Author: S. N. Khandelwal
प्रतिसर्ग पर्व की भविष्यवाणियाँ
भविष्य पुराण के प्रतिसर्गपर्व के तृतीय तथा चतुर्थ खण्ड में इतिहास की महत्त्वपूर्ण सामग्री विद्यमान है। इसमें प्राचीनकाल के चक्रवर्ती सम्राट इक्क्षवाकु, सम्राट मांधाता, सम्राट हरिशचंद्र, सम्राट सगर, सम्राट भगीरथ, महाराजा दिलीप, महाराजा रघु, महाराजा दशरथ, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीरामजी,महाराजा कुश, महाराज नल आदि प्रमुख सूर्यवंशी सम्राटों तथा महाराजा सुद्दयुमन(इला), महाराजा नाहुष, महाराजा ययाति, महाराजा भरत, महाराज शांतनु, भगवान श्रीकृष्ण, चक्रवर्ती सम्राट युधिष्ठिर, सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य, बिंदुसार, दिग्विजयी सम्राट विक्रमादित्य, सम्राट शालिवाहन, चक्रवर्ती सम्राट भोजराज तथा मध्यकालीन हर्षवर्धन, महाराज पृथ्वीराज चौहान, महावीर बप्पा रावल, आदि हिन्दू राजाओं और अलाउद्दीन, मुहम्मद तुगलक, तैमूरलंग, बाबर तथा अकबर, पेशवा माधवराव आदि का प्रामाणिक इतिहास निरूपित है। जगद्गुरु श्री आदि शंकराचार्य जी,श्री चैतन्य महाप्रभु,श्री रामानुजाचार्य, मीराबाई, गुरु नानक देवजी, कबीरदास जी, तुलसीदास जी,सूरदास जी ,भगवान स्वामीनारायण ईसा मसीह के जन्म एवं उनकी भारत यात्रा, हजरत मुहम्मद का आविर्भाव, द्वापर युग के चन्द्रवंशी राजाओं का वर्णन, जगद्गुरु श्री आदि में होने राजाओं, बौद्ध, मौर्य,नंद,शिशुनाग, चालुक्य गुजरात,गुहिल वंशी राजाओं तथा चौहान एवं परमार वंश,पुरी के किलकिला (नागवंश) के राजाओं तक का वर्णन इसमें प्राप्त होता है।
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