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Shrimad Bhagwad Gita Vigyan Bhashyam 15


श्रीमदभगवदगीताविज्ञानभाष्यम् (शीर्षकवडापरपर्यायमूल)
पण्डित मधुसूदन ओझा ग्रन्थमाला 15
प्रस्थानत्रयी के हृदय के रूप में प्रतिष्ठित भक्ति, ज्ञान और कर्म की पावन त्रिवेणी, ‘भग’ सम्पत्ति को प्राप्त कराने वाली ‘श्रीमद्भगवद्गीतोपनिषद्’ मन्वादिस्मृतियों की तरह केवल विधिनिषेधात्मक शास्त्र न होकर श्रुति की तरह अपने रहस्यज्ञान का प्रतिपादन करने वाली है। चूँकि गीता से भगवत्प्राप्ति होती है, इसलिए यह भगवत्’ है, शब्दवाक् होने से यह ‘गीता’ है तथा रहस्य का प्रतिपादन करने वाली होने से यह ‘उपनिषद्’ है। इस तरह ‘भगवद्गीतोपनिषद् नाम का निष्कर्ष है—’भगवत्प्राप्त्युपायभूत-शब्दवाङ्मयरहस्यशास्त्र’ ।
भगवान् श्रीकृष्ण द्वारा उपदिष्ट ज्ञानामृतप्रवर्षिणी सर्वशास्त्रमयी ‘भगवद्गीता’ अपने सार्वकालिक महत्त्व के कारण अनेक व्याख्या एवं भाष्यग्रन्थों से युक्त होने पर भी पण्डित मधुसूदनओझा कृत विलक्षण गीताविज्ञानभाष्य’ से सुवर्णसौरभसम्पृक्त सी हो गयी है।

Rs.470.00

Shrimad Bhagwad Gita Vigyan Bhashyam

श्रीमदभगवदगीताविज्ञानभाष्यम् (शीर्षकवडापरपर्यायमूल)
पण्डित मधुसूदन ओझा ग्रन्थमाला 15

Weight .675 kg
Dimensions 8.66 × 5.57 × 1.57 in

पण्डित मधुसूदन ओझा ग्रन्थमाला 15
Author : Madhusudan Ojha, Satya Prakash Dubey
Language : Sanskrit, Hindi

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