डॉ. कर्ण सिंह भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में दार्शनिक और लेखक के रूप में विख्यात हैं, तथापि उनका यह लघु और लालित्यपूर्ण उपन्यास एक सुखद आश्चर्य है। डॉ. कर्ण सिंह संस्कृत के ख्यातिप्राप्त विद्वान् हैं और भारतीय संस्कृति एवं कला के संरक्षकों में अग्रणी हैं। डॉ. कर्ण सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा अमेरिका में भारत के राजदूत रहने के साथ अनेक महत्त्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भारत का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं।
Shivgiri
‘शिवगिरि’ कश्मीर की पृष्ठभूमि में रचित उपन्यास है और प्रधानतः आध्यात्मिक अन्वेषण के विषय को परखता है। यह न केवल एक उत्कृष्ट कथा है, अपितु प्रगाढ़ आंतरिक संदेशों से भी गर्भित है, जो विवेकी पाठकों के लिए अत्यंत रुचिकर होंगे। आदिशंकराचार्य की रचनाओं में अभिव्यक्त उनके दर्शन की यत्किंचित् व्याख्या एक गुरु और साधक के बीच संवाद के रूप में इस उपन्यास में प्रस्तुत है। गुरु पूछते हैं—‘‘तुम किसकी खोज कर रहे हो?’’ साधक उत्तर देता है—‘‘मैं उपनिषदों द्वारा व्याख्यायित उस आदर्श अवस्था की खोज में हूँ—वह अवस्था, जिसमें सारे दुःखों व संघर्षों का अंत होता है और जिसमें आनंद एवं निश्चिंतता का प्रकाश है।’’ ‘‘तुम्हारा अन्वेषण उचित है, अशोक! तुम वही खोज रहे हो, जो तुम्हारा जन्मसिद्ध अधिकार है।’’ गुरु कहते हैं।
सभी आयु वर्ग के पाठकों हेतु जानकारीपरक एवं अत्यंत रुचिकर उपन्यास।
Rs.225.00 Rs.250.00
Weight | 0.290 kg |
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Dimensions | 8.7 × 5.57 × 1.57 in |
- Karan Singh
- 9789386231895
- Hindi
- Prabhat Prakashan
- 1
- 2016
- 136
- Hard Cover
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