वेदों में ईश्वर का स्वरूप
Vedon me Ishwar ka Swaroop
विद्वान् मनीषी व सुचिंतक श्री वेद प्रकाश जी द्वारा अपने ग्रंथ का नाम ‘वेदों में ईश्वर का स्वरूप‘ इसलिए रखा है की ब्रह्म को वेद की दृष्टि से जानने की जिनकी इच्छा है वह इसे पढ़कर तृप्त हों और ब्रह्म के वास्तविक स्वरूप को जान सकें।
इस क्रम में उन्होंने एक सौ ऐसे मंत्रों का चयन किया है, जिनमें ईश्वर के गुण, कर्म और स्वभाव का स्पष्ट प्रतिपादन है।
आपने अपने इस संग्रह में महर्षि दयानंद के वेद भाष्य को ही आधार बनाकर, उन्हीं की चिंतन परंपरा को आगे बढ़ाया है। जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्त होने का यदि कोई उपाय है तो वह है उस आनंदघन पारब्रह्म को जानना, उसकी आज्ञा का पालन करना, उसको प्राप्त करना।
उस पारब्रह्म को जानने के लिए आईए हम अपनी ब्रह्म-विषयक जिज्ञासा को इस पुस्तक द्वारा शांत करें। -आचार्य नंदिता शास्त्री चतुर्वेदी, वाराणसी
Rs.260.00
Weight | .425 kg |
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Dimensions | 8.7 × 5.51 × 1.57 in |
AUTHOR : Shri Ved Prakash
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