Smartkund Samikshadhyay
स्मार्तकुण्डसमीक्षाध्याय (हिन्दीभाषानुवादसहित)
पण्डित मधुसूदन ओझा ग्रन्थमाला – 8
स्मार्तकुण्डसमीक्षाध्याय (हिन्दीभाषानुवादसहित)
पण्डित मधुसूदन ओझा ग्रन्थमाला – 8
यज्ञ सृष्टि की प्रथम व्यवस्था है, द्रव्यत्याग, भोगत्याग तथा सुखत्याग ही यज्ञ का स्वरूप है। एक आत्मा यज्ञधर्म का अनुसरण करके अनेक बनता है तथा वह अनेक उसी देवनिर्मित मूलधर्म का अनुसरण करके अर्थात् यज्ञ में स्वत्व का उत्सर्ग करके पुनः एकत्व में अवस्थित होता है। यह वेदोक्त यज्ञ का सिद्धान्त पक्ष है इस दृष्टि से प्रकृति की प्रत्येक क्रिया एवं मनुष्य की प्रत्येक चेष्टा यज्ञ है। इस यज्ञ के व्यवहारपक्ष का सूक्ष्म, मार्मिक एवं वैज्ञानिक निरूपण प्रकृत ग्रन्थ में किया गया है।
Rs.180.00
Smartkund Samikshadhyay
स्मार्तकुण्डसमीक्षाध्याय (हिन्दीभाषानुवादसहित)
पण्डित मधुसूदन ओझा ग्रन्थमाला – 8
| Weight | 0.450 kg |
|---|---|
| Dimensions | 8.66 × 5.57 × 1.57 in |
Author : Madhusudan Ojha, Ganeshilal Suthar
Language : Sanskrit, Hindi
Publisher : Pt. Madhusudan Ojha Research Cell
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.
There are no reviews yet.