Vibhajit Bharat “विभाजित भारत” Book In Hindi – Ram Madhav
14-15 अगस्त, 1947 की आधी रात कोभारत ब्रिटिशि दासता से मुक्त हो गया, लेकिन साथ ही देश-विभाजन की त्रासदी काभी साक्षी बना। हालाँकि कोई नहीं चाहता था कि भारत इस विभाजन का दंश झेले । परंतु जैसे नियति को टाला नहीं जा सकता, उसी तरह इसे भी नहीं टाला जा सका। इसके चार दशक पहले सन् 1905 में ब्रिटिशों द्वारा बंगाल का विभाजन किया गया था। इस विभाजन के विरोध में बहुत बड़े आंदोलन ‘बंदे मातरम्’ की शुरुआत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा की गई थी । परिणामस्वरूप ब्रिटिश सरकार को सन् 1911 में इस विभाजन को रदूद करने के लिए विवश होना पड़ा। एक देश, जिसने अपने एक प्रांत के विभाजन के ब्रिटिश सरकार के फैसले को बदलने के लिए मजबूर कर दिया। ऐसा क्या हुआ कि वही ब्रिटिश सरकार चार दशक बाद उस पूरे देश का विभाजन करने में सफल हो गई ? ऐसा क्यों हुआ ? ऐसे कौन से गलत कदम थे, जिनके कारण ऐसा हुआ था? इसके लिए कौन जिम्मेदार था ? ऐसे अनेक प्रश्नों का विश्लेषणात्मक विवरण प्रस्तुत है इस पुस्तक में, जो भारत-विभाजन की अनेक अनकही और अनजानी बातों तथा तथ्यों को अनावृत करती है ।
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