी जानेवाली अमानवीय शारीरिक यातनाएँ यथा-कोडे लगाना, बेंत से पिटाई करना, दंडी-बेड़ी लगाकर उलटा लटका देना आदि का वर्णन मन को उद्वेलित करदेनेवाला है। विषम परिस्थितियों में भी कैदियों में देशभक्ति और एकता की भावना कैसे भरी, अनपढ़ कैदियों को पड़ाने का अभियान कैसे चलाया, किस प्रकार दूसरे रचनात्मक कार्यो को जारी रखा तथा अपनी दृढ़ता और दूरदर्शिता से जेल के वातावरण को कैसे बदल डाला, कैसे उन्होंने अपनी खुफिया गतिविधियों चलाई आदि का सच्चा इतिहास वर्णित है।
इसके अतिरिक्त ऐसे अनेक प्रसंग, जिनको पढ़कर पाठकउत्तेजित और रोमांचित हुए बिना न रहेंगे। विपरीत-से-विपरीत परिस्थिति में भी कुछ अच्छा करने की प्रेरणा प्राप्त करते हुए आप उनके प्रति श्रद्धानत हुएबिनान रहेंगे।SKU: n/a
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