Author: M.L. Kharey
Year: 2010
Binding: (PB)
ISBN: 9788188643288
Pages : 48
Language: Hindi
Weight | .250 kg |
---|---|
Dimensions | 7.50 × 5.57 × 1.57 in |
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Year: 2010
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ISBN: 9788188643288
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गलियाँ, तेरे संग यारा, कौन तुझे यूँ प्यार करेगा, मेरे रश्के-क़मर, मैं फिर भी तुमको चाहूँगा जैसे दर्ज़नों लोकप्रिय गीत लिखने वाले मनोज ‘मुंतशिर’, फिल्मों में शायरी और साहित्य की अलख जगाए रखने वाले चुनिंदा क़लमकारों में से एक हैं। वो दो बार IIFA अवार्ड, उत्तर प्रदेश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘यश भारती’, ‘दादा साहब फाल्के एक्सेलेन्स अवार्ड’, समेत फ़िल्म जगत के तीस से भी ज्यादा प्रतिष्ठित पुरस्कार जीत चुके हैं। फ़िल्मी पण्डित और समालोचक एक स्वर में मानते हैं कि ‘बाहुबली’ को हिन्दी सिनेमा की सबसे सफल फ़िल्म बनाने में, मनोज ‘मुंतशिर’ के लिखे हुए संवादों और गीतों का भरपूर योगदान है। रुपहले परदे पर राज कर रहे मनोज की जड़े अदब में हैं। देश-विदेश के लाखों युवाओं को शायरी की तरफ वापस मोड़ने में मनोज की भूमिका सराहनीय है। मेरी फितरत है मस्ताना… उनकी अन्दरूनी आवाज़ है। जो कुछ वो फ़िल्मों में नहीं लिख पाये, वो सब उनके पहले कविता संकलन में हाज़िर है।
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